Thursday, 14 January 2016

आरुषि हेमराज मर्डर केस हत्याकांड की कहानी व तलवार फिल्म समीक्षा

by Amar Ujala Now  |  in मूवी रिव्यु at  00:53

एक बहुत ही साधारण सा जीवन जीने वाली एक लड़की जिसकी उसके ही माता – पिता ने बहुत बेरहमी से हत्या कर दी| इस हत्याकांड में अकेली आरुषि नहीं मारी गई थी , उसके साथ उनका नोकर हेमराज भी मारा गया था|

आरुषि तलवार हेमराज मर्डर केस हत्याकांड की कहानी

Aarushi Talwar Hemraj hatyakand murder case in hindi

भारत में बहु-प्रसिद्ध और भयावर हत्याकांड में से एक था आरुषि-हेमराज हत्याकांड| यह बहुत बड़ा और ददर्नाक हत्याकांड के रूप में अख़बार, टी.वी चेनलों व इंटरनेट के दवारा आम लोगों के सामने आया है| इस केस (case) के सबंध में सभी महत्वपूर्ण तथ्य आगे प्रस्तुत है-
  • पीड़ित व्यक्ति कौन थे?
  • हत्या का रहस्य
  • वारदात की प्रमुख तथ्य
  • निर्णय
पीड़ित व्यक्ति कौन थे?
नोएडा,भारत के सेक्टर नंबर 25 (जलवायु विहार) में रहने वाली महज 14 साल की नाबालिक लड़की, जिसकी बेहरहमी से हत्या कर दी गयी| इसके साथ ही उसी घर में काम कर रहे नौकर हेमराज (45 वर्ष) की भी हत्या कर दी गई| इस तरह से यह दोहरे हत्याकांड के रूप में सामने आया|
आरुषि हत्या का रहस्य (Murder mystery)
15-16 मई,2008 की रात मे एक रहस्यमय हत्याकांड तब हुआ, जब की आरुषि के माता-पिता घर में ही मौजूद थे| आरुषि के पिता ने उसको मारने का आरोप उस घर के नौकर हेमराज पर लगाते हुए, एक एफ.आई.आर (FIR) पुलिस थाने मे दर्ज कराई|
जिसमे सारा शक उस नौकर हेमराज की तरफ था| मीडिया के माध्यम से लोगो के सामने यह खबर तक सामने आयी, इस वारदात में हेमराज के साथ उसके 4 साथी के भी शामिल होने की शंका जताई जा रही थी|
इस वारदात ने मोड़ तब लिया जबकि, हेमराज का शव भी उस बिल्डिंग की छत से बरामत हुआ| लम्बे समय तक बहुत छानबीन चली, जिसके चलते कई अनजाने से रहस्य समय-समय पर सामने आये| कहा जाता है आरुषि की हत्या इतने निर्दयी तरीके से हुई की उसकी आवाज तक किसी को नही आयी|
चर्चित और चलित खबरों के मुताबिक आरुषि के पिता- डॉ.राजेश तलवार और माता- डॉ. नूपुर तलवार को शक था कि, बेटी (आरुषि) और नौकर (हेमराज) के अवैधानिक सम्बन्ध है|
जिसके चलते तलवार दंपति ने आरुषि और हेमराज की गोल्फ-स्टिक, सर्जरी-ब्लेड से हत्या की |
वारदात के प्रमुख तथ्य
  • राजेश तलवार ने वारदात और उसकी सचाई जाने बिना, आवेश मे आकर 16 मई 2008 को, आरुषि और हेमराज की हत्या को अनजाम दे दिया|
  • अगले दिन 17 मई 2008 को हेमराज की death body बिल्डिंग की छत से मिली|
  • जाँच के चलते 23 मई 2008 को डॉ. तलवार की गिरफ़्तारी हुई, और डॉ. तलवार मुख्य आरोपी माने गये|
  • Case की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई (CBI) ने जाँच शुरू कर FIR दर्ज की|
  • सबूतों के ना होने के कारण 12 जुलाई 2008 को घोषित हुए आरोपी को छोड़ दिया गया|
  • तलवार दंपति व शक के आधार पर आरोपियों पर मुकदमा चला | कई जाँच और सत्यापन भी हुए|
  • लगभग ढाई वर्ष (30 माह) की कार्यवाही के बाद CBI की जाँच में कुछ न मिलने के कारण, CBI ने अपनी खात्मा (क्लोज़र) रिपोर्ट कोर्ट को दी|
  • इस दोहरे हत्याकांड में नोएडा पुलिस की लापरवाही, CBI जांच में सबूतों का ना मिलना, फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को मिटाने की कोशिश की गयी|
  • इस गंभीर अपराध को देखते हुए एक बार पुनः जांच करने की अनुमति ली गयी तथा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने 6 जनवरी 2012 को जांच के पुनः आदेश पारित किये|
  • यह मामला गाजियाबाद की नयी सीबीआई जांच समिति विशेष अदालत के द्वारा चला|
  • पुनः जांच के दौरान कई ऐसे सबूत व गवाह प्रस्तुत हुए जो कि पूरी तरह से सिद्ध कर रहे थे की अपराध हुआ है|इसके विपरित आरोपी के पास ऐसा कोई सबूत न था जिससे वो सिद्ध कर सके की वह निर्दोष है|
  • सभी तथ्यों मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. तलवार दंपति पर
  1. भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा (Section) 302/34 (समान उद्देश्य से हत्या करना)
  2. इसके साथ ही IPC की Section 201, (साक्ष्य को छिपाना)
  3. IPC की Section 203 (फर्जी रिपोर्ट दर्ज करना)
जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई|
  • आरोपियों की पुनः गिरफ़्तारी हुई, जांच हुई, गवाहों के बयान हुए सभी सबूतों और गवाहों को देखते हुए अदालत अपने अंतिम निर्णय तक पहुची |
आरुषि हत्याकांड निर्णय (Aarushi hatyakand result)
इतने संगीन अपराध के लिए न्यायालय ने आरुषि के माता-पिता को भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की मुख्य धारा 302 और अन्य धाराओं के तहद उम्र कैद की सजा और जुर्माना लगाया गया|

तलवार फिल्म कास्ट व गाने की समीक्षा

Talvar film movie samiksha review cast in hindi

तलवार (Talvar) फिल्म की our रेटिंग – 3 स्टार
आरुशी मर्डर केस पर डायरेक्टर मेघना गुलज़ार द्वारा एक फिल्म बनाई गई है, जिसका नाम तलवार (Talvar) है| इस फिल्म में इरफ़ान खान और कोंकण सेन शर्मा द्वारा मुख्य किरदार निभाया जायेगा|
आरुशी तलवार हत्याकांड आप सभी को याद होगा, इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस को महीनों तक न्यूज़ चैनल, पेपर ने अपनी ब्रेकिंग न्यूज़ बनाये रखा| यह हाई प्रोफाइल इस लिए है क्युकी इस केस से जुड़े सभी लोग कहीं ना कहीं बड़े लोगों से संबध रखते है| सन 2008 में 15-16 मई के आस पास आरुशी और उसके घर काम करने वाले नौकर हेमराज की लाश उसके ही घर नोयडा में मिली थी| इस हत्याकांड के कई रूप अब तक सामने आ चुके है, इस पर पहले ‘रहस्य’ फिल्म भी बनी थी, जिसमें हत्याकांड का एक साइड रखा गया था| फिल्म को उतनी सफलता नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी| इस बार इस हत्याकांड पर ‘मेघना गुलजार’ ने फिल्म बनाई है, जिसे विशाल भारद्वाज ने लिखा है| फिल्म की एडिटिंग स्क्रीनप्ले का काम विशाल ने किया है, लेकिन निर्देशन की बागडोर मेघना ने संभाली है| फिल्म की कहानी पूरी तरह से इस केस जैसा नहीं बनाया है, इसमें कुछ अंश जोड़े भी गए है| फिल्म में आपको केस से जुड़े सारे कांड दिखाए जायेगें, लेकिन अंत अधूरा है, फिल्म किसी रिजल्ट पे नहीं पहुंची है, ना ही हमारी न्याय प्रणाली पर कोई सवाल उठाये गए है| मेघना ने बड़ी समझदारी के साथ इस फिल्म को दर्शकों के सामने रखा है|
तलवार मूवी से संबंधित अन्य जानकारी –
कलाकारकोंकना सें, इरफ़ान खान, नीरज कावी, सोहम शाह, सुमित गुलाठी,
निर्माताविशाल भारद्वाज, विशाल जैन
निर्देशकमेघना गुलजार
लेखकविशाल भारद्वाज
संगीतविशाल भारद्वाज
रिलीज़ डेट2 अक्टूबर 2015
तलवार मूवी निर्देशक समीक्षा (Talvar Film Director Review)–
डायरेक्टर – मेघना गुलजार
हमारे बॉलीवुड में बहुत ही कम लेडी डायरेक्टर है, जो है उनमें से एक मेघना है| महान लेखक गुलजार जी की बेटी मेघना 8 साल बाद निर्देशन में लौटी है| इससे पहले उन्होंने फिलहाल, जस्ट मैरिड, दस कहानियां में निर्देशन किया था| तलवार फिल्म मेघना के करियर की सबसे बड़ी हिट साबित होगी|
फिल्म में मेघना ने अपनी जान डाल दी है, हर एक्टर चाहे उसका रोल छोटा हो या बड़ा, उनकी क्षमता के अनुसार काम करवाया| कास्टिंग के लिए तो मेघना की तारीफ करनी होगी, इरफ़ान सीबीआई के रूप में बेहतरीन काम किया है, कोंकना, नीरज आरुशी के माँ पिता के रोल में फिट हुए है| मेघना ने फिल्म को आरुशी हत्याकांड से जुड़े होने की बात नहीं मानी है, हालाँकि उन्होंने इंकार भी नहीं किया है| इसको आप पब्लिसिटी स्टंट भी कह सकते है| फिल्म में आरुशी की जगह श्रुति है, व तलवार परिवार की जगह टंडन परिवार ने ले ली है| फिल्म का नाम तलवार, अंत में न्याय की मूर्ति के एक हाथ में तलवार लेने से जोड़ा गया है| लेकिन ये तो जगजाहिर बात है तलवार नाम आरुशी तलवार पर ही रखा गया है|
फिल्म में में विशाल की भी तारीफ करनी होगी, बहुत अच्छा स्क्रीनप्ले किया है उन्होंने| फिल्म अगर विशाल बनाते तो उसका कुछ अलग रूप होता, उनकी फिल्मों में एक रुखापैन होता है| मेघना ने फिल्म में आवश्कता के अनुसार द्रश्य व हाव भाव रखे है, फिल्म में परिवेश भी आवशकता के अनुसार है|
तलवार फिल्म कहानी की समीक्षा (Talvar Film kahani Review)–
फिल्म की कहानी आरुशी हत्याकांड की तरह ही है, 14 साल की श्रुति की लाश उसके कमरे से मिलती है जिसे बहुत बेहरमी से मारा जाता है| मर्डर की FIR उसके माता पिता नूतन व रमेश पुलिस में लिखवाते है| उनको शक है कि उनकी बेटी को उनके नौकर खेमपाल(45) ने मारा है| तहकीकात शुरू होती है और दुसरे दिन खेमपाल की लाश टंडन के घर के छत पर मिलती है| पहले कहा जाता है खेमपल ने मारा है और फिर अपने आप को भी मार देता है, लेकिन जांच के पश्चात् शक के घेरे में श्रुति के माँ बाप आ जाते है| बहुत जांच पड़ताल के बाद भी कुछ परिणाम नहीं निकलता है, और न्यूज़ चैनल वाले हर कोई अपने तरह से इसे दिखाते है| इन सब के बाद केस CDI के पास पहुंचती है, जिसे आश्विन(इरफ़ान) देखते है| फिल्म देखते समय जिस तरह की पुलिस द्वारा जांच बताई गई है आपका देखकर खून खौलने लगेगा|
तलवार फिल्म कलाकारों की समीक्षा (Talvar Film Cast Samiksha)–
इरफ़ान खान इनके लिए शब्द कम पड़ जायेंगे| CDI के मुख्य अधिकारी अश्विन के रूप में इरफ़ान फिट बैठे है| इरफ़ान अपने अलग अंदाज में किसी भी डायलोग को बोलकर उसमें जान डाल देते है| इरफ़ान एक बहुत अच्छे कलाकार है जो अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत रहे है|
कोंकना लम्बे समय बाद बॉलीवुड में वापस आई है| कोंकना भी एक्टिंग की धनी है, स्मिता पाटिल जैसी कलाकार से इनको compare किया जाता है| कोंकना से श्रुति की माँ के रूप में हाव भाव वेशभूषा बिल्कुल साधारण रखा है| एक आरोपी और एक माँ का अच्छा मिश्रण किया है|
नीरज श्रुति के पिता के रूप में जचे है, कही और भी उनमे कोई कमी नहीं दिखी| हर सीन को अच्छे परफेक्ट तरह से किया है|
तलवार फिल्म संगीत समीक्षा (Talvar Film Song Samiksha)–
फिल्म का संगीत विशाल ने ही दिया है, क्राइम ड्रामा फिल्मों में गाने फिल्म की ताल को तोड़ देते है, ऐसी फ़िल्में बिना गाने के ही अच्छी लगती है| विशाल ने इस बात का ध्यान रखा है और 1-2 गानों के अलावा दमदार बैकग्राउंड म्यूजिक दिया है|
तलवार फिल्म ओवरआल परफॉरमेंस –
फिल्म का नाम सुनकर ही लोगों में इसे देखने की उत्सुकता है, लेकिन आप किसी परिणाम को जानने के लिए ये फिल्म ना देखें, क्युकी फिल्म में कई साइड है, जैसे जैसे हम देखते है वही सही लगने लगता है और अंत में कुछ भी नहीं समझ आता है| फिल्म की तरह सच्चाई में भी पुलिस अधिकारीयों, सीबीआई वालों ने जांच में इतनी ज्यादा लापरवाही रखी है कि देखकर इंडियन होने पर शर्म आने लगती है| फिल्म में सच्चाई को बहुत अच्छे से दिखाया गया है जो हमारे जहन में एक सवाल खड़ा कर देती है| आप इस फिल्म को सस्पेंस क्राइम का सोच कर देखने जा सकते है|

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