सन 1963-1964 मे भारत के पंजाब राज्य मे जन्मे सरबजीत सिंह की मृत्यु 2 मई 2013 मे पाकिस्तान के लाहौर के एक अस्पताल मे हो गयी थी। इनकी मृत्यु का कारण पाकिस्तान के जेल मे उपस्थित कैदियो द्वारा किया गया दुरव्यवहार बताया गया। वैसे इन्हे पाकिस्तान के कानून के द्वारा मौत की सजा सुनाई गयी थी ।
सरबजीत सिंह की म्रत्यु, परिवार, जीवनी पर फिल्म
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- सरबजीत सिंह कौन थे और उनका जीवन परिचय:
पंजाब के तरनतारन मे जन्मे सरबजीत सिंह के पिता यूपी मे नौकरी करते थे। सरबजीत कब्बडी के अच्छे खिलाड़ी थे और अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए वे खेतो मे टेक्टर चलाते थे। सरबजीत सिंह ने सन 1984 मे सुखबीर कौर से शादी भी की। सरबजीत तथा सुखबीर कौर की 2 बेटियाँ पूनमदीप और स्वपनदीप है।
- सरबजीत पाकिस्तान कैसे पहुचे तथा उन पर पाकिस्तान सरकार द्वारा लगाए गए आरोप :
सन 1990 मे जब सीमा पर तार की फेंसिंग नहीं होती थी, तब सरबजीत शराब के नशे मे सीमा के पार पाकिस्तान पहुच गए। उनके पाकिस्तान मे प्रवेश करते ही उन्हे एक पाकिस्तानी कर्नल द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी के सात दिनो बाद उन्हे पाकिस्तानी कोर्ट मे हाजिर किया गया । परंतु दिक्कत की बात यह थी, कि सरबजीत सिंह को पाकिस्तानी कोर्ट मे एक भारतीय जासूस के रूप मे हाजिर किया गया। कोर्ट मे सरबजीत सिंह की पहचान मंजीत सिंह के नाम से कराई गयी।
सरबजीत सिंह को पाकिस्तानी कोर्ट ने रॉ का एजेंट बताया और और उन्हे लाहौर, मूलतान तथा फैसलाबाद बम धमाको का भी दोषी बताया गया। इनहि सब आरोपो की बिनाह पर सरबजीत को पाकिस्तानी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।
परंतु इस सब के बाद सरबजीत का परिवार तथा मानव अधिकार संगठन वाले सरबजीत के पक्ष मे आगे आए। उन्होने पाकिस्तान सरकार द्वारा की गयी छानबीन का पता लगाया। तब उन्हे पता चला कि पाकिस्तानी कोर्ट मे सरबजीत का जो पासपोर्ट दिया गया था, उसपर सरबजीत की फोटो के साथ किसी खुशी मोहम्मद का नाम लिखा हुआ था।
अब सरबजीत के परिवार मे खलबली तब मची, जब पाकिस्तान टीवी चेनलों पर 2005 मे एक वीडियो मे यह दिखाया गया कि सरबजीत ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। 2005 ही वह साल था, जब सरबजीत के पक्ष मे भी एक गवाह सामने आया और उसने कहा की सरबजीत पर जबरजसती करके सारी बाते कबूल कारवाई गयी है।
इन सब के बावजूद 2008 मे सरबजीत की फांसी तय कर दी गयी, परंतु फिर कुछ प्रयासो के चलते पाकिस्तानी कोर्ट ने अपना फांसी का फैसला अनिश्चित काल तक टाल दिया।
सन 2012 मे न्यूज़ चैनलो और अखबारो मे यह खबर आई कि सरबजीत को रिहा किया जा रहा है। यह सुनते ही सरबजीत के परिवार मे खुशी की लहर दौड़ गयी। परंतु यह खुशी झूठी साबित हुई तथा सरबजीत के बदले सुरजीत की रिहाई की गयी।
यह रिहाई भी सरबजीत के परिवार वालो को एक उम्मीद दे गयी, कि कभी ना कभी भले ही कुछ वर्षो बाद सरबजीत रिहा होकर वापस अपने देश लौटेगा। यह सारी उम्मीदे झूठी साबित हुई और पाकिस्तान से उनकी मौत की खबर हिंदुस्तान पहुची।
- सरबजीत की मौत का कारण :
26 अप्रैल 2013 को जेल मे ही सरबजीत पर कैदियो द्वारा हमला किया गया और यह हमला उनके लिए जानलेवा साबित हुआ। जेल मे ही 2 कैदियो द्वारा उनपर रात्री के समय ईट और चम्मचो से हमला किया गया। इसी हमले के चलते वे लहूलुहान हो गए व कोमा मे चले गये। और आखिरकार ज़िंदगी से लड़ते हुये मौत की जीत हुई और 2 मई को रात्री के 1 बजे वे शरणागति को प्राप्त हुये।
- सरबजीत की शिकायते :
पाकिस्तानी सरकार द्वारा सरबजीत के नाम तथा पहचान की गलत शिनाख्त करने के साथ साथ उसकी शिकायतों को भी नजर अंदाज किया गया। वर्ष 2010 मे सरबजीत के द्वारा जेल मे उनके साथ किए गये बुरे व्यवहार की शिकायत सरकार को की गयी थी, परंतु पाकिस्तानी सरकार ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि उन पर किए गये हमलों ने उनकी जान ही ले ली और उनके परिवार वालों की उनके वापस लौटने की उम्मीद तोड़ दी।
- सरबजीत की मृत्यु के बाद भारत मे उनका अंतिम संस्कार :
जब सरबजीत की मृत्यु के बाद उसका शव भारत भेजा गया, तो उनकी अंतिम बिदाई मे काँग्रेस प्रमुख राहुल गांधी सहित कई राजनैतिक शामिल हुये। क्यूकि सरबजीत की 2 बेटियाँ थी, उनका अंतिम संस्कार उनकी बहन दलबीर कौर (Dalbir Kaur) के द्वारा पैत्रक गाव मे किया गया।
सरबजीत की मौत के बाद कुछ अखबारो ने यह खुलासा भी किया कि उनके शरीर को बिना दिल, किडनी और लीवर के भारत भेजा गया था। वैसे तो सरबजीत का पोस्टमार्ट्म पाकिस्तान सरकार द्वारा पहले से ही करके भेजा गया था, परंतु फिर भी सरबजीत का परिवार उनकी मौत का कारण जानना चाहता था। उनके परिवार के द्वारा पुनः उनका पोस्टमार्ट्म कराया गया। उनका यह पोस्टमार्ट्म अमृतसर मेडिकल कॉलेज मे 6 डॉक्टर की टीम ने किया। उनके शरीर मे सिर छाती पर कई चोटों के निशान मिले और उनके मुह मे भी खून के थक्के मिले थे।
- सरबजीत सिह केस से जुड़ी अन्य बाते:
- पाकिस्तानी सरकार ने सरबजीत केस मे 38 गवाहो से बयान लिए और इसके लिए उनके द्वारा सरबजीत के परिवारजनो को भी नोटिस दिया गया था।
- सरबजीत के वकील तथा उनके बेटे का भारतीय सीमा के पास अपरहण किया गया था, परंतु कुछ समय बाद उन्हे तुरंत रिहा कर दिया गया था।
- पंजाब विधान सभा द्वारा सरबजीत सिंह को राष्ट्रीय शहीद घोषित किया गया और इस तरह उन्हे राष्ट्रीय सम्मान दिया गया।
- सरबजीत की मृत्यु के समय तीन दिन के राष्ट्रिय शोक के साथ साथ उनके परिवार को 1 करोड़ रूपय की सहायता राशी भी प्रदान की गयी थी।
- जब यह खबर आई कि जेल मे सरबजीत की हत्या अन्य कैदियो द्वारा की गयी, उसी समय हिंदुस्तान मे जेल मे उपस्थित कैदियो की सुरक्षा बड़ाई गयी थी।
सरबजीत सिंह पर फिल्म (Sarabjit Singh film)
सरबजीत सिंह के जीवन पर एक फिल्म फेमस डायरेक्टर उमंग कुमार द्वारा बनाई जा रही है, इस फिल्म मे सरबजीत कि बहन का किरदार एश्वर्या राय बच्चन के द्वारा निभाया जायेगा| यह फिल्म मई 2016 में आने का अनुमान लगाया जा रहा है|
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