जम्मू कश्मीर मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सैय्यद की मृत्यु के बाद उनकी जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी Peoples Democratic Party (PDP) ने अपने नये मुख्यमंत्री के तौर पर मेहबूबा मुफ़्ती का चयन किया हैं | मेहबूबा मुफ़्ती जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी जिसका असर केंद्र सरकार पर पड़ सकता हैं क्यूंकि महबूबा मुफ़्ती के रवैया के कारण हाल ही में विपक्ष ने सरकार पर ऊँगली उठाई थी इसलिए समझा जा रहा हैं कि जम्मू कश्मीर के बीजेपी एवम पीडीपी गठबंधन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं |
महबूबा मुफ़्ती जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष हैं और जम्मू कश्मीर अनंतनाग में लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर जानी जाती हैं | पिता की मृत्यु के बाद जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से यह चीफ मिनिस्टर के पद के लिए एक प्रबल उम्मीदवार के तौर पर देखी जा रही हैं | यह एक सक्रिय राजनैतिक चेहरा हैं इसलिये बिना किसी आपत्ति के इनका मुख्यमंत्री बनाना तय समझा जा रहा हैं |
महबूबा मुफ़्ती जीवनीmahbooba mufti Jeevani Hindi
1 | नाम | महबूबा मुफ़्ती |
2 | जन्म | 22 मई 1959 |
3 | धर्म | मुस्लिम |
4 | माता पिता | मोहम्मद मुफ़्ती सैयद – गुलशन नज़ीर |
5 | संतान | इल्तिज, इर्तिका |
6 | शादी स्टेटस | तलाक |
7 | काम | पॉलिटिक्स, सामाजिक कार्यकर्ता |
8 | पद | PDP अध्यक्ष, लोकसभा सदस्य |
- महबूबा मुफ़्ती प्रारम्भिक जीवन :
महबूबा मुफ़्ती का जन्म वर्ष 1959, 22 मई को अखरण नोव्पोरा अनंतनाग जिले में हुआ था | इनके पिता मोहम्मद मुफ़्ती सैयद एवम माता गुलशन नज़ीर हैं | इनकी एक बहन रुबिया जो कि अगवाह हो जाने के कारण बहुत दिनों तक देश की खबरों का हिस्सा थी जब महबूबा मुफ़्ती के पिता गृहमंत्री थे | यह किडनैप आतंकवादियों ने वर्ष 1989 में एयर प्लेन को अपने कब्जे में लेकर किया था जिसमे कई यात्री थे जिनके बदले में कुख्यात आतंकियों को रिहा किया गया था | उन सभी यात्रियों में से एक रुबिया थी जो तात्कालिक गृहमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती की बेटी थी |
महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की डिग्री पूरी की | सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने से पहले इन्होने अपने पति से तलाक लिया जिनसे इन्हें दो बेटियाँ इल्तिज, इर्तिका हैं |
- महबूबा मुफ़्ती राजनैतिक करियर :
1996 में राज्य सभा इलेक्शन के दौरान यह एक फेमस राजनैतिक चेहरा बन चुकी थी जब इन्होने कांग्रेस की सीट के लिए जम्मू-कश्मीर के बिजबेहरा विधानसभा में अपनी जीत सु निश्चित की |इसी कारण असेंबली में पांच वर्ष तक फारुक अब्दुल्ला के समय यह विपक्ष का नेतृत्व करती नजर आई |
महबूबा मुफ़्ती पहली महिला हैं जो जम्मूकश्मीर से एक सक्रीय राजनीति का हिस्सा हैं और साथ ही एक बहु प्रसिद्ध चेहरा भी हैं | इनकी राजनितिक शुरुवात कांग्रेस पार्टी से हुई लेकिन आपसी मतभेद के कारण इनके पिता ने कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया | तब वर्ष 1999 में इन्होने कांग्रेस से अपनी विधानसभा सीट के लिए इस्तीफा दिया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की उपाध्यक्ष बनाई गई | वर्ष 1999 में इन्होने श्रीनगर से अपना संसदीय चुनाव उम्र अब्दुला के खिलाफ लड़ा लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा | लेकिन 2002 के राज्यसभा चुनाव में पहलगाम सीट पर अहमद मीर के खिलाफ दक्षिण कश्मीर में अपनी जीत दर्ज की | और बाद में वे लोकसभा अनंतनाग सीट के लिए वर्ष 2004 एवम 2014 के लिए चुनी गई | इन्होने 2014 में हुए चुनावों में अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए अनंतनाग – पुलवामा सीट जीती जिसमे उन्होंने 44,735 मतों के अंतर के साथ नेशनल कांफ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग को हराया | उन्हें 1,42,237 और बेग 97,502 वोट मिले थे |
जम्मू एवं कश्मीर राजनीतिक मौसम में तब बदलाव हुआ जब उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा राज्य में बाढ़ की वजह से हाल ही में तबाही के कथित कुप्रबंधन की पृष्ठभूमि तैयार हुई जिसका मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जमकर फायदा उठाया और आगामी चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में बंधकर अपनी पार्टी को जीत दिलाई और मुख्यमंत्री पद हासिल किया लेकिन अब उनकी मृत्यु के बाद राज्य की कमान महबूबा मुफ़्ती के हाथों में सौंपी जायेगी |
पार्टी ने 2014 के आम चुनावों में छह लोकसभा सीटों में से तीन में जीत दर्ज की थी।
- संक्षिप्त पॉलिटिकल विवरण :
- 1996 से 99 तक कांग्रेस विधायक दल जम्मू-कश्मीर विधान सभा की जानी मानी नेता रही |
- 1996 से 99 और 2002 से 2004 : दो बार जम्मू कश्मीर विधानसभा सदस्य रही
- 2004 में 14वी लोकसभा के लिये चुनी गई |
- 2009 में जम्मू कश्मीर पीपल डोमेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष चुनी गई |
- 2014 में फिर से 16 वी लोकसभा के लिये चुनी गई |
- 2016 में अपने पिता मोहम्मद मुफ़्ती की मृत्यु के बाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में एक प्रबल दावेदार हैं |
- महबूबा मुफ़्ती राजनैतिक व्यवहार :
महबूबा मुफ़्ती अपनी कट्टर राजनैतिक व्यवहार के लिये जानी जाती हैं | जब पाकिस्तान NSA से बात करने के लिए एक नेता दिल्ली जा रहा था | तब उसकी गिरफ्तारी के आदेश जारी किये गए थे लेकिन तब ही महबूबा मुफ़्ती ने इस मामले में आकर उस नेता को रिहा करवा लिया |
इनके व्यवहार के कारण केंद्र सरकार को भी तकलीफ का सामना करना पड़ सकता हैं | केंद्र सरकार से बहुत सोचने समझने के बाद जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी से हाथ मिलाया था जिसका सबसे महत्वपूर्ण कारण थे पूर्व मुख्यमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती सय्यैद क्यूंकि वे एक सुलझे एवम शालीन मिजाज व्यक्ति थे लेकिन अब पार्टी की कमान उनकी बेटी महबूबा मुफ़्ती के हाथ में आने को हैं जिनका रवैया हमेशा ही केंद्र के लिए फांसी का फंदा रहा हैं इसलिये अब केंद्र को कई परेशानियों का सामना करना पद सकता हैं |
पर जहाँ तक हैं महबूबा मुफ़्ती अपने इस कट्टरपंथी रवैये के कारण राज्य की उन्नति में कतई बाधा नहीं बनेगी बल्कि नये जोश के साथ जम्मू कश्मीर को कुछ ही वक्त पहले हुई बाढ़ की त्रासदी से बाहर निकालने में जुट जायेंगी |
- वर्तमान राजनैतिक स्थिती
हाल ही में इनके पिता की मृत्यु हुई हैं | मुफ़्ती साहब कई दिनों से बीमार थे उनके कई अंग काम करना बंद कर गये थे बहुत कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका | दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था लेकिन दुर्भाग्यवश जनवरी को निधन हो गया | अब पार्टी ने मुख्यमंत्री के तौर पर निर्विवाद महबूबा मुफ़्ती का नाम दिया हैं | फ़िलहाल जम्मू कश्मीर में एक महिला के मुख्यमंत्री बनने पर मुस्लिम समाज के महिलाओं की स्थिती सुधरने की गुंजाईश हैं | यह पहली महिला हैं जो देश में जम्मू कश्मीर से एक नेता के रूप में उभरी हैं |
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