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Friday, 14 October 2016

इस नंबर पर कॉल करके पा सकते हैं रिलायंस Jio 4G सिम, ये है पूरी प्रॉसेस

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  04:05
रिलायंस जिओ सिम पाना अब और भी आसान हो गया है। अगर आप ने अब तक अपने लिए जिओ सिम नहीं खरीदा है तो ये खबर आपके लिए ही है। अब आप एक कॉल करके अपने लिए जिओ सिम पा सकते हैं। दरअसल, कंपनी ने जिओ सिम को किसी भी 4G स्मार्टफोन के लिए जारी कर दिया है। सीधे शब्दों में कहें तो अब जिओ वेल्कम ऑफर ओपेन फॉर ऑल 4G स्मार्टफोन है। कॉल करके ऐसे पाएं जिओ सिम...


रिटेल स्टोर्स से भी खरीद सकते हैं जियो सिम-

-जियो सिम पहले से रिलायंस डिजिटल स्टोर और रिलायंस डिजिटल एक्सप्रेस मिनी स्टोर्स पर उपलब्ध है। 
- अब कंपनी के सिम चुनिंदा रिटेल स्टोर पर भी मिलेंगे। 
- संभव है कि आपके इलाके में किसी मोबाइल स्टोर में भी सिम मिल जाए। 
- आपके इलाके में किन स्टोर में रिलायंस जियो सिम मिलेगा, इसकी जानकारी कंपनी की वेबसाइट से भी मिल सकती है। - jio.com पर Find a store पर क्लिक करके इस बारे में जानकारी जुटा पाएंगे।


सिम के लिए इन डॉक्युमेंट्स की पड़ेगी जरूरत-
 
- मुकेश अंबानी ने कहा था कि अगर आपके पास आधार कार्ड है तो किसी भी जिओ स्टोर से मात्र 15 मिनट में रिलायंस जिओ सिम खरीदा जा सकता है। 
- अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आपको एक एड्रेस प्रूफ, आईडी कार्ड और पासपोर्ट फोटो की जरूरत पड़ेगी। 
- आपको इन सारे डॉक्युमेंट्स की एक फोटो कॉपी दुकान में जमा करानी होगी। 
- इसके बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा। 
- साथ में ऑरिजनल डॉक्युमेंट्स भी ले जाना ना भूलें। 
- प्रॉसेस पूरा होते ही आपको रिलायंस जिओ सिम कार्ड मिल जाएगा।

Wednesday, 14 September 2016

रिलायंस जियो का पूरा प्लान विस्तार से समझे

by Amar Ujala Now  |  in हॉट टॉपिक at  00:06



रिलायंस उद्योग समुह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के प्लान की पहली झलक पेश की हैं। जिसने बाकी सभी मोबाइल आॅपरेटरो के साथ-साथ आम लोगो के भी होश उड़ा दिये है। पहले कंपनी अपने मोबाइल लाइफ के साथ ही अपना सिम दे रही थी। जिसमे 3 महीने तक अनलिमिटेड 4जी डेटा और फ्री काॅलिंग के साथ-साथ और जियो के सभी सेवाय भी मुफ्त थी। इसके बाद कंपनी कुछ मोबाइल हैडसेट के लिए अपना सिम ले कर आयी जैसे सैमसंग, माइक्रोमैक्स आदि और धीरे-धीरे इसमे कुछ और कंम्पनीयो को जोड़ा। लेकिन अब 5 सितंम्बर से कंपनी ने सभी 4जी हैडसेट के लिए अपना सिम देने का ऐलान किया है। और यदि आप अपने आधार कार्ड से सिम लेते है तो 15 मिनट में आपका सिम एेक्टिवेट हो जायेगा। अपने सिम पर कंपनी ने 31 दिसंबर तक अनलिमिटेड 4जी डेटा के साथ-साथ अनलिमिटेड काॅल, अनलिमिटेड मैसेज, अनलिमिटेड विडियो काॅल और मुफ्त में अपनी अन्य सेवाय देने का फैसला किया हैं। इसके साथ ही पूरे देश में रोमिंग फ्री होगा।



31 दिसंबर के बाद आपको मासिक किराया देना होगा और कंपनी आपसे सिर्फ डेटा का शुल्क लेगी। इसके लिए कंपनी ने 149, 499, 999 जैसे मासिक प्लान ले कर आयी है जिसे आप अपने जरुरत के मुताबिक ले सकते हैं। इन सभी प्लान मे देश भर में रोमिंग फ्री हैं। 499 रु. और उससे उपर के प्लान में नाइट डेटा फ्री हैं जिसका समय रात्रि के 2 बजे से 5 बजे तक होगा। यदि आप डेटा का टाॅपअप कराते है तो आपको 50 रु. प्रति जीबी डेटा मिलेगा। ये 50रु. प्रति जीबी डेटा आप केवल रिलांयस जियो के शहर मे बनाये जियो नेट हाॅटस्पाट से ही प्रयोग कर पायेगे। यदि आप अपने मोबाइल में डेटा प्रयोग करना जाहते है तो 151 रु. का रिचार्ज कराना होगा जिसमे आपको 1 जीबी डेटा 4जी एलटीई पर मिलेगा और 1 जीबी डेटा जियो नेट हाॅटस्पाट पर यूस के लिए मिलेगा।


आप को बता दे कि रिलायंस जियो केवल 4जी एलटीई पर काम करता है इसके लिए आपका मोबाइल 4जी होना जरुरी है। ये आपके पुराने 2जी या 3जी मोबाइल पर काम नही करेगा। 

Thursday, 14 January 2016

बजट पर निबंध

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  02:13
बजट (Budget) एक ऐसा शब्द है जोकि, आम जिंदगी मे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| कोई भी समझदार व्यक्ति अपने हर छोटे बड़े काम या कोई भी खर्चे या निवेश का बजट बना कर ही करता है| ठीक उसी तरह सरकार भी अपने मुख्य कार्य, आय-व्यय का लेखा-जोखा बजट से ही करती है| तथा हर वर्ष सरकार जनता के सामने अपना बजट प्रस्तुत करती है| बजट सरकार व प्रत्येक व्यक्ति की जिन्दगी का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा है| जिसके लिये,
भारत के संविधान (Constitution of India)
मे अलग से अनुछेद बना कर विस्तारित भी किया गया है| आजाद भारत का सबसे पहला केन्द्रीय बजट छब्बीस नवम्बर, उन्नीस सौ सैतालिस (26/11/1947) को आर.के.शंमुखम के द्वारा संसद मे प्रस्तुत किया गया था|
  • बजट की परिभाषा
  • संविधान के अनुसार बजट
  • बजट का उद्देश्य
  • बजट के प्रकार
  • बजट कैसे बनाया जाता है?
  • बजट के सम्बन्ध मे महत्वपूर्ण बाते
बजट की परिभाषा (Budget Definition)
बजट, भविष्य के लिये की गई वह योजना है जो, पूरे साल की राजस्व व अन्य आय तथा खर्चो का अनुमान लगा कर बनाई जाती है| जिसमे वित्तीय मंत्री के द्वारा, सरकार के समक्ष अपनी व्यय का अनुमान लगा कर, आने वाले वर्ष के लिये कई योजनायें बना कर, जनता के सामने हर वित्तीय वर्ष के दौरान प्रस्तुत करती है| एक आदर्श बजट वह होता है जिसमे,किसी का स्वार्थ ना हो| सरकार द्वारा उस बजट मे लोग, व्यापार, सरकार, देश, बहुराष्ट्रीय संगठन के लिये, एक व्यक्ति, परिवार, समूह के लिये अच्छी से अच्छी योजनायें बनाई गई हो तथा खर्चे व निवेश किये गये हो|
संविधान के अनुसार बजट
संविधान के अनुछेद (Artical) 112 के अनुसार, राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान ,संसद के दोनों सदनों के समक्ष वार्षिक वित्तीय विवरण रखवाते है, जिसमे सरकार के गत वर्ष के आय/प्राप्तियों व व्ययों का ब्योरा होता है|
बजट मे अनुमानित मुख्य रूप से दो मदों को लिखा जाता है –
  1. भारत सरकार की संचित निधि पर लगे व्यय|
  2. सरकार की संचित निधि के लिये किये जाने वाले अन्य व्ययों की भरपाई के लिये अपेक्षित राशि|
इसके आलावा अन्य तथा राजस्व व्ययों का विवरण बजट मे देना होता है|

बजट का उद्देश्य
प्रत्येक वर्ष के लिये सरकार पूर्व मे ही योजना बना लेती है| जिसमे सरकार की आय के स्त्रोत जैसे- भिन्न-भिन्न करो की वसूली या टैक्स, राजस्व से आय, सरकारी फीस-जुर्मना, लाभांश, दिये गये ऋण पर ब्याज आदि सभी आय और इन आय को वापस जनता के लिये लगाना बजट का मुख्य उद्देश्य होता है|
  • आर्थिक विकास की दर मे वृद्धि करना|
  • गरीबी व बेरोजगारी को दूर करना|
  • असमानताओ को दूर कर आय का सही योजनाओं मे उपयोग करना|
  • बाजार मे मूल्य व आर्थिक स्थिरता बनाये रखना|
  • अन्य सभी क्षेत्रों रेल, बिजली, वित्त, अनाज, खाद्यपदार्थ, बैंकों के लिये भी फण्ड रखना|
बजट के प्रकार
सामान्यतया सालाना बजट वित्त मंत्रालयों मे उनके बाटे गये विभाग द्वारा बनाये जाते है| जिसकी अंतिम मंजूरी राष्ट्रपति द्वारा दी जाती है जोकि, केन्द्र व राज्य सरकार दोनों के सम्बन्ध मे होती है| रेल बजट,रेल मंत्रालय द्वारा अलग से तैयार किया जाता है| बजट के मुख्य रूप से तो दो ही प्रकार होते है|
  1. केन्द्रीय बजट
  2. रेल बजट
केन्द्रीय बजट
केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया सबसे बड़ा बजट जो हर वर्ग के व्यक्ति को ध्यान मे रख कर बनाया जाता है| जिसे आम बजट भी कहा जाता है इसमें सभी तरह के प्रावधान होते है जोकि, बिल के रूप मे पारित होते है| प्रत्येक वर्ष नये बजट के साथ नये नियम व कानून के साथ पारित होते है| केन्द्रीय बजट के कई छोटे-छोटे प्रावधान है,जिनके लिये बजट बनाया जाता है,जैसे-

रेल बजट ( Rail Budget)
संसद मे रेल मंत्री द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान रेल बजट प्रस्तुत किया जाता है| जिसमे आम जनता के लिये,
  • कई नयी ट्रेनों की घोषणा की जाती है|
  • यात्रियों के लिये ई-रेलवे की सुविधाये|
  • ट्रेनों मे तथा प्लेटफार्म पर सुविधाये घोषित करना|
  • एसएमएस और नेट के द्वारा बुकिंग तथा चैकिंग की सुविधा|
यह दो मुख्य रूप से बनाये गये बजट होते है| जोकि, जहा तक संभव हो इसे फरवरी मे बनाया जाता है| और वित्तीय वर्ष के दौरान घोषित किया जाता है|
ठीक इसी तरह केन्द्र के बजट जोकि, पूरे देश पर लागू होते है| परन्तु हर राज्य का अपना एक अलग बजट बनता है जिसमे, वह राज्य के लिये प्रावधान करती है|

चीन भारत युद्ध इतिहास एवम विफलता के कारण

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  01:33
National Solidarity Day China India War Yuddh Date Result History Essay In Hindi चीन भारत युद्ध इतिहास एवम विफलता के कारण जरुर पढ़े और जाने कैसे उस वक्त रक्षा बल एवं सियासी बलों के कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा |

China India War Yuddh History

भारत चीन युद्ध का इतिहास

इतिहास के पन्नो में दर्ज एक भयानक युद्ध जो भारत चीन के बीच 1967 में हुआ था | इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन यह युद्ध हमारे देश को कूटनीति का मतलब सिखा गया था जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरुसमझ नही पाये थे | उन्होंने खुद यह बात मानी थी कि वे इसे महज एक सामान्य झगड़ा ही समझ रहे थे जो बात चीत के जरिये समाप्त हो सकता था | उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत अपने ही बनाये दायरे में वास्तविक्ता से दूर था | कई हद तक हमारे सामने साक्ष्य मौजूद थे पर हमने अनदेखा किया |
इस युद्ध में हार के पीछे तात्कालिक सरकार को कठघड़े में खड़ा किया गया स्वयंराष्ट्रपति श्री राधाकृष्णन ने ये आरोप सरकार पर लगाये | स्पष्ट कहा गया यह युद्ध लापरवाही का परिणाम था |
इतिहास के कई पन्ने यह भी कहते हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल  को हमेशा से चीन की नियत पर शक था वे उसे मुँह पर कुछ पीठ पीछे कुछ और ऐसा संबोधित करते थे उन्होंने खुद इस बात का जिक्र पंडित जवाहरलाल नेहरु  से किया लेकिन नेहरू जी ने इस बात को भी अनदेखा कर दिया |
शायद इन्ही लापरवाही के चलते चीन ने भारत पर आक्रमण किया और भारत को हार का मुख देखना पड़ा लेकिन चीन के इस कदम से उसकी अंतराष्ट्रीय छवि पर गहरा आघात पहुँचा |

China India War Yuddh Date (National Solidarity Day)

कब हुआ था चीन भारत युद्ध

चीन ने भारत पर 20 अक्टूबर 1962 को आक्रमण किया यह युद्ध 21 नवंबर तक चला | भारत को इस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा | 20 अक्टूबर का दिन National Solidarity Day (China attacked India on that day) के तौर पर याद रखा जाता हैं |
हालाँकि चीन ने 1959 से ही भारत पर छोटे-छोटे आक्रमण शुरू कर दिए थे | सीमा पर तनातनी का माहौल गहराने लगा था | शायद इसके पीछे का करण था | उस वक्त भारत ने दलाई लामा को शरण दी थी और ये बात चीन को हजम नहीं हुई और उसने कहीं न कहीं युद्ध का मन बना लिया |

China India War Yuddh Result

भारत चीन युद्ध स्थान एवं परिणाम:

भारत चीन मतभेद देश की आजादी के समय से ही चला आ रहा हैं |1962 का युद्ध सीमा युद्ध था लेकिन इसके पीछे कई कारण बताये जाते हैं | यह युद्ध भारत के उत्तरपूर्वी सीमा पर हुआ था | वर्तमान स्थिती के अनुसार यह क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश एवं चीन के अक्साई (रेगिस्तानी क्षेत्र ) था जहाँ यह युद्ध हुआ था | भारत चीन से नेपाल, भूटान एवं वर्तमान तिब्बत की सीमाओं से जुदा हुआ हैं इस प्रकार तीन अहम सीमायें हैं भारत एवं चीन के बीच |
सर्वप्रथम इस युद्ध का संकेत 1959 में हुए सीमावर्ती हमलो से मिला था | उस वक्त चीन ने लद्दाख कोंगकाला में सबसे पहले युद्ध का माहौल बनाया था जिसे भारत समझ नहीं पाया | उसके बाद 1962 में भारत के अरुणाचल प्रदेश एवम चीन के अक्साई दोनों क्षेत्रों में एक महीने तक युद्ध चला | यह युद्द ऊँची- ऊँची पहाड़ियों के बीच ज्यादा गहराया | इस युद्ध में भारत के तरफ से उचित निर्णय एवं कार्यवाही में काफी गलतियाँ हुई जिसका जिम्मेदार उस वक्त सरकार एवम अहम् मिलेट्री के ऑफिसर्स को बताया गया | 21 नवंबर को चीन ने युद्ध विराम की  घोषणा की | भारत को हार मिली लेकिन चीन ने भी कब्ज़ा किये क्षेत्रो को छोड़ने का ऐलान किया उसके बाद ही युद्ध खत्म हुआ | अन्तराष्ट्रीय स्तर पर चीन की छवि ख़राब हुई | और इस युद्ध से यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत की राजनीती में बहुत से अलगाव हैं | आपसी मतभेद इस युद्ध के कारन सामने आ गये और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर जाहिर होने लगे |

भारत की हार का कारण

चीन से मिली हार के कई कारण थे लेकिन आज तक उन कारणों पर खुलकर बातचीत नहीं की गई |
  • रक्षामंत्री एवं कमांडर का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार : सबसे पहले इस मामले में ऊँगली कृष्ण मेनन पर उठी जो उस समय रक्षा मंत्री थे | इनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल बीएम कौल जो उस समय उत्तर पूर्व क्षेत्र के कमांडर थे और उन्हें यह पोस्ट रक्षामंत्री के कारण मिली थी जबकि कौल के पास इस पोस्ट के लिए जो अनुभव होना चाहिये थे वे नहीं थे | कौल को किसी भी तरह के युद्ध का कोई अनुभव नहीं था इसके बावजूद इन्हें कमांडर बनाया गया | इस बात के लिए रक्षामंत्री को जिम्मेदार ठहराया गया |इस युद्ध में कौल बीमार हो गये लेकिन फिर भी युद्ध की जिम्मेदारी घर से पूरी की जिससे कई सैन्य अधिकारी ना खुश थे पर किसी ने इसका मुँह पर उल्लंघन नहीं किया क्यूंकि कौल मेनन के काफी खास थे | युद्ध आगे बढ़ता गया लेकिन जब कौल और मेनन की सच्चाई सभी के सामने आई तो स्वयम राष्ट्रपति ने इसका विरोध किया और मेनन को रक्षामंत्री पद से हटाया गया | कौल के खिलाफ भी कार्यवाही की गई |
  • ख़ुफ़िया एजेंसी प्रमुखों की नाकामयाबी : मलिक जो उस वक्त ख़ुफ़िया एजेंसी के प्रमुख थे | उन्होंने चीन के भारत के प्रति व्यवहार को सही तरह से नहीं परखा | ना ही उचित नीति बना पाया | चीन के संकेतो पर ख़ुफ़िया एजेंसी ने भी कोई कदम नहीं उठाये न ही इसके लिए सैन्यबल को पूर्व तैयारी के लिए बाध्य किया |
  • प्रधानमंत्री की लापरवाही : पंडित नेहरु उस वक्त इसी सोच में थे कि चीन युद्ध नही कर सकता क्यूंकि सोवियत संघ से उसके संबंध ख़राब हैं | इस तरह की नाफ़रमानी का परिणाम था यह बड़ा युद्ध जिसे केवल गैर जिम्मेदाराना हरकत के कारण भारत को लड़ना पड़ा और हार का मुंह देखना पड़ा |
  • इसमें सैन्य अधिकारीयों एवं ख़ुफ़िया एजेंसी का सबसे बड़ा हाथ थे क्यूंकि यही लोग पंडित नेहरु को वास्तविक्ता दिखा सकते थे लेकिन उनके मुँह पर उन्हें गलत कह देने की ताकत इन लोगो में नहीं थी जिसका फायदा चीन ने आसानी से उठा लिया |
  • युद्ध में हार कर कारण उचित एयरफोर्स का उपयोग ना करना भी बताया गया | अमेरिकी गुप्तचर में लिखा कि चीन के पास हवाई कार्यवाही के खिलाफ उचित प्रबंध नहीं था | अगर भारत इस बात का फायदा उठाता तो युद्ध का परिणाम भिन्न होता |
  • आखरी कारण यही तय किया गया कि भारत के पास कोई सही युद्ध नीति नहीं थी जिसके साथ वो इस युद्ध को काबू में कर पाता |

युद्ध के बाद भारत में कार्यवाही :

इस युद्ध के बाद भारत की सरकार को गहन आलोचना का पात्र बनाना पड़ा | राष्ट्रपति ने स्वयं सरकार की एवं रक्षाबलो की नीतियों की निंदा की | परिणाम स्वरूप रक्षामंत्री मेनन को 9 नवम्बर को पद से निरस्त किया गया |युद्ध में कई सैनिक मारे गए देश के अस्थिरता आने लगी |
इस युद्ध के कारण भारत को चीन की नियत का पता चला हिंदी चीनी भाई भाई के नारे का विरोध हुआ और भारत को कूटनीति का महत्व समझ आया |
हार के कारणों के पता करने के लिए कमेटी बनाई गई जिसमे जनरल हेंडरसन ब्रुक्स एवम पी एस भगत ने उचित कार्यवाही की और कारणों को खोज कर हेंडरसन-ब्रूक्स-भगत रिपोर्ट में लिखा गया जिसे आज तक पूरी तरह सबके सामने नही रखा गया | शायद इसका कारण यही था कि इस युद्ध के अहम् कारण प्रधानमंत्री नेहरु की विफलता थी |
National Solidarity Day China India War Yuddh Date Result History Essay चीन भारत युद्ध इतिहास एवम विफलता के कारण जानने के बाद आप अपनी राय जरुर दे |

Tuesday, 12 January 2016

नरेंद्र मोदी भाषण

by Amar Ujala Now  |  in हॉट टॉपिक at  00:17
Modi’s independence day speech In Hindi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  भाषण  का सार पाठको के लिए लिखा गया हैं |
आज देश का 69 वा स्वतंत्रता दिवस हैं देश की राजधानी में यह महान पर्व लाल किले पर ध्वजारोहण करके शुरू किया गया | विशेष तैयारियों के साथ आज का यह दिन नई दिल्ली में शुरू हुआ |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अपने शब्दों को देशवासियों के सामने रखा | प्रधानमंत्री मोदी जी का उद्घोष सदैव जोश देने वाला, युवाओं को संबल देने वाला होता हैं |
अपने इस ब्लॉग में श्री नरेन्द्र मोदी जी के भाषण को अपने शब्दों में व्यक्त करने जा रही हूँ |

Modi’s Independence Day Speech In Hindi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का  भाषण

प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि यह दिवस कोई साधारण दिवस नहीं, यह दुनियाँ के सबसे बड़े लोकतंत्र का स्वतंत्रता दिवस हैं | यह दिवस कई देशभक्तों के बलिदान के फलस्वरूप मिला हैं | उन लोगो के कारण मिला हैं जिन्होंने अपनी जवानी को जेल में बिताया, जिन्होंने ऐशों आराम को छोड़कर हमें आज यह स्वतंत्रता का खुला आसमान दिया हैं | यह दिन उन्हें श्रद्धांजलि देने का दिन हैं |
मोदी जी ने सवा सौ करोड़ देशवासियों को देश की असल शक्ति कहते हुए उन्हें देश का आधार माना और उन्हें एक “टीम” का नाम दिया हैं | किसी भी देश का विकास उसकी जनता के कारण होता हैं | जब देश की टीम काम करेगी तो देश का विकास निश्चित हैं | देश की जनता के बीच सांप्रदायिक भेद भाव नहीं होना चाहिए | किसी भी कारण से देश में फूट का स्थान नहीं होना चाहिए |
आज देशवासियों से संपर्क के साधन बड़े हैं My Gov, Mann Ki Bat, नागरिकों के पत्र आदि इन सभी के कारण जनभागीदारी बढ़ी हैं | इसी कारण हमारी टीम एक इकाई की तरह देश के विकास के लिए कार्य कर रही हैं |
देश का विकास तब ही संभव हैं | जब इस देश में गरीबों का विकास हो जिसके लिए गरीबों को देश की आर्थिक नीतियों से जुड़ने की जरुरत हैं | इसी कारण कई वर्षो पहले देश की बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन गत वर्ष तक इन बैंकों से गरीबों का कोई नाता नहीं था | इसी दिशा में कार्य करने हेतु गत वर्ष 15 अगस्त के दिन“प्रधानमंत्री जन धन योजना” का ऐलान किया था जिसमे देश की टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया और इस योजना के भीतर 17 करोड़ जन धन अकाउंट खोले गये | गरीबों को मद्दे नजर रखते हुए उनकी सौहालियत के लिए जन धन अकाउंट को जीरो बैलेंस अकाउंट अर्थात फ्री में खोलने की सुविधा दी गई थी लेकिन इसके बावजूद इन खातों में देश के अमीर गरीबों ने 20हजार करोड़ रूपये डिपाजिट किये |मोदी जी ने सभी गरीबो को इस तरह से आर्थिक विकास में जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया |
इसके बाद देश के गरीबो को सुरक्षा देने हेतु प्रधानमंत्री सुरक्षा बिमा योजनाप्रधानमंत्री जीवन ज्योति बिमा योजना एवम अटल पेंशन योजना लाई गई जिसमे देश के कई लोगो ने अपनी  भागीदारी दी हैं | यह योजनाये बहुत कम वार्षिक प्रीमियम पर लायी गई हैं जिसके तहत बिमा राशि का प्रावधान हैं जो देश की गरीब जनता को सुरक्षा देगी | अटल पेंशन योजना जो बुढ़ापे की लाठी बनकर बुजुर्गो को आत्म निर्भर बनायेगी | यह सभी योजनाये गरीब जनता को ध्यान में रखकर लायी गई हैं |
किसानो के विकास के लिए कृषि सिंचाई योजना लायी गई हैं इसमें कई तरह की सुविधा किसानों को दी गई हैं | अब किसान के विकास के लिए उनकी भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए किसानो को आधुनिक खेती सिखाने के लिए अब किसान विकास योजना शुरू की जाने की मंशा मोदीजी ने अपने भाषण में प्रकट की हैं |
इसके बाद मोदी जी ने भारत स्वच्छता अभियान  की तरफ रुख लेते हुए देश के उन बच्चो को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस दिशा में अपना कदम बढ़ाया हैं और स्वच्छता अभियान के लिए एक एप्लीकेशन के रूप में अपना अमूल्य योगदान दिया | इस दिशा में कई बड़े लोगो ने कार्य किये जिसमे बिज़नेस मेन, नेता, सेलेब्रिटी शामिल हैं | महात्मा गाँधी जी ने देश को आजाद करने में अमूल्य योगदान दिया और इसी महान आत्मा को इनके 125 जन्म दिवस पर उन्हें स्वच्छता अभियान की सफलता का उपहार दिया जायेगा |2 अक्टूबर 2019 गाँधी जयंती के दिन इस स्वच्छता अभियान का फल सभी के सामने रखा जायेगा |
इसी स्वच्छता अभियान के भीतर स्कूलों में शौचालय बनाने का निर्णय लिया गया था और आज इस दिशा में टीम ने मिलकर काम किया हैं |
देश को भ्रष्ट्राचार मुक्त करना हैं | कालेधन को वापस लाना हैं | दोनों ही दिशा में कार्य किये जा रहे हैं | इस सरकार के आने के बाद कोई भ्रष्ट्राचार नहीं किया गया हैं और कई सरकारी अफसरों के खिलाफ अनुचित कार्य के लिए उन पर कार्यवाही की जा रही हैं | काले धन की वापसी के लिए SIT का गठन सरकार बनने के पन्द्रह दिन के भीतर किया गया था | यह SIT अपना कार्य कर रही हैं | दुसरे देशों से मदद के लिए भी बातचीत की गई हैं |भ्रष्ट्राचार मुक्त देश बनाने के लिए कार्य जारी हैं जिसमे सबसे पहले काला धन बाहर जाना बंद हुआ हैं | ऑनलाइन ट्रांसेक्टशन को बढ़ावा देते हुए कई हद तक कालाबाजारी पर नियंत्रण किया जा रहा हैं | दलालों के व्यापार में मंदी आई हैं जिससे कालाबाजारी कम हुई हैं | इसी दिशा में LPG Subsidy को सुचारू रूप से शुरू किया गया हैं और कई हजार करोड़ रूपये की कालाबाजारी को नियंत्रित किया गया हैं | यहाँ तक की सब्सिडी छोड़ो की गुहार में भी देश की जनता ने सहयोग दिया और आज कई गरीब राज्यों के गरीब शहरो तक एलपीजी पहुँचाने का कार्य संभव हो पाया हैं | कोयले की खदानों में होने वाली कालाबाजारी को रोका गया हैं | साथ ही कोयले की खदान के आस-पास के क्षेत्रो के विकास पर ध्यान देने की बात कही गई हैं | विदेशों से कोयला लाकर उसे समुद्री इलाकों में बिजलीकरण के लिए देना और देश के कोयलों को विदेशों में भेजने से कई करोड़ो का नुकसान हो रहा था | साथ ही आयात निर्यात की इस प्रक्रिया में दलालों का बैंक बैलेंस बहुत बढ़ रहा था इसलिये इसे रोका गया हैं | अब देश का कोयला समुद्री इलाकों में भेजा जाता हैं | नीलामी के जरिये राजकोष में कई करोडो का रूपया देश के विकास के लिए जमा किया गया हैं जो कि अब इसी तरह हर वर्ष होगा | कोयले की नीलामी के बाद अब FM की नीलामी की जा रही हैं जिसकी स्थिती भी बहुत अच्छी बताई जा रही हैं | इससे देश का राज कोष भरेगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी |
मोदी जी ने अपने भाषण में दो अहम् वाक्यों का जिक्र किया जिनमे ‘Start-up India’ और ‘Stand up India’ हैं जिसके तहत नया लघु उद्योग खड़ा करने के लिए उसे शुरू करने के लिए सरकार द्वारा मदद की जाएगी | अगर वे उद्योग अन्य लोगो को रोजगार देते हैं तो उन्हें सरकार की तरफ से अन्य सुविधायें दी जाएगी | युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इन छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं |मुद्रा बैंक योजना भी लायी गई हैं |
मोदी जी ने लाल किले पर खड़े होकर ध्वज के तले One Rank One Pension से संबंधी परेशानियों को हल कर उन्हें जल्द से जल्द लाया जायेगा इस बात के लिए आश्वासन दिया हैं |
Modi’s independence day speech In Hindi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर भाषण का सार आप सभी को पढ़ने में कैसा लगा ? कमेंट जरुर करें |

Monday, 11 January 2016

चेचक के दाग दूर करने के घरेलू उपाय

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  23:53
home remedies gharelu nuskhe for smallpox chechak ke daag ka ilaj in hindi चेचक के दाग एक श्राप की तरह होता है जो हमारी स्किन को ख़राब कर देता है, जिसका प्रभाव हमारी सुन्दरता पर भी पड़ता है| चेचक की बीमारी में पूरे शरीर में दाने निकल आते है जिनमें पस आ जाती है| यह बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है जो किसी भी उम्र में हो सकती है| कम से कम 2 हफ्ते में ये दाने जाने लगते है लेकिन इसे पूरी तरह ठीक होने में बहुत समय लगता है| ये दाने चले जाते है लेकिन अपने पीछे छोड़ जाते है दाग| इस बीमारी का इलाज तो हम डॉक्टर को दिखाकर दवाई खा कर लेते है| लेकिन ये दाग का इलाज कोई भी डॉक्टर आसानी से नहीं कर पाता| किसी की स्किन में ये दाग धब्बे जल्दी चले जाते है तो किसी के में जीवन भर का श्राप बन कर रह जाते है| आज हम आपको चेचक के दाग दूर करने के घरेलू उपाय बताएंगे|

बीमारी में किसी का जोर नहीं चलता और अगर ऐसी बीमारी आ जाये तो इन्सान परेशान ही हो जाता है| चेचक के दाग स्किन में बहुत अंदर तक जुड़ जाते है, जिसे निकालना आसान नहीं होता| इनको मिटाने के लिए बहुत सी दवाइयां अब आ गई है लेकिन ये स्किन के लिए नुकसानदायी भी होती है| दवाइयों में बहुत से केमिकल होते है जो कई बार असर करने की जगह नुकसान पहुंचाते है| इस बीमारी के बाद शरीर में अवरोधक क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे इन चेचक पर आसानी से संक्रमण हो जाता है| इस दाग को दूर करने के लिए सबसे अच्छा है कि हम आयुर्वेद का रास्ता चुने और घरेलू उपाय अपनाएं|


चेचक के दाग दूर करने के घरेलू उपाय

Home remedies gharelu nuskhe for smallpox in hindi

Chechak ke daag ka ilaj in hindi

1 टमाटर का उपयोग टमाटर विटामिन E से भरपूर होता है| हमें इन दागों को मिटाने के लिए विटामिन E से युक्त भोजन ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए जैसे टमाटर, हेज़ल नट्स आदि| टमाटर के पल्प को आप दाग में लगायें, थोड़ी देर बाद इसे पानी से धो लें| टमाटर काले धब्बे हटाने में बहुत सहायक होता है|इसके अलावा आप टमाटर के रस में नीबू का रस मिला कर लगायें| ये भी चेचक के दाग में बहुत फायेदेमंद है|
2 एलोवेरा का उपयोग एलोवेरा बहुत इफेक्टिव होता है चेचक के दाग धब्बों पर| आप एलोवेरा के gel को दाग पर लगायें और थोड़ी देर बाद धो लें, रोज ऐसा करने से आपको असर जरुर दिखाई देगा|
3 शहद का उपयोग शहद को दाग पर लगायें और कुछ देर रखने के बाद साफ कर लें| इसे दिन में 3 बार लगायें| रोज लगाने से आपके दाग जल्दी ही हल्के होकर गायब होने लगेंगे|
4नीबू का उपयोग नीबू नेचुरल ब्लीच है जो स्किन कलर को लाइट करता है| रोज नहाने से पहले दाग पर नीम्बू घिसे, इन्हें 1 घंटे रहने दें फिर साफ कर लें| यह बहुत असरदार तरीका है जो आप आसानी उपयोग कर सकते है|
5लहसुन का उपयोग लहसून का रस निकाल लें| अब इसे दिन में कई बार दाग पर लगायें| जल्दी आपको परिणाम मिलेगा|
6दूध का उपयोग अपनी स्किन को जब भी धोएं तो पानी की जगह ठन्डे दूध का इस्तेमाल करें|
7Tea Tree आयल का उपयोग यह आयल बाजार में आसानी से मिल जाता है| चेचक के दाग मिटने में यह बहुत असरदार होता है| इसे दिन में कई बार दाग में लगायें आपके दाग जल्दी ही गायब होने लगेंगे|
8 चन्दन का उपयोग चन्दन तो सौन्दर्य का प्रसाधन है| यह हमारी स्किन के लिए बहुत अच्छा होता है| इसे लगाने से चेचक के दाग भी मिट जाते है| चन्दन पाउडर में थोडा सा ओलिव आयल मिलाएं और इसे दाग पर लगायें| रोज ऐसा करने से आपको बहुत जल्दी और अच्छे परिणाम मिलेंगे|
9 बेकिंग सोडा का उपयोग बेकिंग सोडा स्किन के ph लेवल को control करता है| इसे लगाने से खुजली की समस्या भी हल होती है| 2 tbsp बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर पेस्ट बनायें| अब इसे दाग में स्क्रब की तरह लगायें और 1-2 मसाज करें| फिर इसे पानी से धो लें|
10 पपीता का उपयोग पपीता स्किन से dead सेल्स निकाल देता है जिससे ड्राई स्किन निकल जाती है और स्किन में moisture रहता है| 1 कप पपीता लें उसमें 5 tbsp शक्कर डालें फिर उसमें 5 tbsp दूध डालें| सभी को मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें| अब इस पेस्ट को दाग पर लगायें और 15-20 लगे रहने दें| फिर पानी से साफ कर लें|
11नारियल तेल का उपयोग नारियल तेल इस तरह के दाग धब्बे निकालने में बहुत सहायक होता है| नारियल तेल को दाग पर लगायें और मसाज करें| ऐसा दिन में 4-5 बार करें| आपको परिणाम जरुर मिलेगा|

चेचक के दाग दूर करने के घरेलू उपाय (home remedies gharelu nuskhe for smallpox chechak ke daag ka ilaj in hindi) आपके दाग दूर करने के साथ साथ आपकी स्किन को भी healthy रखेगा| ये घरेलू उपाय आप पर कितना असरदार हुए जरुर बताएं| आप अपनी बात हमारे कमेंट बॉक्स में जाकर शेयर करें|

सरस्वती नदी विलुप्त कैसे हो गई ?

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  23:51
Saraswati Nadi Vilupt kaise Ho Gai सरस्वती नदी विलुप्त कैसे हो गई ? सरस्वती नदी वास्तव के हैं या नहीं | यह एक बड़ा सवाल हैं जिस पर कई बाते कही एवम सुनी जाती हैं |
सरस्वती नदी का इतिहास आश्चर्य में डालने वाला हैं | हम सभी जानते हैं | प्रयाग को त्रिवेणी संगम कहा जाता हैं जिनमे तीन पवित्र नदियों का संगम हैं गंगा, यमुना एवम सरस्वती | गंगा एवम यमुना आज भी हैं | सभी उसमे स्नान करते हैं | लेकिन सरस्वती नदी नहीं हैं | वास्तव में यह त्रिवेणी संगम हैं भी या नहीं | लेकिन वैज्ञानिको ने पुष्टि की हैं कि यहाँ तीन तरह के पानी मिलते हैं | इस प्रकार त्रिवेणी संगम तो हैं लेकिन सरस्वती नदी क्या अस्तित्व का क्या इतिहास हैं ?

कहा जाता हैं सरस्वती नदी एक सुखी नदी हैं | पर यह पवित्र नदी कब थी और क्यूँ विलुप्त हो गई इस बारे में सभी अलग- अलग बाते करते हैं |

सरस्वती नदी विलुप्त कैसे हो गई ? 

हम सभी ने इतिहास की शुरुवात मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता से मानी हैं जिसके अवशेष को देखकर इन संस्कृतियों का पता किया गया | लेकिन जब से सरस्वती नदी का पता किया गया तो समझा गया कि यह उस सभ्यता से भी कई गुना पुरानी नदी हैं |
इसके पहले की संस्कृति का आधार धर्म ग्रंथो को माना गया हैं | इस प्रकार ऋग्वेद में सरस्वती नदी का विवरण दिया गया हैं | सरस्वती नदी को गंगा सिन्धु जैसी पवित्र नदी का स्थान प्राप्त हैं |

सरस्वती का नाम सरस्वती क्यूँ पड़ा ?

इसके पीछे ऋग वेद में यह कहा गया हैं कि कला,संस्कृति, भाषा, ज्ञान विज्ञान जन्म एवम वेदों की रचना इस नदी के तट पर ही की गई | सरस्वती की ज्ञान एवम कला की देवी हैं |  इसलिये इसे सरस्वती नदी कहा गया हैं |

कहाँ था सरस्वती नदी का अस्तित्व ?

ऋग्वेद के अनुसार सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। सरस्वती नदी को  यमुना नदी के पूर्व में बहता हुआ एवम सतलुज के पश्चिम बहता हुआ बताया गया हैं |

महाभारत काल में सरस्वती नदी से संबंधी तथ्य :

महाभारत काल में इसे प्लक्षवती, वेदस्मृति, वेदवती आदि नदियों के नाम से जाना जाता था |महाभारत काल में इस नदी को कुरुक्षेत्र के समीप होना बताया हैं जहाँ अब एक जलाशय हैं | इसी काल में यह कहा गया था कि सरस्वती नदी विलुप्त हो गई हैं एवम उस जगह का नाम विनाशक बताया गया | साथ ही इसके पीछे यह भी कथा हैं कि जब धरती पर अग्नि का वास हुआ तब सरस्वती धरती के भीतर पातळ में बहने लगी | यह कथा श्री कृष्ण ने अर्जुन को लाक्षया गृह के पहले सुनाई थी इसी कथा के स्मरण से अर्जुन को भान हुआ और उन्होंने भवन के जलने के बाद भूमि के नीचे सुरंग को तलाशा | यह भी कहा जाता हैं कि सरस्वती नदी में इतना पानी था कि इसमें यात्रायें संभव थी | यह नदी द्वारिका एवम मथुरा को जोड़ती थी |

वैज्ञानिक मान्यता :

फ्रेंच के माइकल डैनिनो के अनुसार सरस्वती एक बहुत बड़ी नदी थी जो कि संभवतः हड़प्पा संस्कृति के 4000 वर्ष पूर्व सुख गई अथवा गायब हो गई इसके पीछे भौगोलिक परिवर्तन होना कारण हो सकते हैं | पवित्र 5 में से के सरस्वती हैं | जिनमे सिन्धु, ब्रह्मपुत्र, गंगा, यमुना एवम सरस्वती |

ग्रंथो के अनुसार सरस्वती का उद्गम :

पुराणों के अनुसार सरस्वती नदी आदिबद्री से उद्गमित हुई हैं | यह स्थान भारत के हरियाणा में आता हैं | यह स्थान पवित्र तीर्थ भी माना जाता हैं | यमुनानगर से उपर एवम शिवालिक पहाड़ियों के नीचे आता हैं यह स्थान | इस स्थान पर एक छोटी सी नदी की धारा हैं जिसे लोग सरस्वती कहते हैं लेकिन यह बहुत छोटी हैं | जबकि सरस्वती का प्रवाह  बहुत बड़ा माना गया हैं | ऐसी कल्पना की गई हैं कि इस नदी के आस पास बहुत उपजाऊ भूमि रही होंगी | इसके विशाल डेल्टा होंगे | महाभारत के ग्रन्थ में बहुत से अनुमानों की पुष्टि भी हुई हैं |
कहा जाता हैं पहला मनुष्य मनु भी सरस्वती नदी के तट पर ही निवास करता था |

सरस्वती नदी के तीर्थ :

ब्रह्म सरोवर, सुप्रभा तीर्थ ,मनोरमा तीर्थ, सुरेणु तीर्थ, ओधवती तीर्थ, विमलोदका तीर्थ, प्लक्षस्रवण, आदिबद्री आदि हैं ।

सरस्वती नदी के विलुप्त होने का एक और कारण :

उतथ्य मुनि के शाप के कारण सरस्वती भूमिगत होकर पाताल में चली गई |इसकी सात धारायें पर्वतों पर बहने लगी | यह पश्चिम से पूर्व की तरफ बहने लगी | नेमीषाराण्य के पास एक स्थान पर पहुंची जिसे सप्त सारस्वत कहते हैं यह भी एक तीर्थ हैं |
इस प्रकार सरस्वती नदी का इतिहास बहुत से सवालों में घिरा हुआ हैं जिसका जवाब ग्रंथो में मिलता हैं लेकिन उन सभी की पुष्टि अब तक जारी हैं |
Saraswati Nadi Vilupt Kyu Ho Gai यह एक बड़ा सवाल हैं जिसके बारे में हमने बहुत सी बाते पढ़ी | आप क्या जानते हैं इस बारे में जरुर लिखे |

Wednesday, 6 January 2016

Jay Prakash Narayan Lok Nayak Jeevan Parichay Introduction In Hindi

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  04:26
Jay Prakash Narayan Jeevan Parichay Life Introduction In Hindi जय प्रकाश नारायण  भारत की स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण बिंदु थे जिन्हें लोकनायक कहा जाता था उनके बारे में विस्तार से पढ़े |


जय प्रकाश नारायण प्रारंभिक जीवन  Initial Life Of Jay Prakash Narayan In Hindi

जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) एक स्वतंत्रता सेनानी थे यह भी गाँधीवादी विचारधारा के गाँधीवादी नेता थे | Indira Gandhi के शासन के समय उनका विरोध करने वाले नेताओ के leader थे Jay Prakash Narayan| सरल साधारण, न्यायसंगत नेता एवम समाज सेवक जिन्हें “लोक नायक” की उपाधि प्राप्त हुई | 1998 में जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) को “Bharat Ratna” से नवाजा |

जय प्रकाश नारायण पारिवारिक परिचय Family Of Jay Prakash Narayan In Hindi

जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) का जन्म 11 October 1902 को Sitabdiyara Bihar में हुआ था इनके पिता Harsudayal Shrivastav एवम माता Phul Rani Devi थी | 9 year की age में अपनी studies के लिए यह Patana आ गए | जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) एक मेधावी छात्र थे 1918 में इन्होने अपनी पढाई पूरी की | अपनी studies के दौरान इन्होने कई books and novel पढ़े | जिनमें से कुछ Saraswati, Prabha, Pratap और Maithilisharan Gupta की भारत भारती और साथ ही भारतेंदु हरिश्चंद्र जिनसे प्रेरित होकर इन्होने आजादी की लड़ाई में भाग लिया |1920 में जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) का विवाह Brija Kishor की daughter Prabhavali Devi से हुआ|

जय प्रकाश नारायण शिक्षा  Education  Of Jay Prakash Narayan In Hindi

विवाह के बाद यह Patana में ही कार्यरत रहे जहाँ स्वतंत्रता की लड़ाई जोरो पर थी जिस कारण उनकी पत्नी को उनके साथ रहने में बहुत परेशानी से गुजरना पड़ा, इसलिए उन्होंने गाँधी आश्रम में रहना स्वीकार किया | 1922 में जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) higher education के लिए विदेश गए जहाँ इन्होने समाज शास्त्र में M.A किया लेकिन कुछ कारणों से इन्हें वापस स्वदेश लौटना पड़ा और वे Ph,D complete नहीं कर पायें | इस वक्त उनकी पत्नी प्रभावती  साबरमती आश्रम में कस्तूरबा गाँधी  के साथ रहीं थी|

जय प्रकाश नारायण स्वतंत्रता संग्राम में योगदान Jay Prakash Narayan As A Freedom Fighter In Hindi

1929 में जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) भारत वापस आये जिस वक्त स्वतंत्रता की लड़ाई जोरो पर थी इन्होने भी Gandhi ji के साथ इस लड़ाई में सभागी बनाना स्वीकारा तब इनकी मुलाकात Javahar Lal Nehru से हुई | 1934 में Madras में स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया उनमे से एक जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) भी थे उस वक्त जेल में रह कर कई दिग्गज नेताओ ने Congress Socialist Party का गठन किया उन नेताओ में थे M.S. Masani, Achyut Patvardhan, N.C. Gore, Ashok Mehata, M.H. Dantwala, C.K.Narayanswami|
1939 की second world war के दौरान जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) ने देश में Britishers के खिलाफ़ आन्दोलन का नेतृत्व किया | इन्होने Gandhi Ji एवम Subhash Chadra Bos को एक साथ करने का भी प्रयास किया |1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय यह जेल से भाग निकले|
जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) गांधीजी से पभावित थे लेकिन इन्हें Subhash chandra ji की लड़ाई ने भी प्रभावित किया था इसलिए हथियारों का उपयोग उन्होंने जरुरी समझा| अत : Nepal में Azad Daste का गठन किया परन्तु फिर 1943 में गिरफ्तार कर लिए गये| समझोते के वक्त Gandhi ji ने British government को बाध्य किया कि Dr. Lohia और J.P. Narayan के बिना कोई बात नहीं की जाएगी इसके बाद 1946 में इन्हें रिहाई मिली |

जय प्रकाश नारायण राजीनति में योगदान  Political Life Of Jay Prakash Narayan In Hindi

1947 में देश को आजादी मिली उसके बाद जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) ने 1948 में Samajavadi Party की बागडौर सम्भाली 1954 में Vinobha Bhave के कार्यो में सम्मिलित हो गए और 1957 में राजनीति से विदा ली|
जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) एक सच्चे देश भक्त थे जिन्होंने भारत भूमि को महज एक सत्ता नहीं समझा था अपितु माँ का पद दिया था जिस कारण देश में हो रहे भ्रष्ट्राचार को देख कर उन्होंने 1960 में जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) ने पुन : राजनीति में आना स्वीकार किया और सच्चाई के लिए देश के भ्रष्ट नेताओ के खिलाफ़ देश की जनता का साथ दिया |
जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) ने 1960 से 1974 तक Bihar Movement एवम Total Revolution के तहत देशवासियों का साथ दिया यह आन्दोलन भ्रष्ट्राचार और बेरोजगारी के लिए गया था | इस महा आन्दोलन के वजह से ही इन्हें “लोकनायक ” की उपाधि मिली | 1975 के आपातकाल के वक्त इन्होने Indira और उनकी सरकार का पुरज़ोर विरोध किया और कई नेताओ के साथ जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) को भी जेल में डाल दिया गया पर इनके और दुसरे दिग्गज नेताओ के सानिध्य में इन्होने Indira को election में हरा दिया | इस वक्त तक इनके स्वास्थ्य में काफी कमजोरी आ गई थी |
8 October 1979 को जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) ने देश से विदा ली |1999 में जय प्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) को “भारत रत्न” से नवाजा गया साथ ही इन्हें राष्ट्रभुषण एवम 1965 में Ramon Magsaysay Award मिला |

Saturday, 2 January 2016

विविध भारती का इतिहास

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  02:20
विविध भारती  का रेडिओ प्रसारण सबसे पहले 2 अक्टूबर 1957 को किया गया | विविध भारती ने जल्द ही लोगो के दिल में जगह बना ली यह सबसे पसंदीदा रेडिओ चैनल बना | विविध भारती में कई रंगारंग कार्यक्रम शुरू किये गए जिन्हें श्रोताओं ने दिल से लगाया | विविध भारती पर हिंदी फ़िल्मी गीतों एवं कहानियों का प्रसारण श्रोताओं को बहुत ललचाता था | उस वक्त रेडिओ गली मौहल्ले की शान बन चूका था | दहेज़ में रेडिओ की मांग पहली पसंद थी |

विविध भारती का इतिहास Vividh bharti Radio History In Hindi :

विविध भारती रेडिओ का पहला चैनल था | 1967 में विविध भारती  में विज्ञापन का प्रसारण शुरू किया गया जो कि पैसा कमाने का बड़ा जरिया सामने आया इससे ना केवल विविध भारती को उन्नति मिली अपितु व्यापार की दिशा में भी उन्नति हुई क्यूंकि रेडिओ के माध्यम से विज्ञापन ने देश के हर छोटे बड़े स्थानों पर हर तरह की जानकारियाँ पहुंचाई | यह विज्ञापन व्यापारियों के साथ- साथ देश के जनता के लिए भी हितकारी साबित हुए |
आजादी के बाद देश में कई रेडिओ चैनल आये जिन में से एक था आकाशवाणी | आकाशवाणी को भी लोगो ने बहुत पसंद किया खासकर फ़िल्मी गीतों ने धूम मचा रखी थी लेकिन कुछ कारण से फ़िल्मी गीतों पर रोक लगा दी गई उस वक्त रेडिओ सीलोन पर फ़िल्मी गीतों का प्रसारण किया जा रहा था जो कि श्री लंका का रेडिओं चैनल था जिस पर भारतीय सिनेमा के गीतों का प्रसारण किया जा रहा था जो दिन पर दिन लोकप्रिय हो रहा था यह देख कर गिरिजा कुमार माथुर ने पंडित नरेन्द्र शर्मा और उनके सहयोगियों के साथ मिलकर एक नए रेडिओं चैनल की सोच प्रकट की जिसका नाम विविध भारती सेवा रखा गया |
तमाम तैयारियों के बाद 2 अक्टूबर 1957 को विविध भारती का पहला प्रसारण हुआ जिसमे नाचे मयूरा गीत श्रोताओं को सुनाया गया जिसे मन्ना डे ने गया था |
शुरुवाती दौर में  शील कुमार ने विविध भारती को अपनी आवाज दी इनके बाद अमीन सायानी की आवाज को श्रोताओं ने बहुत पसंद किया उन्हें आज तक फॉलो किया जाता हैं |
1999 में सेना के जवानो के लिए विविध भारती ने एक नया कार्यक्रम शुरू किया जिसका नाम “Hello Kargil” रखा गया जिसके ज़रिये फोज़ियों के घर वाले अपना संदेश उन तक पहुँचाते थे साथ ही देश की भावना फोज़ियों तक पहुँचाकर उनका मनोबल बढ़ाया जाता था |  

विविध भारती    पर कई तरह के कार्यक्रम शुरू किये गए जिनमे सबसे पहले था

जयमाला : विवध भारती ने यह विशेष रूप से फोज़ियों के लिए शुरू किया गया था जिसमे वो अपने दिल की बात कहते थे और उन्हीं के पसंदीदा नगमे सुनाये जाते थे जयमाला सोमवार से शुक्रवार तक इसी फोर्मेट पर चलता था | शनिवार को जयमाला किसी फ़िल्मी हस्ती द्वारा प्रसारित किया जाता था और रविवार को फ़ौजी भाईयों का सन्देश देश को सुनाया जाता था |
हवामहल : यह विविध भारती का एक बहुत यादगार कार्यक्रम था अभी भी हैं इसमें नाटक पैश किया जाता था जिसमे असरानी, ओम पूरी, अमरीश पूरी एवम दीना पाठक जैसे महान कलाकार अपनी प्रस्तुति देते थे | नाटक के बीच में किया जाने वाला ध्वनि को लोग आज भी याद करते हैं जिनमे पानी पिने, ठोकर खाने जैसे कई साउंड जिन्हें देख कर ही समझा जा सकता हैं उन्हें रोचक तरीकों से पैश किया जाता था जो श्रोताओं को अत्यंत लुभाता था |
पिटारा : विविध भारती ने यह श्रोताओं को जानकारी देने हेतु तैयार किया गया था जिसमे सेहत, कृषि जैसे मुद्दों पर बात होती थी मनोरंजन के लिए गीतों को सुनाया जाता था |
सखी सहेली: विविध भारती ने यह खासतौर पर महिलाओं के लिए शुरू किया जिसमे फेशन से लेकर स्वस्थ संबंधी सभी जानकारियों को पैश किया जाता हैं |
मंथन : विविध भारती का खास कार्यक्रम हैं मंथन जिसमे देश को जागरूक करने की दिशा में काम किया जाता हैं और कई बड़े मुद्दों पर देश वासियों की राय ली जाती हैं |
यूथ एक्सप्रेस : विविध भारती ने यह यूवावर्ग के लिए शुरू किया जिसके जरिये उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन दिया जाता हैं साथ ही बदलते वक्त के प्रति जागरूक किया जाता हैं ताकि वो वक्त की दौड़ में पीछे ना रहे |
संगीत सरिता : विविध भारती ने सुर का ज्ञान श्रोताओं तक पहुँचाने के लिए संगीत सरिता शुरू किया जिसमे संगीत की बारीकियों को संगीत का ज्ञान रखने वाले महान कलाकारों द्वारा श्रोताओं तक पहुँचाया जाता हैं |
उजाले उनकी यादों के: विविध भारती की बहुत ही अच्छी पेशकश हैं | जिसमे शुरुवात से लेकर आज तक के सभी जाने माने लोगो का परिचय कराया जाता हैं उनकी यादों को ताजा किया जाता हैं |
विविध भारती  द्वारा कई तरह के कार्यक्रम शुरू किये गए जिन्हें सफलता भी मिली | 2007 में विविध भारती ने 50 वर्ष पुरे कर अपना स्वर्ण दिवस मनाया |
आज कई तरह के चैनल रेडिओ पर प्रसारित किये जाते हैं लेकिन विविध भारती  में जो सादगी हैं उसे कोई कायम नहीं कर सका और विविध भारती  अखिल भारत में प्रसारित किया जाता हैं |
माना आज के दौर में टीवी, इन्टरनेट आ गए हैं जिनसे फुरसत पाना ही मुश्किल हैं लेकिन फिर भी रेडिओं की अपनी दुनियाँ हैं कई बार केवल कानों से सुनना दिल को बहुत अच्छा लगता हैं देश के कई लोग हैं जो बिना रेडिओं सुने सो नहीं सकते हैं | कार स्टार्ट करते ही रेडिओ ऑन किया जाता हैं |
Vividh bharti Radio History In Hindi विविध भारती का यह सफ़र आपकों कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में लिखे |

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