गणतंत्र दिवस के मौके पर अक्षय कुमार एक धमाकेदार देशभक्ति से भरपूर फिल्म लेकर आये है| अक्षय को बॉलीवुड का आल राउंडर कहा जाता है जो एक्शन, ड्रामा, इमोशनल, कॉमेडी सभी तरह की फ़िल्में करने में सक्षम है| बॉलीवुड फ़िल्में मनोरंजन का साधन होती है, जिसे देखकर लोग बहुत कुछ सीखते भी है| सच्ची घटनाएँ पर आधारित फ़िल्में पसंद तो की जाती है लेकिन इन्हें बनाने का जोखिम बहुत कम लोग उठाते है| इस तरह की फिल्मों में सच्चाई के साथ साथ कल्पनाओं का हाथ भी थामे रखना पड़ता है जिससे किसी की मानवीय भावनाओं को ठेस ना पहुंचें| एयरलिफ्ट 1990 के दशक की ईरान-कुवैत की लड़ाई पर आधारित है| राजा कृष्ण मेनन ने एयरलिफ्ट जैसी साहसिक फिल्म बनाने का जोखिम उठाया है| 
एयरलिफ्ट फिल्म से संबंधित अन्य जानकारी (Airlift Movie Cast Detail)–
| कलाकार | अक्षय कुमार, निमृत कौर, फ़रीना वजीर | 
| निर्माता | निखिल अडवानी, भूषण कुमार | 
| निर्देशक | राजा कृष्ण मेनन | 
| लेखक | राजा कृष्ण मेनन, सुरेश नायर, रितेश शाह | 
| संगीत | अमाल मलिक, अंकित तिवारी | 
| रिलीज़ डेट | 22 जनवरी 2016 | 
एयरलिफ्ट फिल्म निर्देशक समीक्षा –
डायरेक्टर – राजा कृष्ण मेनन
लेखक निर्देशक राजा कृष्ण मेनन तमिल की फिल्मों से आये है, इन्होंने पहली बार किसी बड़े स्टार के साथ बॉलीवुड में काम किया है| मेनन ने फिल्म में अपने दर्शकों को बांधे रखा है| सच्चाई को काल्पनिक रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे वो वास्तविक नजर आ रही है| फिल्म की एडिटिंग से लेकर सिनेमाटोग्राफी तक में बेहतरीन काम हुआ है| मेनन हमें पूरी तरह से 90 के दशक में ले जाते हैं,  जहाँ TV पर न्यूज़ में सचिन तेंदुलकर का भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने वाली बात है, साथ ही अक्षय का पहनावा भी 90 की याद दिलाता है| मेनन की फिल्म में बस  एक कमी है, फिल्म में एक भी ऐसा सीन नहीं है, जिसे देखकर रोना आ जाये या दर्शक दांतों तले उगलियाँ चबा जाएँ| इतना संवेदनशील विषय होने के बावजूद निर्देशक ये जादू नहीं चला पाए है|
एयरलिफ्ट फिल्म कहानी की समीक्षा –
फिल्म की कहानी के मुख्य किरदार रंजीत कत्याल (अक्षय कुमार) है, जो कुवैत के एक बहुत बड़े व्यवसाई है| इतना बड़ा व्यवसायी होने के बावजूद जब सदाम हुसैन कुवैत में आक्रमण करता है, तो उसका रंजीत पर बहुत असर पड़ता है| 1990 में जब ईराक पर सद्दाम हुसैन का राज था, उस समय इराक कर्ज में डूबा हुआ था, अमेरिका से इसने बहुत पैसा लिया हुआ था, जिसे वो लौटने में असक्षम था| अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए सद्दाम ने एक तरीका निकाला| उस समय इराक की आय का एक मात्र साधन तेल था| सद्दाम ने तेल कंपनियों से तेल उत्पादन कम करने को कहा, जिससे इसकी कमी हो जाये और पैसा अधिक मिले| जब उसकी बात नहीं मानी, तब उसने अपनी सेना कुवैत में भेज दी, सेना ने कुवैत को तहस नहस कर दिया| बहुत से लोग मारे गए और वहां बहुत लूट मार हुई| उस समय कुवैत में 1 लाख 70 हजार भारतीय निवासी भी थे, इस घटना के बाद वे रास्ते पर आ गए, जिनके पास कोई ठिकाना नहीं था| ऐसी स्थिति में भारत अपने लोगों को अकेले नहीं छोड़ना चाहता था तब उस समय के विदेश मंत्री ने कुवैत से भारतियों लोगों को वापस भारत लाने की योजना बनाई| मात्र 59 दिन में 490 उडान भरकर सभी भारतीयों को सही सलामत बचा लिया गया था, इस घटना को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था|
अक्षय ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है, जो अपने परिवार से ज्यादा दूसरों को बचाने की कोशिश करता है| निमृत अक्षय की पत्नी की भूमिका में है, जिसकी एक बेटी भी होती है| वैसे शुरू में फिल्म में अक्षय को सेल्फिश बताया है, लेकिन इस घटना के बाद वो पूरी तरह से बदल जाता है, लोगों को मरते परेशान देख वो उन्हें बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है| उसकी पत्नी उसके इस फैसले से सहमत नहीं होती है और चौकं भी जाती है| रंजीत भारत में अपने परिचितों की मदद से इस काम को अंजाम दे पाता है|
फिल्म की सबसे अच्छी बात यह है कि ये हमें इतनी बड़ी सच्ची घटना के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में हम भारतीयों में बहुत कम लोग ही जानते है| फिल्म में कहानी के बाद दमदार एक्टिंग की बात की जाये, तो फिल्म के सभी किरदारों ने बखूबी काम किया है| हम देखते है कि कैसे रंजीत जैसा दमदार इन्सान भी परिस्तिथि के चलते कमजोर हो जाता है, उस पर अपने परिवार को बचाने की जिम्मेदारी तो होती है, साथ ही दूसरे लोग भी उसे आस भरी नज़रों से देखने लगते है| फिल्म को सीमित बजट में बनाया गया है, लेकिन बॉलीवुड के हिसाब से ये परफेक्ट है| अगर आप इसकी हॉलीवुड से तुलना करोगे, तो गलत होगा क्यूंकि वहां पैसे व साधनों की कमी नहीं होती है| यहाँ निर्देशक ने अपने हिसाब से कम बजट में ही बहुत अच्छा सफलतापूर्वक काम किया है|
एयरलिफ्ट फिल्म कलाकारों की समीक्षा –
अक्षय कुमार ने बेबी के बाद एक बार फिर अपने दर्शकों को खुश कर दिया है| रंजीत के किरदार में वे फिट बैठे है, इस रोल को अक्षय से बेहतर कोई भी एक्टर नहीं कर सकता था| अक्षय बहुत शालीन, कर्मशील इन्सान है, जो अपना हर काम समय पर करते है, चाहें वो सुबह उठकर excercise करना या रात को सोना हो| अक्षय अपने काम से मतलब रखते है और वही उन्हें परफेक्ट बनाता है| इस फिल्म के पहले अक्षय ने स्पेशल 26 में 90 के दशक की कहानी बताई थी, जो लोगों को बहुत पसंद आई थी, इसके बाद बेबी भी काफी पसंद की गई थी|
निमृत कौर का किरदार छोटा था, लेकिन उनसे जितना भी काम बोला गया वो उन्होंने बखूबी किया| निमृत की लंच बॉक्स के बाद ये दूसरी फिल्म है, लेकिन उनकी एक्टिंग को देखकर कोई भी ये बात बोल नहीं सकता, पहली फिल्म में भी निमृत को ढेरों अवार्ड मिले थे|
कुमुद मिश्र ने संजय कोहली का किरदार निभाया है, जो तानाशाह के रूप में फिट है, इनकी एक्टिंग ने भी लोगों को आकर्षित किया है|
पूरब कोहली एक जाना माना नाम है जो TV सीरियल फिल्मों में बहुत समय से सक्रीय है, इन्होंने इब्राहीम का किरदार निभाया है, जो कुवैत में रहता है, इसकी नई- नई शादी हुई होती है, लेकिन उस घटना के बाद उसकी बीवी गुम जाती है| पूरब ने अक्षय के साथ एक सहायक की भूमिका निभाई है|
इमानुलाहक ने इराक के मेजर का किरदार निभाया है, ये बहुत दमदार किरदार है, जिसे उन्होंने बहुत अच्छे ढंग से निभाया है|
एयरलिफ्ट फिल्म संगीत समीक्षा (Airlift Movie Song Review) –
फिल्म में संगीत अमाल मलिक है, फिल्म का संगीत अच्छा है वह सबके द्वारा पसंद किया जा रहा है| फिल्म का एक गाना ‘सोच ना सके’ अमाल व अंकित तिवारी ने गाया है, जो अभी नंबर 1 पर चल रहा है| आजकल सभी की जुबान पर ये रोमेंटिक गाना है, जिसे बहुत ख़ूबसूरती से गाया गया है| फिल्म के बाकि गाने भी अच्छे है| फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी काफी अच्छा है|
एयरलिफ्ट फिल्म ओवरआल परफॉरमेंस –
एयरलिफ्ट फिल्म एक बार देखने लायक जरुर है आप इसे देखकर भारतीय होने पर गर्व करेंगे| गणतंत्र दिवस की छुट्टी पर ये फिल्म देखना और भी रोमांचित होगा, बच्चे बड़े सभी इसको पसंद करेंगे| फिल्म की कहानी इसका हीरो है साथ ही आपको अक्षय कुमार की पॉवर पैक परफॉरमेंस भी देखने मिलेगी| आप अपने पुरे परिवार के साथ इसे देखने जाएँ और हमें इसके बारे में अपनी राय दें|

 
 
 
 
 
 
 
 
 


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