Saraswati Puja Vidhi Essay Nibandh Date Shayari in hindi सरस्वती पूजा पर निबंध पूजा विधि एवम शायरी आदि का उल्लेख इस आर्टिकल में हैं |
सरस्वती पूजा निबंध
Saraswati Puja Vidhi Essay Nibandh
सरस्वती माता विद्या एवम संगीत की देवी कही जाती हैं |यह श्वेत वस्त्र धारण करती हैं | इनका वाहन हंस हैं इनके हाथों में वीणा, पुस्तक, कमल एवम माला हैं | यह ज्ञान की देवी जड़ मनुष्य को भी बुद्धि प्रदान कर सकती हैं | यह स्वभाव से अत्यंत कोमल हैं | माँ शारदा, विद्या दायिनी, वागेश्वरी, वाणी आदि कई नामों से इन्हें पुकारा जाता हैं |
Saraswati Puja Date 2015
सरस्वती पूजा तिथी :
नौ रात्र में कई लोग सरस्वती पूजा द्वितीया की तिथि में करते हैं और कई लोग पंचमी से नवमी तक माँ सरस्वती की पूजा करते हैं इसमें पंचमी को सरस्वती घट स्थापना की जाती हैं एवम नवमी के दिन सरस्वती विसर्जन किया जाता हैं |
इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा का महत्व सबसे अधिक माना जाता हैं |
वर्ष 2015 में 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक की जाएगी |
Saraswati Puja Mahatva
सरस्वती पूजा महत्व :
माता सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी के दिन हुआ था | इस दिन इनकी पूजा का महत्व सभी पुराणों में मिलता हैं |लेकिन दुर्गा नवमी के समय भी सरस्वती पूजा का महत्व होता हैं | मान्यतानुसार नव दुर्गा के दुसरे दिन माता सरस्वती का पूजन किया जाता हैं | कई जगहों पर पुरे नौ दिन माँ सरस्वती, माँ दुर्गा एवम माता लक्ष्मी की प्रतिमा बैठाकर विधि विधान से इनकी पूजा की जाती हैं |
सूर, संगीत एवम कला के प्रेमी सरस्वती माता का पूजन बड़े उत्साह एवं उल्लास से करते हैं | माता सरस्वती की पूजा से मनुष्य में ज्ञान का विकास होता हैं इन्ही की कृपा से मनुष्य बंदर योनी से इन्सान बना | मनुष्य में सभ्यता का विकास हुआ | माँ सरस्वती ब्रह्मा जी की अर्धागनी कहलाती हैं जिन्होंने श्रृष्टि की रचना की और उसी सुंदर श्रृष्टि में देवी सरस्वती ने ज्ञान, कला एवम सभ्यता का विकास किया |
सरस्वती देवी की पूजा से मंद बुद्धिजीवी का विकास होता हैं अर्थात जो व्यक्ति मन को एकाग्र करते हुए माँ के चरणों में स्वयं को समर्पित करता हैं उसका विकास निश्चित हैं | माँ सरस्वती की पूजा अर्चना से जड़ मंद बुद्धि कालिदास के जीवन का उद्धार हुआ और वे एक सफल कवी के रूप में विश्व विख्यात हुए |
शिक्षा के मंदिरों एवम संगीतालय में माँ भगवती सरस्वती की पूजा की जाती हैं | इनकी वंदना एवम स्त्रोत का पाठ एवम गायन किया जाता हैं | वीणा इनका मुख्य वाद्ययंत्र हैं जिसे माँ सरस्वती का रूप माना जाता हैं |
सरस्वती माता कमल पर आसीत रहती हैं इसके पीछे एक बहुत बड़ा संदेश मिलता हैं | माँ अपने बच्चो को यह सिखाती हैं कैसी भी बुरी स्थिती अथवा संगति क्यूँ न हो अगर अपने चित्त पर नियंत्रण रख अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ेंगे तो यह कीचड़ रूपी असंगति एवम विकट समस्या के बीच भी कमल की तरह शोभायमान होंगे |
Saraswati Puja Vidhi
सरस्वती पूजा विधि
सरस्वती माता की पूजा का महत्व वर्ष में दो बार निकालता हैं एक बसंत पंचमी के दिन और दूसरा नव दुर्गा के समय |
माँ सरस्वती विद्या एवम कला की देवी हैं इन्हें नौ दुर्गा में स्थापित किया जाता हैं और पुरे विधान के साथ पूजा कर इनके घट की स्थापना की जाती हैं | मान्यतानुसार इन नौ दिनों में पांचवे दिन से माता सरस्वती की प्रतिमा बैठाई जाती हैं और नवमी के दिन विधि विधान से पूजा कर इनका विसर्जन किया जाता हैं |
नव रात्रि के समय तीनो देवियों की पूजा अर्चना का महत्व होता हैं जिस तरह त्रिदेव का महत्व होता हैं वैसा ही त्रिदेवियों का महत्व होता हैं |
खासतौर पर कोलकाता एवम महाराष्ट्र में सरस्वती देवी की इन नौ दिनों में पूजा की जाती हैं |
Saraswti Puja Shayari
सरस्वती पूजा शायरी :
- विद्या दायिनी, हंस वाहिनी माँ भगवती
तेरे चरणों में झुकाते शीष हे देवी
कृपा कर हे मैया दे अपना आशीष
सदा रहे अनुकम्पा तेरी रहे सदा प्रविश
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- श्वेताम्बर हैं जिसका
हंस हैं वहाँ जिसका
वीणा, पुराण जो धारण करती
ऐसी माँ शारदा मैं करू तेरी भक्ति
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- कमल पुष्प पर आसीत माँ
देती ज्ञान का सागर माँ
कहती कीचड़ में भी कमल बनो
अपने कर्मो से महान बनो
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- तू स्वर की दाता हैं,
तू ही वर्णों की ज्ञाता |
तुझमे ही नवाते शीष,
हे शारदा मैया दे अपना आशीष |
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Goddess sarawathi is worshipped in the last three days of navratri. Pooja to saraswathi helps to clear the obstacles in career. To know more
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