जिंदगी जीने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है, “रुपया-पैसा”| व्यक्ति कितना ही अमीर हो, मध्यम वर्ग का हो, या गरीब हो, हर एक की सबसे पहली जरुरत रुपया है| बिना रुपयों के जिंदगी का एक पल नही निकल सकता कोई| हर तरीके से, हर किसी की जिंदगी मे, रुपयों का बहुत अधिक महत्व है| और प्रत्येक व्यक्ति रूपये कमाने की भागमभाग मे दिन-रात लगा रहता है|
जब कोई व्यक्ति पूरी मेहनत व ईमानदारी से रूपये कमाता है तो, वह उसका हर तरीके से सही ओर सदुपयोग करता है| दुनिया बहुत बड़ी है, यहाँ हर तरह की सोच वाले व्यक्ति रहते है| उनमे से कुछ ऐसे भी होते है, जो मेहनत करना ही नही चाहते, ईमानदारी से रहना तो दूर, उसकी सोचते तक नही| ऐसे लोग रूपये कमाने की आसान से आसान तरकीब निकाल लेते है, उसके लिये वह कुछ भी अपराध तक कर लेते है| जिसके चलते नोटों की हेराफेरी दिनों दिन बढ़ रही है|
नकली नोटों को असली नोटों मे इतनी बहुखूबी से बदला जा रहा है कि, आम व्यक्ति के लिये पहचानना बहुत ही मुश्किल हो गया| मुख्य रूप से एक अनपढ़ व्यक्ति के लिये जिसे पहले से कोई समझ नही है, उस पर उसे नोटों की पहचान जो उस व्यक्ति के समझ से परे है|
असली और नकली नोट की पहचान कैसे होती है ?
Asli aur nakli note ki pehchan hindi
सबसे पहले नोटों को उनके रंग और माप(Size) के हिसाब से जाँचा जायेगा, जिसे कम पढ़ा-लिखा या अनपढ़ व्यक्ति भी समझ सकता है |
- नोट पर रजिस्टर्ड चिन्ह के माध्यम से देखना – किसी भी नोट के सीधे भाग को जब भी हाथ मे लेंगे तब उल्टे/बाये हाथ की तरफ (Left-hand Side) तथा नोट के पीछे वाले भाग पर सीधे/दाये हाथ की तरफ(Right-hand Side) मध्य मे एक छोटी सी डिज़ाइन जो हर नोट मे बहुत छोटे फ्लावर या छोटी-छोटी पत्ति के रूप मे अलग-अलग होती है,उसे देखेगे| जैसे –
- पहचान चिन्ह- पांच व दस रूपये की नोट छोड़ कर, सभी नोटों पर नोट के सीधे भाग के बाये तरफ(Left-hand Side) एक बहुत छोटा सा चिन्ह होता है| जोकि इस प्रकार है
- अद्रश्य चित्रांक (SPECIMEN) – हर नोट पर एक सफेद रंग की प्रति होती है जिस पर अद्रश्य रूप से एक चित्रांक होता है| वर्तमान मे महात्मा गाँधी जी का अद्रश्य चित्रांक है जोकि सामान्यतया नही देखती नही परन्तु नोट की पहचान के लिये उसे रोशनी मे देखे तब वह चित्रांक दिखाई देगा| जो इस प्रकार है-
- स्याही की पहचान- हर नोट पर उस रंग के नोट के हिसाब से डार्क व अलग रंग की स्याही का उपयोग होता है| जो उस नोट के मध्य मे, हिन्दी व इंग्लिश दोनों मे वह नोट कितने का है, यह अंको व शब्दों मे लिखा होता है| जैसे-
- सीरिज लिखी होना – हर नोट पर एक अलग सीरिज जो की न्यूमेरिकल नंबर के रूप मे होती है| जोकि सभी नोटों पर भिन्न-भिन्न होती है| नोट के सीधे भाग पर दोनों तरफ अर्थात् बायी तरफ(Left Side) मे नीचे(Bottam) तथा दायी तरफ(Right Side) मे उपर की ओर होती जो बिल्कुल एक जैसी होती है, जैसी ऊपर वैसी नीचे| उदाहारण –
- तार देखना – हर नोट के सीधे भाग पर दाये हाथ(Right-hand Side) की ओर एक लंबा तार या धागा होता है, जिसपर RBI व भारत लिखा होता है| नोट को उजाले की तरफ करते ही RBI व भारत बहुत ही साफ रूप से दिखाई देते है, जो किसी भी नोट की बहुत बड़ी पहचान है| जिसे देख कर नोट की असलीयत बहुत ही आसानी से हो जाती है| जोकि इस प्रकार है –
- गवर्नर के हस्ताक्षर – हर नोट को सर्टिफाइड करने के लिये, उस पर नोट के सीधे भाग पर मध्य मे, जो भी गवर्नर पद पर आसीन है, उसके हस्ताक्षर जरुर होते है| वह हस्ताक्षर हिन्दी व इंग्लिश दोनों मे होते है| उदाहरण –
- वर्ष लिखित होना – हर नोट के पीछे के भाग मे, मध्य मे सबसे नीचे की ओर, जिस भी वर्ष मे वह नोट छपा है, वह वर्ष अंको मे बहुत ही छोटे रूप मे लिखा होता है| जैसे –
मुख्य रूप से नोट की असली ओर नकली होने की जांच इसी तरीके से की जाती है| जैसे, नोट चेक (जांचने) की मशीन भी आने लगी है|
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