सबसे पहले तो हम यह स्पष्ट करते है कि जनसंख्या से तात्पर्य एक सीमित क्षेत्र मे रहने वाले व्यक्तियो की संख्या से है। जब किसी क्षेत्र मे रहने वाले व्यक्तियो की संख्या आवश्यकता से अधिक हो जाए, तो उसे जनसंख्या वृद्धि (population) कहते है। अब सवाल यह उठता है कि यह कैसे पता चलेगा कि किसी स्थान की जनसंख्या अधिक है। इसका उत्तर भी साफ है, जब किसी क्षेत्र के युवाओ के लिए आमदनी के साधन कम मतलब नौकरी के लिए भटकना पड़े या किसी परिवार को अपनी दो वक़्त की रोटी के लिए अत्याधिक परिश्रम करना पड़े, तो निश्चित ही वहा की जनसंख्या आवश्यकता से अधिक होने लगी है।
जनसंख्या वृद्धि की समस्या के कारण एवम निबंध
Jansankhya population samasya karan essay in hindi
भारत मे जनसंख्या वृद्धि और उसके कारण:
Jansankhya population samasya karan in Indi
कहा जाता है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती| फिर चाहे वह अति किसी देश मे रहने वाले व्यक्तियों की क्यो न हो। अब जब हम भारत की बात करते हैं, तो यहा की जनसंख्या वृद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत जनसंख्या के मामले मे विश्व मे दूसरे स्थान पर आता है । जनसंख्या के मामले मे चीन सबसे आगे है, परंतु वह दिन भी दूर नहीं जब भारत चीन से भी आगे निकल जाएगा। क्यूकि आकड़ों के हिसाब से देखे तो चीन मे एक वर्ष मे केवल 1% जनसंख्या वृद्धि होती है| वही भारत मे यह वर्ष की जनसंख्या वृद्धि 2% है । भारत मे जहा प्रतिदिन 60 शिशु जन्म लेते है वही अगर पूरे विश्व की बात करे, तो विश्व मे प्रीतिदिन 150 शिशु जन्म लेते है ।
भारत मे इस बढ़ती हुई जनसंख्या का कारण आज भी लोगो की अशिक्षा व अंधविश्वास है। आज भी लोगो का अपने गुरुओ पर अंधविश्वास है । आज भी कई ऐसे लोग है जो कुछ लोगो पर इतना विश्वास करने लगते है, कि उनकी आज्ञा का पालन बिना कुछ सोचे करते है। इस बात का अंदाजा मुझे तब हुआ जब मैं भक्ति भाव से पूर्ण होकर एक जगह भागवत के आयोजन मे गयी। वहा उपस्थित महात्मा अपने प्रवचन के बीच मे कहते है कि हिन्दुओ की कम से कम 10 संतान होनी चाहिए| एक डॉक्टर दूसरा वकील तो तीसरा इनजिनियर| इसी प्रकार हर समस्या का समाधान हमारे घर मे ही होगा। उन्होने तो अपने भक्तो को यहा तक कह दिया कि आप 10 संतानों को जन्म दीजिये| जितनों का पालन पोषण आपसे होता है आप करिए बाकी हमें दे दीजिए हम लेजाएंगे उन्हे धर्म के कामो मे लगाएंगे। परंतु शायद वे नहीं जानते कि वे लोग भी इसी देश का एक हिस्सा है और उनकी गिनती भी जनगणना के समय की जाती है।
भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अभी भी कुछ लोगो की यह मान्यता है कि जीतने लोग कमाने वाले होंगे उतनी ही अधीक आमदनी होगी| परंतु वे लोग यह भूल जाते है कि जितने लोग कमाएंगे उतने ही खायेंगे भी । अगर किसी माता पिता की ज्यादा संताने होंगी तो यह संभव नहीं कि वे आज के समय मे सभी को बेहतर शिक्षा और अन्य सुविधाए दे पाये। परंतु इसी के विपरीत किसी की एक या केवल दो संताने है तो उन माता पिता का पूरा ध्यान अपने बच्चो पर केन्द्रित रहता है तथा वे अपने बच्चो को बेहतर परवरिश दे पाते है। अब जरूरत यह है कि भारत जैसे अंधविश्वासी देश मे बच्चो को भगवान की देन ना मानकर यह समझा जाए कि जनसंख्या नियंत्रण हमारे हाथो मे है हम चाहे तो इस पर नियंत्रण कर सकते है।
जनसंख्या पर नियंत्रण कैसे किया जाए : वैसे तो किसी घर के कमरे मे अपने कम्प्युटर के सामने बैठकर यह तय कर पाना की भारत जैसे अनेकता से भरे देश मे जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कैसे किया जाए, नामुमकिम है । परंतु फिर भी ऐसी कई बाते है जिन्हें अगर हर कोई ध्यान मे रखे तो शायद जनसंख्या वृद्धि की दर कम होगी। कुछ कारण ऐसे है जिनपर मैं यहाँ प्रकाश डालना चहुंगी ।
- बलिकाये जिनका विवाह कम आयु मे हो गया है, वे केवल दो बच्चो को जन्म देने की सोच रखे तथा अपने परिवार को एक अच्छी परवरिश दे।
- परिवार कल्याण जैसे कार्यक्रमों को समझे तथा उन्हे उपयोग मे लाये। विज्ञापनो और उनसे दी जाने वाली जानकारी को समझने की कोशिश करे।
- हमारी आने वाली पीढ़ी को शिक्षित और नए विचारो से समृध्ध बनाए।
- यह विचार करने योग्य बात है कि भारत के उत्तरी राज्यो मे जनसंख्या वृद्धि की दर ज्यादा है।
यहा हम 10 अधिक जनसंख्या वाले देशो की जनसंख्या और उनका विश्व मे प्रतिशत बता रहे है :
SN | देश का नाम | जनसंख्या | विश्व मे प्रतिशत |
1 | चीन | 1372120000 | 18.9% |
2 | भारत | 1277240000 | 17.6% |
3 | यूनाइटेड स्टेट | 321840000 | 4.43% |
4 | इंडोनेशिया | 252164800 | 3.47% |
5 | ब्राज़ील | 204911000 | 2.82% |
6 | पाकिस्तान | 190933000 | 2.63% |
7 | नाईजीरिया | 173615000 | 2.39% |
8 | बांग्लादेश | 159038000 | 2.19% |
9 | रशिया | 146068400 | 2.01% |
10 | जापान | 127130000 | 1.75% |
इस तालिका के आकड़ों के हिसाब से तो भारत दूसरे स्थान पर है, परंतु अगर आबादी इसी तरह बढती रही, तो वह दिन दूर नहीं जब हम पहले स्थान पर होंगे| हमारे देश के युवा नौकरी के लिए भटकेंगे, सड़कों पर भीड़ होगी, रहने के लिए जगह कम पड़ेगी, खाने के लिए अनाजों की कमी पड़ेगी, देश मे झोपडिया बड़ेगी और इसी तरह और भी कई समस्याए उत्पन्न हो जाएगी।
जरूरत है तो बस सारे नुकसान के बारे मे सोचकर जनसंख्या पर काबू करने की और आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने की।
0 comments: