लोन एक बहुत प्रचलित शब्द है| जिसे हर व्यक्ति किसी ना किसी रूप मे लेता है कोई अपनी जरुरत के लिये तो कोई अपने सपने को पूरा करने के लिये लोन लेता है| लोन एक तरह का ऋण है जोकि, किसी भी बैंक द्वारा या आज कल कुछ प्राइवेट कम्पनी द्वारा भी दिया जाता है जोकि, एक राशि के रूप मे निश्चित ब्याज दर पर एक निश्चित अवधि के लिये लिया जाता है| लोन कई प्रकार का होता है जैसे- होम लोन,एजुकेशन लोन,पर्सनल लोन|
होम लोन (Home Loan in Hindi)
घर खरीदने या बनाने के लिये बैंक या वित्तीय संस्था से लिया गया ऋण या उधार है जोकि, बैंक व संस्था की निश्चित ब्याज की दर तथा उनकी शर्तो पर के, अनुसार एक अनुबंध करके दिया जाता है|
होम लोन लेने के नियम
बैंक के अपने कुछ नियम कानून होते है जिसके तहद उसमे सभी बाते पूर्व मे ही निश्चित व लिखित रूप मे होती है| बैंक लोन हर किसी भी व्यक्ति को नही देती बैंक लोन निश्चित व्यक्ति को देती है जो इस प्रकार है-
- लोन लेने वाला पूर्णत वयस्क हो अर्थात उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो|
- वह व्यक्ति मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ हो,व किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रस्त ना हो|
- लोन लेने वाले की आयु 60 वर्ष से ज्यादा की ना हो|
- वेतन भोगी कर्मचारी व स्वयं के व्यापार की दशा मे उसकी आय नियमित हो |
- निश्चित की गई आय से अधिक आय होती हो|
- महीने की आय मे से 50% तक की EMI भरने मे सक्षम हो|
- बैंक मे दी गई प्रॉपर्टी की कीमत वर्तमान मे 60-85% तक की हो|
- लोन लेने वाला व्यक्ति ,अपने साथ ऐसे व्यक्ति को चुने जो समय आने पर, उसके बाद लोन चुकाने मे सक्षम हो|
यह कुछ सामान्य शर्ते है| इसके अलावा हर बैंक की अपनी शर्ते व नियम-कानून होते है|
होम लोन कैसे ले
- होम लोन आवेदन प्रस्तुत करना|
- व्यक्तिगत चर्चा करना|
- सत्यापन करना|
- ऋण का मूल्यांकन करना|
- ऋण की स्वीक्रति देना|
- प्रस्ताव पत्र प्राप्त होना|
- कानूनी रूप से जाँच करना|
- तकनीकी मूल्यांकन करना|
- सम्पति की जाँच करना|
- पोस्ट डेटेड चेक जमा करना|
- अंतिम संविवरण प्राप्त करना|
1.होम लोन आवेदन प्रस्तुत करना
होम लोन लेने की प्रक्रिया मे सबसे पहले किसी भी बैंक या संस्था मे एक आवेदन प्रस्तुत करना होता है| उस आवेदन के साथ सभी दस्तावेज़ भी संलग्न करे ,जैसे-
- स्थानीय पते का प्रमाणपत्र (Address Proof)
- आयु प्रमाणपत्र (Age Proof)
- PAN Card की कॉपी
- कर्मचारी व रोजगार का विवरण (Employee or Employment Details)
- आय का प्रमाणपत्र ( Proof of Income)
- बैंक विवरण (Bank Details)
- अन्य व्यक्तिगत जानकारी व उससे संबंधित दस्तावेज़
2.व्यक्तिगत चर्चा करना
आवेदन प्रस्तुत करने के बाद सबंधित अधिकारी आवेदन के साथ उस व्यक्ति से मिलता है जिसे लोन देना है तथा उसे लोन संबंधित शर्तो को समझाता है तथा आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेज़ की प्रति को मूल(Original) दस्तावेज़ से जाँच करेगा|
3.सत्यापन करना
इस सत्यापन की प्रक्रिया को फील्ड इन्वेस्टीगेशन भी कहा जाता है| इसमें बैंक लोन के लिये आवेदन किये गये, व्यक्ति के मौजूदा निवास या ऑफिस पर अपने किसी प्रतिनिधि को भेज कर, सभी दस्तावेजो व व्यक्ति की सही जानकारी लेती है| जिससे भविष्य मे किसी भी तरह की कोई भी धोखा-धड़ी किसी के साथ न हो|
4.ऋण का मूल्यांकन करना
बैंक द्वारा उपरोक्त जानकारी लेने के बाद ,बैंक अपने अनुभव के अनुसार,लोन लेने वाला व्यक्ति की आय,आयु,योग्यता,व्यापार की प्रकृति, तथा बैंक की सभी शर्तो तथा ब्याज की राशि व मूल राशि को पुनः चुकाने मे सक्षम है या नही|
5.ऋण की स्वीक्रति देना
सभी जानकारी तथा तथ्यों की पुष्टि करने के बाद, सहशर्त दस्तावेजो पर बैंक संबंधित व्यक्ति के हस्ताक्षर लेती है, तथा स्वयं भी हस्ताक्षर कर, एक निश्चित ऋण की राशि पर अपनी स्वीकृति देती है|
6.प्रस्ताव पत्र प्राप्त होना
ऋण स्वीकृत होते ही, एक विवरण के साथ बैंक ऋण का प्रस्ताव पत्र देती है| वह विवरण निम्न इस प्रकार है-
- ब्याज की राशि|
- ब्याज की दर|
- ऋण की अवधि|
- स्थिर या चल ब्याज की दर|
- भुगतान की विधी|
- यदि किसी सम्पति पर लोन लिया तो उसके पेपर|
- विशेष स्थति मे दी गई शर्ते|
- अन्य शर्त|
सभी शर्तो के अनुसार बैंक के संबंधित अधिकारी के समक्ष लोन लेने वाला व्यक्ति हस्ताक्षर करेगा तथा सभी दस्तावेज बैंक के कार्यालय मे प्रस्तुत होंगे|
7.कानूनी रूप से जाँच करना
बहुत ही आवश्यक है कि, सम्पति की कानूनी रूप से जाँच की जाये| जिसमे यह देखा जाता है कि, जो व्यक्ति लोन ले रहा है, सम्पति उसी के नाम पर है| तथा उसके सम्बन्ध मे सभी जानकारी सही हो| बैंक उस सम्पति के दस्तावेजो को, अपने पास तब तक रखती है जब तक, लोन की पूरी अदायगी ना हो जाये|
8.तकनीकी मूल्यांकन करना
जिस भूमि दस्तावेज बैंक के समक्ष रखे है उसका, खरीदी मूल्य तथा वर्तमान मे, उसका बाज़ार मूल्य पता करना, तथा उस भूमि का वहा जाकर जाँच करना|
9.सम्पति की जाँच करना
सभी कानूनी तथा तकनीकी मूल्यांकन के बाद सम्पति के पंजीयन की जाँच किसी भी वकील के माध्यम से करना|
10.पोस्ट डेटेड चेक जमा करना
सम्पूर्ण प्रकिया के उपरान्त अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर होने के बाद, बैंक द्वारा पोस्ट डेटेड चेक उस व्यक्ति को दिये जाते है| दी गई तिथि पर चेक को जमा कर, राशि प्राप्त की जाती है|
11.अंतिम संविवरण प्राप्त करना
अंत मे, लोन की अंतिम राशि के सम्बन्ध मे, उस व्यक्ति के द्वारा आवेदन किया जाता है| बैंक की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलने पर अंतिम राशि का चेक, बैंक द्वारा संबंधित व्यक्ति को दिया जाता है| बैंक समय-समय पर अपनी शर्तो के अनुसार, महत्वपूर्ण जानकारी व हुए बदलाव की जानकारी व्यक्ति को देती है, जिसने लोन लिया है|
इस प्रकार होम लोन की प्रकिया की जाती है |
होम लोन हस्तान्तरित करने की प्रकिया
होम लोन हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है| जोकि इस प्रकार है-
- सबसे पहले जिस बैंक मे, होम लोन लिया है उस बैंक मे, लोन के हस्तांतरण के लिये एक आवेदन दे|
- जिस बैंक मे लोन को हस्तान्तरित करना है उस बैंक मे लोन के लिये अनुरोध करे|
- पहले वाली बैंक आवेदन के आधार पर मंजूरी देगी पर उससे पहले वह सभी बकाया राशि तथा पेपर की जाच कर लेन-देन पुरे करवायेगी|
- फिर बैंक अपनी सभी बकाया की वसूली के बाद एक NOC या सहमति पत्र देगी|
- सभी कानूनी कार्यवाही के बाद बैंक उस व्यक्ति को उसके सारे सम्पति के पेपर रिटर्न कर, लोन हस्तान्तरित करने की अनुमति दे देती है|
- इस तरह लोन हस्तांतरण किया जाता है| कई बार यह बहुत फायदेमंद भी होता है| इसमें ब्याज की दर लगभग डेढ़ प्रतिशत तक कम हो जाती है|
होम लोन के सम्बन्ध मे महत्वपूर्ण बाते
- होम लोन लेने से पहले सभी बैंकों मे जाकर, उसकी शर्तो को तथा होम लोन की प्रकिया समझ लेनी चाहिये|
- सभी बैंकों मे अलग-अलग ब्याज दर होती है, उससे संबंधित पूरी जानकारी बैंक से ले, तथा जिसमे ब्याज दर कम हो उसे देखे|
- बैंक को स्वयं तथा सम्पति की सही जानकारी दे व समय-समय पर बैंक की नयी शर्तो की भी जानकारी रखे |
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