Thursday 14 January 2016

सुशासन दिवस महत्व निबंध

by Amar Ujala Now  |  in निबंध at  02:11

सुशासन (Good governance) अर्थ हैं एक ऐसा शासन जिसमे देश के लोग प्रसन्न हो, उनका विकास हो, देश के हर फैसले में उनकी हामी शामिल हो ऐसे शासन को ही सुशासन कहा जा सकता हैं जिसकी कल्पना भी आज का व्यक्ति नहीं कर सकता | ऐसे शासन राम राज्य में हुआ करते थे | जब कोई नेता स्वहित छोड़ जनता के हित में कार्य करता हैं वही सुशासन हो सकता हैं लेकिन आज का नेता सबसे पहले स्वहित, फिर अपनों का हित, फिर आस पडौस का हित और फिर कहीं गुंजाईश हो तो जनता का हित देखता हैं |

Sushashan diwas (Date) is celebrated in India in the memory of

भारत में सुशासन दिवस (Sushasan Diwas)पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के दिन तय किया गया हैं | वाजपेयी जी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्हें पक्ष के साथ विपक्ष के लोग भी आदर देते थे और आज की राजनीती में यह बात बहुत बड़ी हैं |
सुशासन दिवस 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं |
  • Sushasan Divas Good governance Day Declaration Date

सुशासन दिवस दिवस की स्थापना कब की गई ?

सुशासन दिवस की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 नवंबर 2014 को वाराणसी से की | अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता को देखते हुए मोदी जी ने इस दिन को सुशासन दिवस के लिए सबसे उपयुक्त कहा |वाजपेयी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्हें हर कोई पसंद करता था उनके सिधांत, उनका नजरिया एवम उनके काम करने के ढंग ने देश में बहुत बड़ा परिवर्तन किया था |

Good Governance / Sushasan Divas Nibandh Essay Hindi

सुशासन पर निबंध

सुशासन क्या हैं ?

राम राज्य ही सुशासन की वास्तविक परिभाषा हैं लेकिन समय के साथ- साथ एवम परिस्थितियों के कारण इसकी वास्तविक्ता बदलती जा रही हैं | मनुष्य की सोच एवं विचारधारा को जहाँ खुला आसमान मिलता हैं वास्तव में उसी धरा पर सुशासन होता हैं |
भारत के इतिहास में सुशासन के कई उदहारण हैं लेकिन जैसे-जैसे भारत में आधीनता का युग आया वैसे-वैसे सुशासन दूर होता गया और उसकी परिभाषा भी बदलती गई |
आजादी के बाद से आज तक भारत लोकतांत्रिक देश हैं जिसमे जनता का मत सर्वोपरि हैं |लोकतान्त्रिक शासन भी सुशासन का एक रूप हैं जिसमे देश की जनता के पास अधिकार होते हैं और उनमे सामंजस्य बैठाने के लिए कुछ कर्तव्य एवम नियमो का समावेश किया जाता हैं | भारत देश भी इसी सिधांत पर चलता हैं प्रजातंत्र ही यहाँ की सबसे बड़ी ताकत हैं लेकिन शायद आज के समय में यह शब्द केवल अपने आपमें अर्थ ही प्रकट करते हैं और वास्तविक्ता से बहुत दूर हो चले हैं | भ्रष्टाचार ने देश को प्रजातान्त्रिक होते हुए भी सियासी लोगो का गुलाम बना दिया हैं | ऐसे में सुशासन की कल्पना से ही आदमी के चेहरे पर व्यंगात्मक हँसी का भाव दिखाई देने लगता हैं |
क्या इस सभी के पीछे केवल राजनेता का दोष हैं ? क्या आज के समय में सुशासन बस एक स्वप्न मात्र हैं ?
आज प्रजातंत्र की वास्तविक्ता ही जनता के सामने स्पष्ट नहीं हैं | शायद यही सबसे बड़ा कारण हैं कि भारत में भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा हैं और सुशासन एक ठिठौली बनकर रह गया हैं |

सुशासन के प्रमुख अंग इस तरह हैं :

  1. विधि (rule of law) :
भारतीय संविधान अनुच्छेद 14 के मुताबिक विधि शासन के तहत यह स्पष्ट किया गया हैं कि देश के सभी नागरिको के लिए समान नियम बनाये गये हैं जो कि देश में रहने वाले एवम देश के बाहर से आने वाले लोगों पर समान रूप से लागु किये जायेंगे |किसी जाति,धर्म विशेष के लिए इन्हें ना तोड़ा जा सकता हैं और नाही बदला जा सकता हैं |
  1. समानता एवं समावेशन (equity and inclusiveness)
सभी जाति एवम धर्म के लोगो के पास समान अधिकार हैं जिसके तहत वो स्वतंत्रता से अपना जीवन व्यापन कर सकते हैं | उन्हें अपना मत रखने, अपनी बात कहने का पूरा अधिकार हैं भले ही वो किसी भी धर्म एवं जाति के हों |
  1. भागीदारी (participation)
हर मनुष्य को देश के अहम् मुद्दों पर बोलने का हक़ हैं | सभी जगह बिना किसी बंधन के वो अपनी भागीदारी दे सकता हैं | किसी भी जाति,धर्म के लोगो को देश के हर कार्य में अपने भगीदारी देने का हक़ हैं एवम उनका कर्तव्य भी |
  1. अनुक्रियता (responsiveness)
देश के नागरिको को देश हित एवम शांति के लिए कुछ नियमो का पालन करना अनिवार्य हैं |इसे वो अपने अधिकारों के हनन के रूप में नहीं देख सकता क्यूंकि एक बड़े समाज को विभिन्नता के साथ एक ही जगह पर शांति से रहने के लिए कुछ बातों के लिए उत्तरदायी होना जरुरी हैं जिसके लिए उन्हें नियमो का पालन करना जरुरी हैं |
  1. बहुमत (consensus oriented)
किसी व्यक्ति विशेष के आधीन नहीं हैं | बहुमत ही सर्वश्रेष्ठ हैं | इसका उल्लंघन कोई नहीं कर सकता | सरकार सदैव बहुमत के हिसाब से ही अपना निर्णय ले सकती हैं |
  1. प्रभावशीलता दक्षता (effectiveness and efficiency)
सुशासन के तहत शासन में कुछ भी करने की काबिलियत होना जरुरी हैं और जनता उन पर भरोसा करें उनमे यह गुण होना जरुरी हैं | यह एक ऐसा गुण हैं जिसका ख्याल नागरिक को वोट देते वक्त करना चाहिए | उसे आंकलन करना चाहिए कि उम्मीद्वार में से कौन ऐसा हैं जिसमे प्रभावशीलता दक्षता का गुण मौजूद हैं | यही गुण ही किसी शासक को हर परिस्थिती में लड़ने की हिम्मत देता हैं |
  1. पारदर्शिता (transparency)
यह एक अहम् बिंदु हैं | प्रजातंत्र में शासन और जनता के मध्य पारदर्शिता सबसे जरुरी हैं यह जनता का हक और सरकार का कर्तव्य हैं | न्याय, नियम सरकारी कार्य किसी मे भी पारदर्शिता का होना जरुरी हैं |
  1. उत्तरदायित्व (accountability):
यह एक ऐसा बिंदु हैं जिसका पालन सरकार के साथ- साथ जनता को करना भी अनिवार्य हैं | किसी भी शासन प्रणाली को संचालित करने के लिए उत्तरदायित्व निभाना जरुरी हैं |
उपरोक्त दिए सभी पॉइंट आज के समय के अनुसार सुशासन की वास्तविक परिभाषा हैं | जहाँ भी इन सभी बिन्दुओं के आधार पर शासन होता हैं उसे सुशासन कहा जाता हैं |

सुशासन दिवस महत्व :

इस दिवस के कारण नागरिक एवम सरकार को इस दिशा में सोचने का एक दिन मिलता हैं | व्यस्तता के कारण आज का नागरिक कर्तव्य एवम अधिकार के बारे में सोचता ही नहीं | चाहे ना चाहे हर व्यक्ति भ्रष्टाचार की गिरफ्त में हैं ऐसे में सुशासन क्या हैं इसी बात का मतलब नागरिक को पता नही चलता |
सुशासन दिवस आपको यह मौका देता हैं कि हम सभी कम से कम एक दिन अपने अधिकारों एवम कर्तव्यों के विषय में सोचे और उसके तहत विचार कर देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करे और अपने अधिकारों के लिए सवाल करें | यही सुशासन दिवस का महत्व हैं |
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