Thursday 14 January 2016

नेशनल हेराल्ड मामला घोटाला क्या हैं एवम सुनवाई जानकारी

by Amar Ujala Now  |  in हॉट टॉपिक at  04:18


नेशनल हेराल्ड प्रकरण(National Herald Scam) के संबंध में हेराल्ड की प्रॉपर्टी पर कई गैरक़ानूनी मालिकाना हक़ सामने आये हैं जिस पर 2012 में प्रकरण दर्ज किया गया और दिसम्बर 19 को सुनवाई हुई जिसमे आरोपी को जमानत मिली | साथ ही अगली सुनवाई फरवरी 20 को तय की गई हैं |





नेशनल हेराल्ड मामला घोटाला क्या हैं एवम सुनवाई जानकारी

National Herald Case details Hearing hindi

नेशनल हेराल्ड प्रकरण क्या हैं ?
यह प्रकरण हैं जिसमे कांग्रेस के दिग्गजो पर आरोप हैं जो कि सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाये हैं जिसमे नेशनल हेराल्ड से एसोसिएटेड जनर्ल लिमिटेड Associated Journals Limited (AJL) को दी गई संपत्ति गैर क़ानूनी रूप से यंग इंडिया लिमिटेड में शामिल कर दी गई जबकि YIL कोई Journal या न्यूज़ पेपर नहीं हैं |
नेशनल हेराल्ड इतिहास
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरु ने 9 सितंबर 1938 लखनऊ में नेशनल हेराल्ड नामक एक समाचार पत्र की शुरुवात की थी | अंग्रेजी हुकूमत ने अपने कार्यकाल में कई प्रकार से भारतीय समाचार पत्रों को बंद करने के लिए कदम उठाये जिसके परिणाम स्वरूप 1942 से 45 तक नेशनल हेराल्ड पूरी तरह बंद कर दिया गया | 
वर्ष 1946 में इसे फिरोज गाँधी द्वारा शुरू किया गया तब मानिकोंडा चलापति राव को इसकी बागडौर दी गई इसे दिल्ली एवम् लखनऊ में चलाया गया जिसके हिंदी एवम उर्दू संस्करण थे | यहाँ से यह तेजी से चलने लगा लेकिन इंदिरा गाँधी की चुनावी हार 1977 में इसे फिर से बंद किया गया | 2008 तक इसका दिल्ली संस्करण जारी था लेकिन फिर कई तरह के तकनिकी कारणों के साथ हेराल्ड को बंद किया गया |
यहाँ से शुरू हुआ एक नया अध्याय :
नेशनल हेराल्ड को एसोसिएटेड जनर्ल लिमिटेड Associated Journals Limited (AJL) के हवाले कर दिया गया | माली हालत बहुत ख़राब होने के कारण इसके एम्प्लोयी को तनख्वाह देने के लिहाज से कांग्रेस सरकार ने AJL को नब्बे करोड़ का कर्जा दिया जिस पर कोई ब्याज नहीं लगाया गया | और सबसे बड़ी बात इतने बड़े कर्जे के बाद भी नेशनल हेराल्ड शुरू नहीं किया गया | यह बात किसी को समझ नहीं आई थी |  एसोसिएटेड जनर्ल लिमिटेड को यंग इण्डिया को एक मालिकाना हक़ के साथ सौंप दिया गया | नेशनल हेराल्ड की संपत्ति किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं इसका दुरपयोग अथवा निजी लाभ के लिए किया गया उपयोग पुर्णतः गैरकानूनी हैं |
इस बात का हवाला देते हुए बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस के छह लोगो पर गंभीर आरोप लगाये क्यूंकि यंग इंडिया में इनके शेयर हैं |
नेशनल हेराल्ड केस में किन लोगो के नाम शामिल हैं ?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, उपाध्यक्ष राहुल गाँधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा ये सभी छह वरिष्ठ कांग्रेस अधिकारीयों का नाम इस घोटाले में शामिल हैं | यंग इंडिया में गाँधी परिवार के 64% शेयर हैं बाकि अन्य के |
लगाये गए आरोप ?
  • नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ की सम्पत्ति पर गैर क़ानूनी हक़
  • सबसे बड़ा आरोप दिया गया बिना ब्याज का कर्ज (नब्बे करोड़) हैं क्यूंकि कोई भी राजनैतिक दल अपने फंड से किसी भी प्रकार के धंधे के लिये इतनी बड़ी राशी उधार में नही दे सकती |बाद में ऋण माफ़ कर दिया गया |
  • व्यवसाय की मीटिंग सरकारी कार्यालय में करना गैर क़ानूनी हैं |
  • नेशनल हेराल्ड की सात मंजिला ईमारत हैं जिसे यंग इंडिया ने ले लिया और फिर उसके कुछ हिस्सों को किराये पर दे दिया जो कि गैर क़ानूनी मालिकाना हक़ हैं |
  • 2009 के चुनाव में राहुल गाँधी ने नहीं बताया कि उनकी सम्पत्ति में AJL के शेयर हैं जिनमे से कुछ उन्होंने अपनी बहन के नाम कर दिए लेकिन आज भी AJL के 47513 शेयर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के नाम हैं |
  • 20 /02/2011 को शेयर AJL से यंग इंडिया को दे दिए गए जबकि यह कोई पत्र पब्लिकेशन कंपनी नहीं हैं | यह भी गैर क़ानूनी हैं |
  • AJL के कई शेयर होल्डर मर गए उसके बाद उनके शेयर का ब्यौरा नहीं हैं |
  • हेराल्ड की कुल संपत्ति सोलह हजार करोड़ की थी जिसे यंग इंडिया ने महज पचास लाख में अपने हिस्से में ले लिया | बाद में AJL का ऋण भी माफ़ हो गया जिससे साफ जाहिर होता हैं कि सारी संपत्ति मुफ्त में यंग इंडिया की हो गई और उपर से नब्बे करोड़ भी उसी के हिस्से में चले गये |

प्रकरण दर्ज :
यह सभी आरोप हेराल्ड की संपत्ति को अपने निजी हक़ में लेकर उस पर यंग इंडिया के रूप में गैर मालिकाना अधिकार जाहिर कर उसका इस्तेमाल करने से संबंधी हैं | इसके खिलाफ 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी कोर्ट गए जिसके बाद 26 जून 2014 पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा छह लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया |
शुरुवाती दिनों में अदालती कार्यवाही आगे बढाई गई लेकिन बाद में न्यायाधीश बे यह आरोप सही करार दिये अर्थात सबूतों के आधार पर यह तो तय बताया गया कि जिस तरह AJL के शेयर YIL के पास गए यह तरीका कानून का उल्लंघन करता हैं इस तरह आरोपों की पुष्टि होती हैं और इस मामले में छानबीन के आदेश दिए जाते हैं |
इस सभी के बाद 19 दिसम्बर 15 को न्यायिक सुनवाई की दिनांक मुक्कम्मल की गई |
19/12/2015
सोनिया गाँधी सहित सभी आरोपी पटियाला हाउस अदालत में हाजिर हुए और कुछ देर के बाद ही जमानत के साथ बाहर निकल आये जिसके बाद सोनिया और राहुल ने पत्रकारों के सामने आवाज बुलंद करते हुये कहा कि वे निरपराध हैं और यह साबित हो कर रहेगा | साथी उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कई बाते कहीं | और सभी आरोपों को पोलिटिकल आरोप कहा |पचास हजार की रकम पर सभी अपराधियों को जमानत दी गई जिसमें प्रियंका ने राहुल एवम मन मोहन सिंह से सोनिया की जमानत दी | साथ ही यह तय किया गया उनके आवाजाही पर कोई पाबन्दी नहीं  हैं अर्थात पासपोर्ट जब्त नहीं किये गए |
नेशनल हेराल्ड प्रकरण सुनवाई की अगली तारीख 20/02/2016 की तय की गई हैं |
कांग्रेस के कई दिग्गज आज अपने घरों से बाहर एक जुट होते दिखाई दिये | माना जा रहा हैं कि इस प्रकरण को कांग्रेस की एक जुटता के रूप में देखा जा रहा हैं क्यूंकि बहुत दिनों के बाद कांग्रेस कर्यालय में हलचल दिखाई दी |
अब कई सवाल पैदा होते हैं कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई हैं ? और क्या इतनी आसानी से यह राजनैतिक लोग हेरा फैरी करके भी जमानत पर रिहा हो जाते हैं ? राजनैतिक दलों का फंड इतनी आसानी से निजी कार्यों में लगाया जा सकता हैं ?क्या करोडो की संपत्ति पर ये लोग जब चाहे अपना हक़ जता सकते हैं ऐसे में देश के लोगो की क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए ? इतने गंभीर आरोप के बाद भी ऐसे केस सालो तक चलते रहते हैं | सभी बहुत बड़े सवाल हैं  जिनके जवाब के लिए जुड़े रहे हमारे साथ |

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