Thursday 14 January 2016

स्टे हंगरी स्टे फूलिश स्टीव जॉब्स स्पीच

by Amar Ujala Now  |  in कहानिया at  04:16

मैं आज अपने आपको भाग्यशाली  महसूस कर रहा हूँ कि मैं दुनियाँ के अच्छे विश्वविद्यालय में से एक के दीक्षांत समारोह का हिस्सा हूँ जबकि मैंने किसी भी महाविद्यालय से स्नातक की तालीम प्राप्त नहीं की हैं | सच कहूँगा यह पहला समय हैं जब मैंने किसी कॉलेज को इतने नजदीक से देखा हो | आज मैं आप सभी से अपने जीवन की तीन कहानियाँ कहना चाहता हूँ जो कि महज़ मेरे जीवन की कहानियाँ हैं और कुछ नहीं |


Stay hungry stay foolish Steve Jobs speech hindi

मेरी पहली कहानी हैं connecting the dots :
मैंने मेरी Reed College से शुरू की गई पढाई छह महीने में ही छोड़ दी लेकिन मैं अगले अठाहरा महीने तक वहाँ आता जाता रहा | जब मैं वहाँ जा ही रहा था तो मैंने पढाई क्यूँ छोड़ी ?
इसकी शुरुवात मेरे जन्म से पहले हो चुकी थी | मेरी जैविक माँ जो कि अविवाहित नव युवती स्नातक छात्रा थी वह मुझे किसी अन्य को गोद दे देना चाहती थी | उनकी सोच बहुत दृढ़ थी कि मुझे कोई कॉलेज ग्रेजुएट गोद ले, जैसे मेरे लिये सब कुछ तय था और मुझे एक वकील और उनकी पत्नी गोद लेने वाले थे और मैं उन्हें दिया जाने वाला ही था कि उन्होंने लास्ट मिनिट पर अपना निर्णय बदल दिया कि उन्हें अब एक लड़की ही गोद लेनी हैं |इसके बाद उन्हें कॉल किया गया जो मुझे गोद लेने वाली वेटिंग लिस्ट में थे | कॉल करके कहा गया हमारे पास एक बेबी बॉय हैं क्या आप उसे गोद लेना चाहते हैं उधर से हाँ का जवाब आया | उसके बाद मेरी जैविक माँ को पता चला कि मेरी होने वाली माँ ग्रेजुएट नहीं हैं और पिता ने तो स्कूल भी पूरा नहीं किया हैं तब उन्होंने से पेपर पर साइन करने से इनकार कर दिया | लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने हाँ कर दिया क्यूंकि मेरे भविष्य के माता पिता ने उनसे कहा कि वो मुझे एक दिन कॉलेज जरुर भेजेंगे |
सत्रह साल बाद मैं कॉलेज गया और मैंने एक ऐसा कॉलेज चुन लिया जो स्टैंडफोर्ड जितना ही महंगा था और इसमें मेरे माता पिता के जीवन की सारी कमाई मेरी फीस मे व्यव होने लगी थी |छः महीने बीतने के बाद मुझे महसूस हुआ कि यह सब व्यर्थ हैं | मुझे कोई आईडिया नहीं था कि मैं अपने जीवन के लिए क्या चाहता हूँ और वो मुझे इस कॉलेज की पढाई से मिलेगा भी या नहीं और मैं इस कॉलेज में अपने माता पिता की जीवन भर की कमाई लगा रहा था इसलिए मैंने उसे छोड़ने का निर्णय लिया और इस विश्वास के साथ यह निर्णय लिया कि इससे बहार निकलने से मेरा अच्छा ही होगा | उस वक्त यह मेरे लिये एक भयानक निर्णय था लेकिन आज जब पीछे मुढ़कर देखता हूँ तो वो मुझे अब तक का सबसे सही निर्णय लगता हैं |उस समय जब मैंने यह सब छोड़ा तब मुझ पर क्लासेज अटेंड करने की बाध्यता समाप्त हो सकी और मैंने केवल उन्ही क्लास को अटेंड किया जिसमे मुझे इंटरेस्ट था |
यह सब इतना प्रेम पूर्वक नहीं हुआ |मेरे पास एक कमरा तक नही था मैं एक मित्र के कमरे में फर्श पर सोता था मैं कोक की बोतल बेच कर उससे मिलने वाले धन से भोजन खाता था | मैंने प्रति रविवार को सात मिल चल कर कृष्ण मंदिर जाता था जहाँ मुझे सप्ताह में एक दिन भर पेट भोजन मिलता था जो मुझे बहुत अच्छा लगता था | मेरे जीवन में जो भी मैंने अपने उत्साह एवं अंतर्मन से किया उसका परिणाम मेरे लिये अनमोल रहा | मुझे एक और उदाहरण देने दो |
उस समय Reed College पुरे देश में सबसे अच्छी केलीग्राफी सिखाने वाला इंस्टीट्यूट था | पुरे कॉलेज में सभी पोस्टर, ड्रावर पर लिखे लेबल सभी सुंदर केलीग्राफी से सजे हुये थे | चूँकि में छोड़ चूका था इसलिए सभी क्लासेस अटेंड नहीं करता था लेकिन मैंने केलिग्राफी सिखने के लिए उसकी क्लासेज अटेंड करने की सोची | मैंने सेरिफ और सेन सेरिफ टाइप, विभिन्न वर्णों के अक्षरों के बीच बढ़ने वाले स्पेस के बारे में और वह सभी जो इस महान कला को महान बनाता हैं वो सिखा | यह बहुत सुंदर, एतिहासिक, कलापूर्ण जो विज्ञान के क्षेत्र से बहुत दूर थी जो मुझे बहुत आकर्षक लगती थी |
मुझे इस कला को सीखते वक्त एक बार भी विचार नहीं आया था कि मैं कभी इसका कोई प्रेक्टिकल यूज़ करूँगा लेकिन जब दस साल बाद हमने अपना पहला Macintosh computer डिजाईन किया और हमने इसे पूरा MAC में बनाया यह पहला कंप्यूटर था जिसकी टाइपोग्राफी बहुत सुंदर थी |अगर मैंने कभी इस एक क्लास पर कॉलेज ड्राप नहीं किया होता तो यह MAC कंप्यूटर नहीं बन पाता जिसकी मल्टीप्ल टाइपफेसेस और समान स्पेस फोंट्स हैं |और चूँकि विंडो ने MAC की कॉपी किया हैं ऐसा न होता तो शायद ही किसी पर्सनल कंप्यूटर में ये सुविधायें होती | अगर मैंने कभी कॉलेज नही छोड़ा और यह केलिग्राफी की क्लासेज नहीं की होती,तो शायद ही पर्सनल कंप्यूटर में इस तरह की टाइपोग्राफी होती |बिलकुल, जब में कॉलेज में था तब इन डॉट्स को कलेक्ट करके जोड़ना मेरे लिए इम्पोसिबल था लेकिन अब दस साल पीछे मुड़कर देखने पर यह साफ़-साफ़ दिखाई देता हैं |
फिर से, तुम आगे देखते हुये डॉट्स को कनेक्ट नहीं कर सकते,तुम केवल पीछे देखकर ही यह कर सकते हो इसलिये तुम्हे यह विश्वास रखना होगा कि यह डॉट्स आगे जाकर कैसे भी जुड़ जायेंगे |तुम्हे किसी पर भी विश्वास करना होगा अपनी हिम्मत, भाग्य, जीवन,कर्म जिस पर भी करना हो |इस तरीके ने मुझे कभी निचे नहीं दिखाया बल्कि मेरे जीवन को बना दिया |
मेरी दूसरी कहानी प्रेम और खोने के बारे में हैं :
मैं बहुत भाग्यशाली था जिन्दगी में मुझे जो पसंद था वो जल्दी ही मिल गया | Woz और मैने मेरे माता पिता के गेराज में Apple को शुरू किया जब मैं 20 वर्ष का था | हमने कड़ी मेहनत की और दस साल में Apple ने ऐसी उन्नति की कि हम दो लोगो के गेराज से $2 बिलियन की कंपनी में चार हजार एम्प्लोयी हो गये | हमने हमारा सबसे अच्छा क्रिएशन Macintosh रिलीज़ ही किया और मैंने 30 वर्ष में कदम ही रखा था कि मैं कंपनी से निकाल दिया गया |तुम कैसे उस कंपनी से  निकाले जा सकते हो जिसे तुमने ही लांच किया हो ? जैसे ही Apple ने उन्नति की हमने एक एम्प्लोयी हायर किया जो कि मैंने सोचा बहुत टैलेंटेड हैं और हमारे साथ कंपनी की उन्नति के लिये कार्य करेगा और पहला साल तो बहुत अच्छा बिता | लेकिन हमारा अपनी उन्नति को देखा गया दृश्य अचानक ही नीचे जाने लगा | उस वक्त बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर ने उसीका साथ दिया और मुझे कंपनी से निकाल दिया गया सार्वजनिक रूप से बाहर निकाल दिया गया |मेरे जीवन का फोकस जिस पर था वो पूरी तरह से खत्म हो चूका था  |
मुझे वास्तव में कुछ महीनों तक नहीं पता था कि मुझे क्या करना हैं ?मैंने महसूस किया कि मैंने पिछले उद्द्यमियों को निचा दिखाया हैं | मैं David Packard और Bob Noyce से मिला और मैंने उनसे मेरे किये की माफ़ी भी मांगी | मैं एक बहुत बड़ा पब्लिक फैलियर था मैंने यहाँ तक सोच लिया की मैं अपनी घाटी छोड़ दू लेकिन कोई चीज मुझे जगा रही थी वो था मेरा काम जो मुझे आज भी आता था Apple में जो कुछ भी हुआ था उसने मुझे बिलकुल भी नहीं बदला था | मैं रिजेक्ट किया गया था लेकिन मैं अब तक प्यार करता था और मैंने फिर से शुरू करने का निर्णय लिया | मैंने नही सोचा था कि मुझे Apple से बाहर निकालना मेरे लिए एक अच्छी बात साबित हुई | मेरा जीवन सफलता के दबाव से फिर से एक शुरुवाती व्यक्ति के हल्केपन में बदल चूका था जिसमे मैं किसी भी चीज के लिए दृढ नहीं था इसने मुझे मेरी लाइफ के सबसे क्रिएटिव पीरियड में जाने के लिए फ्री कर दिया |
अगले पांच वर्षो के दौरान मैंने NeXT नाम की कंपनी की शुरुवात की मेरी दूसरी कंपनी का नाम Pixar था और मैं एक बहुत अच्छी वुमन के प्यार में पड़ गया जिससे बाद में मेरी पत्नी बनी |Pixar ने सबसे पहली कंप्यूटर एनिमेटेड फिल्म बनाई और आज यह दुनियां का सबसे सफल animation studio हैं | सबसे उल्लेखनीय घटना घटी जिसमे Apple ने NeXT को ख़रीदा और मैं फिर से Apple का हिस्सा बना जो तकनिकी हमने NeXT में बनाई वो आज Apple में काम लाइ जा रही हैं जो कि उसका हृदय स्थल में हैं | मैं और Laurene हमारी एक वंडरफुल फॅमिली हैं |
मैं इस बात से सहमत हूँ कि अगर मैं Apple से निकाला नहीं गया होता तो मुझे यह मुकाम नहीं मिलता | यह दवाई भयानक हैं पर मैं सोचता हूँ कि हर मरीज को इसकी जरुरत हैं | कभी-कभी जिन्दगी दिमाग में ईंट से वार करती हैं | अपना विश्वास नहीं खोये | मैं बस एक ही बात से आश्वत था कि मैं आगे बढ़ रहा हूँ क्यूंकि मैं अपने काम से प्यार करता हूँ आप सभी के लिए यह जानना निहायत जरुरी हैं कि आप क्या करना पसंद करते हैं यह जानना उतना ही जरुरी हैं जितना कि जीवन में प्यार को पहचानना हैं | यदि आप यह नही जान पाए हैं तो ढूंढते रहिये जब तक रुके नही |
मेरी तीसरी कहानी मृत्यु के बारे में हैं 
मैं जब 17 का था तब मैंने पढ़ा “जीवन के सभी दिनों को ऐसे जियो जैसे आखरी दिन हो |अगर आप ऐसे रहते तो खुद को एक दिन साबित कर देंगे” | इस बात ने मेरे दिमाग में छाप छोड़ दी थी | तब से जीवन के 33 सालो तक रोज सुबह आईने में देखकर खुद से सवाल किया यदि आज मेरा आखरी दिन हैं तो मैं आज क्या करना चाहूँगा जो मैं करना चाहता हूँ वही ? लेकिन जवाब ना में मिलता था तब मैं समझ जाता था कि अभी भी कुछ बदलने की जरुरत हैं |
यह याद रखना कि मैं बहुत जल्दी ही मर जाऊंगा यह एक बहुत बड़ा हथियार था जो मुझे जिन्दगी में बेहतर चुनने में मदद करता था |क्यूंकि जब भी मृत्यु के बारे में सोचता हूँ तो मेरा बाहरी दिखावा, घमंड, डर, अपमान सभी शुन्य हो जाते हैं और जो सच हैं मैं उसे महसूस करने लगता हूँ | एक बार यह सोच लेना कि हमें मरना हैं आपको जीवन के हर दुःख से दूर कर देता हैं खोने का कोई डर नहीं रह जाता क्यूंकि आप पहले से ही नंगे हो | ऐसी कोई विपदा नहीं होती कि आप दिल की ना सुन सको |
लगभग एक वर्ष पहले मुझे पता चला कि मुझे कैंसर हैं | यह मुझे दिन के 7:30 पर पता चला साफ़ दिखाई दे रहा था कि मेरे अग्नाशय में एक ट्यूमर हैं लेकिन मुझे यहाँ तक पता नहीं था कि अग्नाशय होता क्या हैं | तब डॉक्टर ने बताया कि मुझे कैंसर हैं जिसका ठीक होना लगभग नामुमकिन हैं और मैं ज्यादा से ज्यादा 3 या 6 महीने तक जीवित हूँ | मेरे डॉक्टर ने मुझसे कहा कि मैं घर जाऊ और अपने सभी मामले व्यवस्थित करूँ एक तरह से वो मुझे मृत्यु के लिए तैयार होने को कह रहे थे | जिसका मतलब यही था कि अपने बच्चो से यह कह दे कि आप अगले 10 वर्ष में क्या करना चाहते हैं वो भी कुछ महीने में | इसका मतलब यह था कि आप अपनी फॅमिली को ऐसे तैयार कर दीजिये कि उन्हें तकलीफ कम हो | इसका मतलब यह था कि आप गुड बाय कह दीजिये |
मै पूरा दिन डायग्नोसिस करवाता रहा उसके बाद शाम में मेरी बायऑप्सी हुई तब एक निडिल मेरे गले से डाली गई जो पेट से होती हुई मेरी आंत में पहुंची और मेरे अग्नाशय से निडिल के जरिये कुछ सेल ली गई मैं बेहोश था लेकिन मेरी पत्नी वहाँ थी उसने मुझे बताया कि जब डॉक्टर ने माइक्रोस्कोप से सेल को देखा तो वे रो पड़े क्यूंकि अग्नाशय का कैंसर ऐसे दुर्लभ रूप में परिवर्तित हो चूका था जो कि शल्यचिकित्सा के जरिये ठीक हो सकता था मैंने शल्यक्रिया ली और मैं आज बिलकुल दुरुस्त हूँ |
मैंने बहुत करीब से मौत को देखा जो कि पहली बार था और उम्मीद हैं कि अगले कुछ वर्षो तक मैं मौत के इतना करीब नहीं पहुचुंगा | अब मैं विश्वास से कह सकता हूँ कि मौत एक ऐसा उपयोगी बोद्धिक अवधारणा हैं |
कोई भी मरना नहीं चाहता | यहाँ तक कि जो लोग स्वर्ग चाहते हैं वो भी उसे पाने के लिए मरना नहीं चाहते | मृत्यु एक ऐसा पड़ाव हैं जिसे सभी शेयर करते हैं कोई भी इससे छुट नही सकता | ऐसा होना भी चाहिए क्यूंकि मृत्यु ही जीवन का सबसे बड़ा आविष्कार हैं | यह जिन्दगी के बदलने का जरिया हैं यह पुराने से बाहर कर नये रास्ते खोलती हैं | फ़िलहाल तुम नये हो लेकिन किसी दिन तुम पुराने हो जाओगे आज से ज्यादा दूर नहीं  तुम धीरे-धीरे वृद्ध हो जाओगे जो आगे जाकर तुम्हे साफ़ हो जायेगा |इतना नाटकीय होने के लिए माफ़ी चाहता हूँ पर यह सत्य हैं |
आपका समय सिमित हैं इसलिए उसे किसी और की जिन्दगी में व्यर्थ न गंवायें | हठधर्मिता में मत पड़ो | दुसरो की सोच के आधार पर मत जियो | दुसरो के विचार के शोर में मत पड़ो अपने अंदर की आवाज सुनो |और सबसे ज्यादा जरुरी अपने भीतर की आवाज को सुने अपने दिल को सुने | वे बहुत अच्छे से जानता हैं कि तुम्हे क्या बनाना हैं बाकि सब बाते द्वितीय स्थान पर होती हैं |
जब मैं जवान था जब एक बहुत ही अद्भुत प्रकाशन The Whole Earth Catalogue था जो मेरे समय में एक बाइबिल की तरह था जिसे Stewart Brand ने रचा था जो यहाँ Menlo Park से ज्यादा दूर नहीं रहते थे इन्होने इसमें कविताओं का सुंदर समावेश कर इसे अद्भुत बना दिया था | यह बात 1960 के आखरी समय की हैं जब कंप्यूटर से पब्लिकेशन नहीं होता था | इस प्रकार सब कुछ टाइप राइटर आदि की मदद से किया गया वह बहुत कुछ गूगल बुक की तरह बनाया गया था वो भी गूगल के आने से 35 साल पहले | यह एक अच्छे टूल की बेहतरीन कल्पना थी |
Stewart ने The Whole Earth Catalog की कई प्रतियाँ निकाली बाद में एक फाइनल प्रति निकाली गई यह 1970 के मध्य की बात हैं जब मैं तुम्हारी उम्र का था |फाइनल प्रति के अंतिम पृष्ठ पर बने चित्र में कंट्री की सुबह और खाली रोड का दृश्य हैं जहाँ निचे लिखा हुआ था Stay Hungry, Stay Foolish | यह उनका दीक्षांत संदेश था जिससे उन्होंने साइन ऑफ किया | और मैं भी आप सभी को शुभकामनाये देते हुए कहता हूँ Stay Hungry, Stay Foolish थैंक यू |

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