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Wednesday, 14 September 2016

रिलायंस जियो का पूरा प्लान विस्तार से समझे

by Amar Ujala Now  |  in हॉट टॉपिक at  00:06



रिलायंस उद्योग समुह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के प्लान की पहली झलक पेश की हैं। जिसने बाकी सभी मोबाइल आॅपरेटरो के साथ-साथ आम लोगो के भी होश उड़ा दिये है। पहले कंपनी अपने मोबाइल लाइफ के साथ ही अपना सिम दे रही थी। जिसमे 3 महीने तक अनलिमिटेड 4जी डेटा और फ्री काॅलिंग के साथ-साथ और जियो के सभी सेवाय भी मुफ्त थी। इसके बाद कंपनी कुछ मोबाइल हैडसेट के लिए अपना सिम ले कर आयी जैसे सैमसंग, माइक्रोमैक्स आदि और धीरे-धीरे इसमे कुछ और कंम्पनीयो को जोड़ा। लेकिन अब 5 सितंम्बर से कंपनी ने सभी 4जी हैडसेट के लिए अपना सिम देने का ऐलान किया है। और यदि आप अपने आधार कार्ड से सिम लेते है तो 15 मिनट में आपका सिम एेक्टिवेट हो जायेगा। अपने सिम पर कंपनी ने 31 दिसंबर तक अनलिमिटेड 4जी डेटा के साथ-साथ अनलिमिटेड काॅल, अनलिमिटेड मैसेज, अनलिमिटेड विडियो काॅल और मुफ्त में अपनी अन्य सेवाय देने का फैसला किया हैं। इसके साथ ही पूरे देश में रोमिंग फ्री होगा।



31 दिसंबर के बाद आपको मासिक किराया देना होगा और कंपनी आपसे सिर्फ डेटा का शुल्क लेगी। इसके लिए कंपनी ने 149, 499, 999 जैसे मासिक प्लान ले कर आयी है जिसे आप अपने जरुरत के मुताबिक ले सकते हैं। इन सभी प्लान मे देश भर में रोमिंग फ्री हैं। 499 रु. और उससे उपर के प्लान में नाइट डेटा फ्री हैं जिसका समय रात्रि के 2 बजे से 5 बजे तक होगा। यदि आप डेटा का टाॅपअप कराते है तो आपको 50 रु. प्रति जीबी डेटा मिलेगा। ये 50रु. प्रति जीबी डेटा आप केवल रिलांयस जियो के शहर मे बनाये जियो नेट हाॅटस्पाट से ही प्रयोग कर पायेगे। यदि आप अपने मोबाइल में डेटा प्रयोग करना जाहते है तो 151 रु. का रिचार्ज कराना होगा जिसमे आपको 1 जीबी डेटा 4जी एलटीई पर मिलेगा और 1 जीबी डेटा जियो नेट हाॅटस्पाट पर यूस के लिए मिलेगा।


आप को बता दे कि रिलायंस जियो केवल 4जी एलटीई पर काम करता है इसके लिए आपका मोबाइल 4जी होना जरुरी है। ये आपके पुराने 2जी या 3जी मोबाइल पर काम नही करेगा। 

Thursday, 14 January 2016

असली और नकली नोट की पहचान

by Amar Ujala Now  |  in टिप्स और ट्रिक्स at  01:58
जिंदगी जीने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है, “रुपया-पैसा”| व्यक्ति कितना ही अमीर हो, मध्यम वर्ग का हो, या गरीब हो, हर एक की सबसे पहली जरुरत रुपया है| बिना रुपयों के जिंदगी का एक पल नही निकल सकता कोई| हर तरीके से, हर किसी की जिंदगी मे, रुपयों का बहुत अधिक महत्व है| और प्रत्येक व्यक्ति रूपये कमाने की भागमभाग मे दिन-रात लगा रहता है|
जब कोई व्यक्ति पूरी मेहनत व ईमानदारी से रूपये कमाता है तो, वह उसका हर तरीके से सही ओर सदुपयोग करता है| दुनिया बहुत बड़ी है, यहाँ हर तरह की सोच वाले व्यक्ति रहते है| उनमे से कुछ ऐसे भी होते है, जो मेहनत करना ही नही चाहते, ईमानदारी से रहना तो दूर, उसकी सोचते तक नही| ऐसे लोग रूपये कमाने की आसान से आसान तरकीब निकाल लेते है, उसके लिये वह कुछ भी अपराध तक कर लेते है| जिसके चलते नोटों की हेराफेरी दिनों दिन बढ़ रही है|
नकली नोटों को असली नोटों मे इतनी बहुखूबी से बदला जा रहा है कि, आम व्यक्ति के लिये पहचानना बहुत ही मुश्किल हो गया| मुख्य रूप से एक अनपढ़ व्यक्ति के लिये जिसे पहले से कोई समझ नही है, उस पर उसे नोटों की पहचान जो उस व्यक्ति के समझ से परे है|

असली और नकली नोट की पहचान कैसे होती है ?

Asli aur nakli note ki pehchan hindi

सबसे पहले नोटों को उनके रंग और माप(Size) के हिसाब से जाँचा जायेगा, जिसे कम पढ़ा-लिखा या अनपढ़ व्यक्ति भी समझ सकता है |

  1. नोट पर रजिस्टर्ड चिन्ह के माध्यम से देखना – किसी भी नोट के सीधे भाग को जब भी हाथ मे लेंगे तब उल्टे/बाये हाथ की तरफ (Left-hand Side) तथा नोट के पीछे वाले भाग पर सीधे/दाये हाथ की तरफ(Right-hand Side) मध्य मे एक छोटी सी डिज़ाइन जो हर नोट मे बहुत छोटे फ्लावर या छोटी-छोटी पत्ति के रूप मे अलग-अलग होती है,उसे देखेगे| जैसे –
                                                            
  1. पहचान चिन्ह- पांच व दस रूपये की नोट छोड़ कर, सभी नोटों पर नोट के सीधे भाग के बाये तरफ(Left-hand Side) एक बहुत छोटा सा चिन्ह होता है| जोकि इस प्रकार है

  1. अद्रश्य चित्रांक (SPECIMEN) – हर नोट पर एक सफेद रंग की प्रति होती है जिस पर अद्रश्य रूप से एक चित्रांक होता है| वर्तमान मे महात्मा गाँधी जी का अद्रश्य चित्रांक है जोकि सामान्यतया नही देखती नही परन्तु नोट की पहचान के लिये उसे रोशनी मे देखे तब वह चित्रांक दिखाई देगा| जो इस प्रकार है- 
                                                          
  1. स्याही की पहचान- हर नोट पर उस रंग के नोट के हिसाब से डार्क व अलग रंग की स्याही का उपयोग होता है| जो उस नोट के मध्य मे, हिन्दी व इंग्लिश दोनों मे वह नोट कितने का है, यह अंको व शब्दों मे लिखा होता है| जैसे-
                                        
  1. सीरिज लिखी होना – हर नोट पर एक अलग सीरिज जो की न्यूमेरिकल नंबर के रूप मे होती है| जोकि सभी नोटों पर भिन्न-भिन्न होती है| नोट के सीधे भाग पर दोनों तरफ अर्थात् बायी तरफ(Left Side) मे नीचे(Bottam) तथा दायी तरफ(Right Side) मे उपर की ओर होती जो बिल्कुल एक जैसी होती है, जैसी ऊपर वैसी नीचे| उदाहारण –
                                               
  1. तार देखना – हर नोट के सीधे भाग पर दाये हाथ(Right-hand Side) की ओर एक लंबा तार या धागा होता है, जिसपर RBI व भारत लिखा होता है| नोट को उजाले की तरफ करते ही RBI व भारत बहुत ही साफ रूप से दिखाई देते है, जो किसी भी नोट की बहुत बड़ी पहचान है| जिसे देख कर नोट की असलीयत बहुत ही आसानी से हो जाती है| जोकि इस प्रकार है –
                                                                 
  1. गवर्नर के हस्ताक्षर – हर नोट को सर्टिफाइड करने के लिये, उस पर नोट के सीधे भाग पर मध्य मे, जो भी गवर्नर पद पर आसीन है, उसके हस्ताक्षर जरुर होते है| वह हस्ताक्षर हिन्दी व इंग्लिश दोनों मे होते है| उदाहरण –
                                                                
  1. वर्ष लिखित होना – हर नोट के पीछे के भाग मे, मध्य मे सबसे नीचे की ओर, जिस भी वर्ष मे वह नोट छपा है, वह वर्ष अंको मे बहुत ही छोटे रूप मे लिखा होता है| जैसे –
                                                                   
मुख्य रूप से नोट की असली ओर नकली होने की जांच इसी तरीके से की जाती है| जैसे, नोट चेक (जांचने) की मशीन भी आने लगी है|

कंप्यूटर वायरस इतिहास, निबंध व बचने के उपाय

by Amar Ujala Now  |  in निबंध at  01:23
एक दशक पूर्व, लोग कम्प्युटर को जानते तक नही थे| परन्तु बदलते समय के साथ, कम्प्युटर का इतना उपयोग होने लगा है, कि आज का युग कम्प्युटर का युग कहा जाने लगा| आज के समय मे, कम्प्युटर व्यक्ति का हाथ या जिन्दगी का एक अहम हिस्सा बन चूका है| जिस तरह से कम्प्यूटर का उपयोग बढ़ रहा है, उसके चलते कम्प्यूटर मे होने वाली समस्याए भी बढ़ रही है| जिसकी सबसे बड़ी समस्या उसमे होने वाला वायरस है|

कंप्यूटर वायरस इतिहास, निबंध व बचने के उपाय

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सामान्य जिंदगी मे, यदि कोई व्यक्ति 2-3 दिन के लिए भी बीमार हो जाता है तो, वह कमजोरी महसूस करने लगता है| ठीक उसी तरह कम्प्यूटर मे वायरस  जोकि, वाइरल की तरह है| कम्प्यूटर मे होते ही उसकी गति को धीमा कर, उसके डाटा (Data) को नष्ट करने लगते है| आगे हम इसके बारे मे विस्तार से देखेंगे|
कम्प्यूटर वायरस के सम्बन्ध मे महत्वपूर्ण बिन्दु
  • वायरस  क्या है?
  • वायरस की इतिहास (History)
  • कम्प्यूटर वायरस के प्रकार
  • कम्प्यूटर वायरस के हानिकारक प्रभाव
  • वायरस के कारण
  • वायरस से बचने के उपाय/तरीके
कंप्यूटर वायरस क्या है (What is Computer Virus) ?
बहुत ही प्रचलित शब्द है, आम जिंदगी का| वायरस एक तरह का विषाणु या कीड़ा है जोकि, बहुत तीव्रता से फैलता है| वायरस कई तरीके का होता है जो,किसी भी माध्यम से कम्प्यूटर मे जाकर, उसे नष्ट कर देता है|
कंप्यूटर वायरस की इतिहास (History of Computer Virus)
कम्प्युटर बहुत ही पुराना इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है| अर्थात जब से, कम्प्यूटर बना उससे संबंधित समस्याओं का विकास हुआ| बिल्कुल उसी तरह कम्प्यूटर वाइरस जो कि कम्प्यूटर की सबसे बड़ी समस्या है ,का इतिहास भी बहुत पुराना है|
मैलवेयर (Malware) कम्प्यूटर मे होने वाले वायरस का नाम है, जोकि एक दीमक की तरह कम्प्यूटर के डाटा (Data) को नष्ट कर देता है|
Malware वायरस का संक्षिप्त इतिहास –
बदलते समय के साथ वायरस के नाम परिवर्तित होते चले गये| Malware वायरस के नाम की संक्षिप्त सूची
नंबरवर्षवायरस का नाम
11949सेल्फ – रिप्रोड्युसिंग ऑटोमेटा
21959कोर वारस
31971क्रीपर
41981एलक क्लोनेर
51986ब्रेन
61988द मोरिस वोर्म
71995कांसेप्ट
81998सी.आई.ऐच वायरस
91999हैप्पी99
102000आई लव यू वायरस
112001ऐना कौर्निकोवा
122002एल.एफ.एम-926
132004मायडूम
142006ओ.एक्स.एस/लीप-A
152007स्टॉर्म वोर्म
162010केंज़ेरो
172014बेकऑफ
इसके आलावा और भी बहुत प्रकार के वायरस होते थे, परन्तु यह कुछ प्रमुख नाम है|
कम्प्यूटर वायरस के प्रकार
  1. रेसिडेंट वायरस (Resident Virus) – यह वायरस रेम (RAM) मे स्थायी रूप से हो जाते है| यह सिस्टम को ओपरेट करने मे, शट-डाउन करने मे, डाटा को कॉपी-पेस्ट करने मे बाधा उत्पन्न करता है|
  2. ओवर-राइट वायरस (Overwrite Virus) – यह वायरस से इन्फेक्टेड फाइल होती है, जोकि फाइल के ओरिजिनल डाटा को नष्ट कर देती है|
  3. डायरेक्ट एक्शन वायरस (Direct Action Virus) – यह वायरस, हार्ड ड्राइव रूट डायरेक्टरी (Hard Drive’s Root Directory) के अंदर होता है| जो फाइल और फोल्डर को डिलीट (Delete) कर देता है|
  4. फाइल इन्फेक्टोर्स (File Infectors) – यह वायरस बहुत ज्यादा हानि पहुचता है क्यों कि, यह सीधे Running की फाइल पर असर कर डाटा नष्ट कर देता है| आज-कल ये ही वायरस सिस्टम मे होता है, जो डाटा को हटा देता है|
  5. बूट वायरस (Boot Virus) – फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) और हार्ड ड्राइव (Hard Drive) को सबसे ज्यादा नुकसान पहुचाती है| और इन्हें चलने से रोक देते है|
  6. डायरेक्टरी वायरस (Directory Virus) – यह एक बहुत ही अजीब किस्म का वायरस होता है| यह फाइलों के Path ओर Location चेंज कर देता है| Main Location से ले जाकर कही भी फाइल को छोड़ देता है|
  7. मैक्रो वायरस (Macro Virus) – इस वायरस का असर निश्चित (Particular) प्रोग्राम और एप्लीकेशन पर ही होता है| ये उनकी Speed मे परिवर्तन करता है|
  8. ब्राउज़र हाईजैक वायरस (Browser Highjack Virus) – 2014-2015, अर्थात् यह वर्तमान मे फैला हुआ वायरस है| बढ़ते इंटरनेट उपयोग के चलते ये बहुत आसानी से किसी Website, Games, File के जरिये System मे प्रवेश करती है| और इसकी Speed और अन्य फाइलों पर नष्ट कर देते है|
कम्प्यूटर वायरस के हानिकारक प्रभाव
  • वायरस कम्प्यूटर की गति धीमी कर देता है|
  • वायरस कम्प्यूटर के किसी भी फाइल या प्रोग्राम को नष्ट कर सकता है|
  • वायरस System की Windows के बूट मे समस्या उत्पन्न कर उसे नष्ट कर सकता है|
  • वायरस होने के कारण System की Power Consume (बिजली की खपत) करने की क्षमता बढ़ जाती है|
  • बड़े-बड़े ऑफिस, फर्म, स्कूलों, कालेजों मे जहा भी लेन (LAN) मे कई सिस्टम जुड़े होते है, वहा वायरस तेजी से फैलता है, ओर नुकसान का कारण बनता है|
वायरस के कारण
हाईटैक जमाने के अनुसार, कम्प्यूटर और उससे संबंधित उपकणों का उपयोग बहुत बढ़ रहा है| एक छोटे बच्चे से लेकर तो बड़े बुजुर्ग तक कम्प्यूटर व मोबाइल का उपयोग करने लगे है| पर ये लोग कम्प्यूटर वायरस से परिचित नही है| जिसके चलते वह बिना सोंचे, सिस्टम का उपयोग करते है जिससे, सिस्टम मे वायरस आ जाते है| जैसे-
  • पैन ड्राइव को स्कैन किये बिना Use करना|
  • ऑनलाइन गेम, मूवी देखना|
  • कोई भी प्रोग्राम, फाइल, डाटा ऑनलाइन डाउनलोड करना|
  • मोबाईल और अन्य डिवाइस से सिस्टम को जोड़ना|
  • LAN मे कई सिस्टम को चलाना|
  • सिस्टम मे Anti-virus का आउटडेट होजाना|
वायरस से बचने के उपाय/तरीके
  • System मे , किसी अच्छी कम्पनी का Anti-Virus डाले व उसे रजिस्टर्ड करे|
  • एंटीवायरस की Last Date याद रख उसे अपडेट कराये|
  • जब भी कम्प्यूटर से मोबाईल, पेनड्राइव या कोई भी डिवाइस जोड़ते ही उसे स्कैन करे|
  • ऑनलाइन जब भी कुछ देखे या डाउनलोड करे तो उसे अच्छी और रजिस्टर्ड Site से ही डाउनलोड करे|
  • सिस्टम का डाटा Save कर, उसका बैकअप लेकर System को एक समय के बाद फॉर्मेट कराये|

कम खर्च मे नये बिज़नस की शुरवात करने के लिए कुछ आइडिया

by Amar Ujala Now  |  in टिप्स और ट्रिक्स at  00:20
पैसा ज़िंदगी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है| हर व्यक्ति अपने जीवन के एक निश्चित समय के पश्चात उस दौर मे आता है, जब वह पैसा कमाने लगता है या पैसा कमाना चाहता है। आज कल हमारी पढ़ाई हमारा ज्ञान इस तरह का है कि हम सब के दिमाग मे कुछ न्यू आइडियास होते है| आजकल के युवाओ का कुछ नया करने का जुनून देखते ही बनता है। परंतु यह जरूरी नहीं है कि हम सब नया बिज़नेस शुरू करने के लिए सक्षम हो और अगर नये बिज़नेस की शुरूवात कर भी लेते है, तो उसे उसी तरह से चलाये रखना भी आसान बात नहीं है।

अगर कोई व्यक्ति अपना खुद का बिज़नेस स्टार्ट करना चाहता है तो उसके लिए जरूरत होती है अच्छी प्लानिंग की और बिज़नस शुरू करने के लिए पर्याप्त राशि की। इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि आप कम पैसे मे अपना स्वयं का बिज़नेस स्टार्ट नहीं कर सकते । यहा हम कुछ बिज़नेस आइडियास की लिस्ट दे रहे है जिससे आप अपना स्वयम के बिज़नेस का शुभारंभ कम राशी मे भी कर सकते है।

कम खर्च मे नये बिज़नस की शुरवात करने के लिए कुछ आइडिया

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  1. रिक्रूटमेंट फ़र्म (Recruitment Firm): रिक्रूटमेंट फ़र्म मतलब ऐसी कंपनी से है, जो युवाओ को उनकी रिलेटेड फील्ड मे जॉब दिलवाती है। अगर आप इस तरह के बिज़नेस के बारे मे सोचते है, तो आपको इसके लिए जरूरत होगी अपना नेटवर्क बनाने की । आज कल तो कई कंपनीया खुद इस तरह की फ़र्म को अपने लिए सही व्यक्ति हायर करने के कुछ रूपय कैंडिडैट की सैलरी मे से % के रूप मे देती है ।
  2. रियल स्टेट कंसल्टेंसी (Real Estate Consulting) : व्यक्ति जितना अधिक कमाता है, उतना ही वह इन्वेस्ट करता है और प्रोपर्टी मे इन्वेस्ट तो सबसे अधिक फायदे का सौदा है, और यदि कोई व्यक्ति अपनी प्रोपर्टी किसी रियल स्टेट फ़र्म की सहायता से खरीदता है, तो वह उसके लिए रियल स्टेट फ़र्म को प्रोपर्टी की कीमत का 1% या 2% अदा करता है| जो कि एक काफी अच्छी राशी होती है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि किसी भी रियल स्टेट फ़र्म को स्टार्ट करने के लिए इनवेस्टमेंट राशी बहुत ही कम होती है।
  3. ऑनलाइन मार्केटिंग (Online Shopping Portals): यहा ऑनलाइन मार्केटिंग से मेरा मतलब किसी भी तरह की वस्तु जैसे महिलाओ के उपयोग की वस्तुए, किराने का सामान, कपड़े या अन्य कोई भी वस्तु आप ऑनलाइन सेल कर सकते है। इसमे फायदा यह होता है, कि आपको किसी तरह का स्टॉक नहीं रखना होता| आप ऑर्डर मिलने पर वस्तु लेकर पुनः सेल कर सकते है। इस तरह आप बड़े भारी इनवेस्टमेंट से बच जाते है।
  4. ऑनलाइन ब्लॉगिंग और खुद की वैबसाइट बनाना (Blogging and Website) : आज कल के समय मे यह सबसे अच्छा बिज़नेस है जिसे आप घर बैठे और अपने समय के अनुरूप काम करके पैसा कमा सकते है । इस बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए आवश्यक राशी बहुत कम जो कि वेबसाइट का नाम लेने के लिए आवश्यकता होती है। अगर आप अपनी होस्टिंग नहीं चाहते तो, आप गूगल ब्लोगेर का इस्तेमाल कर अपनी साईट सुरु कर सकते हैं| जिसमे बहुत सारी डिजाईन ब्लॉग के लिए उपलब्ध होती है| जिनका उपयोग कर आप लिखना सुरु कर सकते हैं| जैसे जैसे आपका ब्लॉग पोपुलर होगा आपकी कमी होने लगेगी|
  5. इवैंट मेनेजमेंट फ़र्म (Event Management): आज कल के समय मे हर कोई बहुत व्यस्त है और किसी के पास इतना समय नहीं है, कि वह अपने घर का हर कार्यक्रम खुद प्लान कर पाये। आज कल घर का कोई भी कार्यक्रम हो चाहे छोटा या बड़ा व्यक्ति चाहता है कि कोई और इसे प्लान कर दे । तो इवैंट मेनेजमेंट फ़र्म वो फ़र्म होती है जो कि किसी और के लिए उसका कार्यक्रम आयोजित करती है । और इसके बदले मे वह कुछ पैसे लेती है। यह भी एक तरह का बिज़नेस है, जिसमे इनवेस्टमेंट राशी बहुत ही कम होती है।
  6. ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (Training Institute): आज कल के समय मे यह बिलकुल भी जरूरी नहीं है, कि किसी भी प्रकार का ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्टार्ट करने के लिए आप उस काम मे सक्षम हो। आप इसके लिए ट्रेनर बाहर से भी हायर कर सकते है और कम पैसे मे अपना बिज़नेस स्टार्ट कर सकते है।
  7. ज्वेलरी बनाना (Jewel Making): अगर आपको ज्वेलरी डिज़ाइन करने का थोड़ा भी आइडिया है, तो आप बहुत थोड़ा सा इन्वेस्ट करके इस बिज़नेस को बहुत अच्छे से सेट कर सकते है।
  8. महिलाओ के लिए जिम : आज कल के समय मे हर दूसरी महिला का वजन बड़ा हुआ है, तो महिलाओ के लिए जिम एक बहुत ही अच्छा आइडिया है। क्यूकि महिलाओ के लिए कम मशीनों के साथ भी जिम शुरू कर सकते है इसमे केवल कुछ जरूरी मशीनों की ही आवश्यकता होती है। इसलिए जिम मे इनवेस्टमेंट भी पुरुषो के जिम की अपेक्छा कम होता है।
  9. मोबाइल फूड कोर्ट (Mobile Food Vendor): आज कल के समय मे किसी के पास भी ज्यादा समय नहीं होता। इसलिए लोग होटल या रेस्टौरंट जाकर खाना खाने की अपेक्षा कई बार चाहते है, कि वे अपना खाना अपनी जगह पर ही ऑर्डर कर दे । इसलिए यह आज कल के टाइम मे यह बिज़नस का सबसे अच्छा आइडिया है।
  10. वैडिंग प्लानर (Wedding Planner): वैडिंग प्लानर मतलब किसी शादी का सारा इंतजाम अपने हाथो मे लेना| इसके बदले मे आपको अपने द्वारा किए गए इंतजाम के लिए पैसे मिलते है। क्यूकि आज कल के व्यस्त समय मे सब कुछ मैनेज करना कठिन होता है, जिसके कारण लोग इसे आउटसोर्स कर देते हैं| तो यह बिज़नेस का बहुत ही अच्छा आइडिया है।
  11. कोचिंग इंस्टीट्यूट (Coaching): अगर आपका किसी सब्जेक्ट मे नॉलेज बहुत अच्छा है, तो यह आपके लिए बेस्ट आइडिया है क्यूकी इस बिज़नेस मे किसी प्रकार के शुरुवाती इनवेस्टमेंट की आवश्यकता नहीं होती।
  12. मैट्रीमोनी सर्विस : अगर आपके कांटैक्ट अच्छे है तो यह आपके लिए बेस्ट बिज़नस का आइडिया है।
  13. योगा इन्स्ट्रक्टर (Yoga Instructor): अगर आप पार्ट टाइम मे कोई बिज़नेस शुरू करना चाहते है, तो यह आपके लिए बेस्ट आइडिया है। अगर आपके पास इससे रिलेटेड सर्टिफिकेट नहीं है, तो आप कुछ कोर्सेस करके आसानी से इस तरह के सर्टिफिकेट पा सकते है और अपना बिज़नेस स्टार्ट कर सकते है।
  14. इनटिरियर डिज़ाइनर (Interior Design: ) : यह भी एक ऐसा कोर्स है, जिसका सर्टिफिकेट आप अपनी उम्र के किसी भी समय मे पा सकते है। बस जरूरत होती है इंटरेस्ट की| इसके बाद आप अपना स्वयं का बिज़नेस स्टार्ट कर सकते है।
  15. ऑनलाइन किराना शॉप (Kirana or Grocery Store): आज कल हर कोई चाहता है की उसके घर की जरूरत की चिजे उनके घर तक कोई पहुचा दे तो यह आपके लिए बेस्ट बिज़नस आइडिया है। इसमे फ़्यड़े की बात यह है की आपको बहुत ज्यादा मात्रा मे समान रखने की आवश्यकता नहीं होती।
Chote Udyog ideas kam kharch ke sath
हम आपको यहाँ कुछ और आइडियास दे रहे है जिसमे कुछ इनवेस्टमेंट की जरूरत होती है।
  • इन्शुरेंस ऐजेन्सी
  • फेस्टिवल गिफ्ट बिज़नेस
  • मेन पावर रिसोर्सिंग
  • किराना स्टोर
  • आइसक्रीम पार्लर
  • इनवेस्टमेंट फ़ौरम
  • फ़ाइनेंष्यल प्लानिंग सर्विस
  • ब्युटि और स्पा
  • गेम स्टोर
  • कार ड्राइविंग स्कूल
  • सेकंड कार डीलरशीप
  • होम पेंटर
  • ऑनलाइन बूक स्टोर
  • अपसाइकल फर्नीचर बिज़नेस
अब मैं आपको कुछ ऐसे आइडियास के बारे मे बताना चहुंगी, जिसे मेरे आस पास उपस्थित लोगो ने किया और फिलहाल मे काफी लाभ कमा रहे है।
  • मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के 2 लड़को ने अपनी जॉब छोड़कर केले के चिप्स बनाने का बिज़नेस स्टार्ट किया। और अभी उनके चिप्स बाहर एक्सपोर्ट हो रहे है।
  • खंडवा जिले मे एक व्यक्ति मे यहा पास ही मे उपस्थित पेपर मिल से वेस्टेज को एकत्र कर इससे पुश्ते बनाना स्टार्ट किया। अब उसका मासिक सप्लाइ 500 टन के आस पास है।
  • कुछ लोगो ने घरेलू उद्योग के रूप घर पर से मोमबत्ती और अगर बत्ती बनाकर बेचना शुरू किया, आज उन्होने अपना काम बहुत बड़े स्तर पर कायम कर रखा है।
  • कुछ समय पहले एक व्यक्ति ने बहुत ही छोटे स्तर पर अपने घर से पौधो को सेल करना स्टार्ट किया था। परंतु धीरे धीरे करके अब वह जिले की सबसे बड़ी नर्सरी बन चुकी है।
  • बहुत समय से बारिश न होने से फसल खराब होने के कारण किसान ने अपना मन परिवर्तित किया और अपनी जमीन पर फूलो की खेती की और साल मे 12 महीने मुनाफा कमाने लगा।
  • एक व्यक्ति ने अपने खेतो के बहुत बड़े हिस्से पर चन्दन के पेड़ लगाए, हालकी इन पेड़ो को बड़ा होने मे कई वर्ष लग गए| परंतु आज इन पेड़ो की कीमत बहुत ही बड़ी राशि है ।
  • इसी तरह बारिश समय पर न होने के कारण एक किसान ने उन्नत खेती के तरीके अपनाये और अब वह पहले से कई गुना बेहतर लाभ कमा रहा है।
  • आज कल दुनिया ने प्रगति कर ली है और छोटे बच्चे भी नेट के जरिये काफी बड़ी रकम कमा रहे है । इसी कड़ी मे विदेश की एक लड़की अपने नए नए तरीके के केक बनाने को लेकर फेमस हो गयी है। और उसकी इस बिज़नस के जरिये मासिक आय लाख मे है।

Wednesday, 13 January 2016

इनकम टैक्स बचाने के तरीके

by Amar Ujala Now  |  in टिप्स और ट्रिक्स at  03:38
इनकम टैक्स जिसके नाम से कोई भी व्यक्ति डरता है | व्यक्ति इससे बचाना चाहता है , या भरना ही नहीं चाहता | जबकि यह सोच बहुत गलत है,जब हम किसी भी काम को पूरी योजना बनाकर करे तो उसका प्रभाव सकरात्मक होता  है | ठीक इसी तरह यही बात इनकम टैक्स पर भी हमे अमल करनी चाहिए | जिस तरह टैक्स चुकाना हर व्यक्ति का कर्तव्य है, ठीक उसी तरह कानून की परिधि में रहते हुये टैक्स की प्लानिंग करना हर व्यक्ति का अधिकार है |

इनकम टैक्स बचाने के तरीके

Income tax kaise bachaye tarike saving tips in hindi

इनकम टैक्स में ,जहां आय के ऊपर टैक्स देना होता है वही, कुछ इनकम ऐसी भी है जो कि टैक्स फ्री होती है | जिस तरह व्यक्ति हमेशा अपनी आय का एक अंश अपनी बचत के रूप में रखता है वह बचत जोकि भविष्य में, उसके बुरे समय में काम आए | उसी तरह हम इनकम टैक्स प्लानिंग के साथ भर कर भविष्य में उससे बहुत सारे फायदे ले सकते है |  
इनकम टैक्स में आय के प्रमुख पांच स्त्रोत  बताये गए है –
  1. वेतन से आय (INCOME FROM SALARIES)
  2. मकान संपत्ति से आय (INCOME FROM HOUSE PROPERTY)
  3. व्यापार एवंम पेशे से आय (PROFITS AND GAINS OF BUSINESS OR PROFESSION )
  4. कैपीटल गेन से आय (INCOME FROM CAPITAL GAIN)
  5. अन्य स्त्रोत से आय ( INCOME FROMOTHER SOURCES)
यह पांच आय अपने आप में सभी आय के स्त्रोत को अपने में शामिल कर लेती है | यह सभी आय से बचने के प्रावधान आयकर में मौजूद है | जैसे – बचत योजनाए , ट्रस्ट बनाकर, हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) के द्वारा, पारिवारिक आय का डिस्ट्रीब्युशन , गिफ्ट के द्वारा , कर मुक्त आय ज्यादा से ज्यादा अर्जित करना | इस तरह की सभी आय को अपनी आय में शामिल करके हम अपने कर के दायित्व को कम कर सकते है | टैक्स प्लानिंग बहुत विस्त्रत विषय है जिसके लिए हमे एक मुनिम से लेकर चार्टेड अकाउंटेंट (CA) तथा एक वकील की साहयता लेनी चाहिए तथा उनके द्वारा बताई गयी बारीकियो को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग करनी चाहिए |
  • कितने तक की इनकम टैक्स फ्री होती है ?
  • टैक्स प्लानिंग कैसे होती है ?
  • टैक्स फ्री इनकम का लाभ कैसे ले ?
कितने तक की इनकम टैक्स फ्री होती है ?
हमे पहले यह पता होनी चाहिए कि कितने तक की इनकम टैक्स फ्री होती है | इनकम टैक्स में एक सीमा तय होती है, वहा तक की इनकम पर कोई टैक्स नही लगता है | यह सीमा हर व्यक्ति के पहले से तय होती है | उस इनकम को पार करते ही भिन्न – भिन्न दरो से हमे सरकार को कर चुकाना होता है | इसे हमने आगे चार्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया है |
टैक्स स्लैब फैनेंशियल ईयर (F.Y)2015 – 16 असिसमेंट ईयर(A.Y) 2017-18
 आय सीमामहिला/पुरुषसीनियर सिटिजनसीनियर सिटिजन
( जिसकी आयु 60 वर्ष से कम हो| )(आयु 60 वर्ष जिनकी से ज्यादा परन्तु 80 वर्ष से कम )( जिनकी आयु 80 वर्ष से ज्यादा )
2,50,000/- Rs.NILNILNIL
2,50,001 Rs.-500,000 Rs.10%10%NIL
500,001 Rs. – 10,00,000 Rs.20%20%20%
10,00,000 Rs. से ज्यादा30%30%30%
टैक्स प्लानिंग कैसे होती है ?
जिस तरह INCOME TAX ACT में प्रत्येय आय के बाद कि आय पर कर की दर तय है ठीक उसी तरह टैक्स प्लाइनिग के निवेश के प्रावधान SECTION 80 C – SECTION 80 U में मौजूद है| उनमे से प्रमुख आगे बताये गये है –
INCOME TAX ACT में SECTION 80 C, 80CCC, 80CCD में 1 LAKH से 1.5 LAKH तक का INVESTMENT किया जा सकता है|
SAVING SCHEME OF SECTION 80 C
  • नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NATIONAL SAVING CERTIFICATES )(NSC SCHEME)
  • जीवन बीमा प्रिमियम (LIFE INSURANCE POLICIES)
  • EQUITY LINKED SAVINGS SCEHEME (ELSS)
  • UNIT LINKED INSURANCE PLAN (ULIP)
  • CONTRIBUTION TO EPF / GPF
  • PUBLIC PROVIDENT FUND (PPF)
  • TUTION FEES (ANY TWO CHILDREN)
  • REPAYMENT OF HOUSING LOAN (PRINCIPAL)
इसी तरह SECTION 80 D में MEDICLAIM PREMIUM जो कि स्वयं, पति-पत्नी, बच्चे (जो माता-पिता पर निर्भर हो) को 20000/- और सीनियर सिटिज़न को 30000/- तक की छुट दी गयी है | ये सभी तथा इसके अलावा अन्य और कई ऐसे कई निवेश इनकम टैक्स में होते है जिनकी छुट INCOME TAX RETURN FILE करते समय हमे मिलती है|
टैक्स प्लानिंग के अन्य तरीके
  • परिवार के आपसी समझोते द्वारा टैक्स की प्लानिंग
  • व्यक्ति के जन्म से म्रत्यु तक की टैक्स प्लानिंग
  • गिफ्ट के द्वारा टैक्स प्लानिंग
  • अन्य सभी आय से टैक्स प्लानिंग
परिवार के आपसी समझोते द्वारा टैक्स की प्लानिंग-
इसके लिए हमे क्या करना चाहिये –
  • स्वयं की INCOME TAX RETURN FILE करने के साथ अपने परिवार के सदस्य की भी RETURN FILE करे|
  • अपने व्यस्क बच्चो के लिए टैक्स प्लानिंग करे|
  • अपने बुजुर्ग माता – पिता के टैक्स फ़ाइल् कर , अधिक आयकर स्लेब का लाभ ले|
  • वसीयत द्वारा सम्पति को ऐसे बाटे जिससे वह भार उत्तराधिकारीयो पर टैक्स के रूप में कम से कम आये|
  • पुत्रवधु की रिटर्न फाइल कर टैक्स का लाभ ले|
  • HUF बनाकर टैक्स फाइल करे|
इसी सम्बन्ध में हमे कुछ बातो की सावधानी बरतनी चाहिये
  • पति-पत्नी की आय साथ में न जोड़े |
  • माईनर बच्चो की आय की होती है, तो उसे बड़ो की आय में शामिल न करे | इसे किसी FUND या SCHEME में निवेश करे |
व्यक्ति के जन्म से म्रत्यु तक की टैक्स प्लानिंग
   जन्म पर TAX PLANNING –

नौकरी से रिटायर्मेंट तक की TAX PLANNING 


म्रत्यु के पश्चात् , INCOME TAX PLANNING – वसीयत के अनुसार, जिस भी तरह प्रॉपर्टी का विभाजन होता है ,उसे अपने कर सलाहकार को बताकर ,TAX PLANNING करे| कई बार कुछ INCOME ऐसी होती है जो कि TAXFREE होती है| जैसे – कृषि योग्य आय (AGRICULTURE INCOME)
गिफ्ट के द्वारा टैक्स प्लानिंग – अप्रैल , 2006 के बाद 50,000/- तक के गिफ्ट TAXFREE है| तथा 50,000/- से अधिक के गिफ्ट TAXEBLE होंगे |
अन्य सभी आय से टैक्स प्लानिंग
जब कभी करदाता कि आय अधिक होती है , तो वह TAX की ऐसी PLANNING करता है जिससे वह अपनी INCOME अपनों में TRANSFER कर सके | जिसके कारण उसकी TAX लिबिलिटी कम हो जाये | परन्तु कुछ बातो का ध्यान रखना होता है| जैसे –
  • सम्पति ट्रान्सफर किये बिना आय ट्रान्सफर करना
  • रिवोकेबल ट्रान्सफर की सही प्लानिंग करना
  • पत्नी/पुत्रवधू/अवयस्क बच्चो को अपनी आय ट्रान्सफर करने से बचे
  • हुण्डी पर लिया गया ऋण अथवा भुगतान
  • अस्पष्ट बैंक व्यवहार, CASH, इन्वेस्टमेंट व खर्चे
उपरोक्त POINT में टैक्स का दायित्व कर दाता पर बनेगा|
इसके अलावा COMPANY व HUF तथा ट्रस्ट बनाकर TAX SAVING करे |  
प्रमुख बाते
  • TDS यदि कटा हो तो उसे क्लेम करे|
  • कोई प्रोपर्टी खरीदें तो उसकी जानकारी दे|
  • व्यापार में बड़े व नगद व्यवहार न करे, चेक के माध्यम से ही व्यवहार करे|
  • यदि TAX / ADVANCE TAX की लाइबिलिटी बने तो  उसे निर्धारित समय भर कर ब्याज से बचे|
  • यदि बड़े व्यापार या कम्पनी का संचालन कर रहे है तो, छोटी-छोटी बातो का ध्यान रखे जैसे – बिल बनाये तथा बिल से खरीदी करे, हर तरह की आय-व्यय , क्रय-विक्रय, किये गये निवेश की रसीद को प्रॉपर फाइल करके ACCOUNT मेंटेन करे|

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