Thursday, 14 January 2016

महबूबा मुफ़्ती जीवन परिचय

by Amar Ujala Now  |  in राजनीती at  04:24
जम्मू कश्मीर मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सैय्यद की मृत्यु के बाद उनकी जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी Peoples Democratic Party (PDP) ने अपने नये मुख्यमंत्री के तौर पर मेहबूबा मुफ़्ती का चयन किया हैं | मेहबूबा मुफ़्ती जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी जिसका असर केंद्र सरकार पर पड़ सकता हैं क्यूंकि महबूबा मुफ़्ती के रवैया के कारण हाल ही में विपक्ष ने सरकार पर ऊँगली उठाई थी इसलिए समझा जा रहा हैं कि जम्मू कश्मीर के बीजेपी एवम पीडीपी गठबंधन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं |


महबूबा मुफ़्ती जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष हैं और जम्मू कश्मीर अनंतनाग में लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर जानी जाती हैं | पिता की मृत्यु के बाद जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से यह चीफ मिनिस्टर के पद के लिए एक प्रबल उम्मीदवार के तौर पर देखी जा रही हैं | यह एक सक्रिय राजनैतिक चेहरा हैं इसलिये बिना किसी आपत्ति के इनका मुख्यमंत्री बनाना तय समझा जा रहा हैं |
  • महबूबा मुफ़्ती जीवनीmahbooba mufti Jeevani Hindi

1नाममहबूबा मुफ़्ती
2जन्म22 मई 1959
3धर्ममुस्लिम
4माता पितामोहम्मद मुफ़्ती सैयद – गुलशन नज़ीर
5संतानइल्तिज, इर्तिका
6शादी स्टेटसतलाक
7कामपॉलिटिक्स, सामाजिक कार्यकर्ता
8पदPDP अध्यक्ष, लोकसभा सदस्य
  • महबूबा मुफ़्ती प्रारम्भिक जीवन :
महबूबा मुफ़्ती का जन्म वर्ष 1959, 22 मई को अखरण नोव्पोरा अनंतनाग जिले में हुआ था | इनके पिता मोहम्मद मुफ़्ती सैयद एवम माता गुलशन नज़ीर हैं | इनकी एक बहन रुबिया जो कि अगवाह हो जाने के कारण बहुत दिनों तक देश की खबरों का हिस्सा थी जब महबूबा मुफ़्ती के पिता गृहमंत्री थे | यह किडनैप आतंकवादियों ने वर्ष 1989 में एयर प्लेन को अपने कब्जे में लेकर किया था जिसमे कई यात्री थे जिनके बदले में  कुख्यात आतंकियों को रिहा किया गया था | उन सभी यात्रियों में से एक रुबिया थी जो तात्कालिक गृहमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती की बेटी थी |
महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की डिग्री पूरी की | सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने से पहले इन्होने अपने पति से तलाक लिया जिनसे इन्हें दो बेटियाँ इल्तिज, इर्तिका हैं |
  • महबूबा मुफ़्ती राजनैतिक करियर :
1996 में राज्य सभा इलेक्शन के दौरान यह एक फेमस राजनैतिक चेहरा बन चुकी थी जब इन्होने कांग्रेस की सीट के लिए जम्मू-कश्मीर के बिजबेहरा विधानसभा में अपनी जीत सु निश्चित की |इसी कारण असेंबली में पांच वर्ष तक फारुक अब्दुल्ला के समय यह विपक्ष का नेतृत्व करती नजर आई |
महबूबा मुफ़्ती पहली महिला हैं जो जम्मूकश्मीर से एक सक्रीय राजनीति का हिस्सा हैं और साथ ही एक बहु प्रसिद्ध चेहरा भी हैं | इनकी राजनितिक शुरुवात कांग्रेस पार्टी से हुई लेकिन आपसी मतभेद के कारण इनके पिता ने कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया | तब वर्ष 1999 में इन्होने कांग्रेस से अपनी विधानसभा सीट के लिए इस्तीफा दिया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की उपाध्यक्ष बनाई गई | वर्ष 1999 में इन्होने श्रीनगर से अपना संसदीय चुनाव उम्र अब्दुला के खिलाफ लड़ा लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा | लेकिन 2002 के राज्यसभा चुनाव में पहलगाम सीट पर अहमद मीर के खिलाफ दक्षिण कश्मीर में अपनी जीत दर्ज की | और बाद में वे लोकसभा अनंतनाग सीट के लिए वर्ष 2004 एवम 2014 के लिए चुनी गई | इन्होने 2014 में हुए चुनावों में अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए अनंतनाग – पुलवामा सीट जीती जिसमे उन्होंने 44,735 मतों के अंतर के साथ नेशनल कांफ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग को हराया | उन्हें 1,42,237 और बेग 97,502 वोट मिले थे |
जम्मू एवं कश्मीर  राजनीतिक मौसम में तब बदलाव हुआ जब उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा राज्य में बाढ़ की वजह से हाल ही में तबाही के कथित कुप्रबंधन की पृष्ठभूमि तैयार हुई जिसका मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जमकर फायदा उठाया और आगामी चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में बंधकर अपनी पार्टी को जीत दिलाई और मुख्यमंत्री पद हासिल किया लेकिन अब उनकी मृत्यु के बाद राज्य की कमान महबूबा मुफ़्ती के हाथों में सौंपी जायेगी |
पार्टी ने 2014 के आम चुनावों में छह लोकसभा सीटों में से तीन में जीत दर्ज की थी।
  • संक्षिप्त पॉलिटिकल विवरण :
  1. 1996 से 99 तक कांग्रेस विधायक दल जम्मू-कश्मीर विधान सभा की जानी मानी नेता रही |
  2. 1996 से 99 और 2002 से 2004 : दो बार जम्मू कश्मीर विधानसभा सदस्य रही
  3. 2004 में 14वी लोकसभा के लिये चुनी गई |
  4. 2009 में जम्मू कश्मीर पीपल डोमेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष चुनी गई |
  5. 2014 में फिर से 16 वी लोकसभा के लिये चुनी गई |
  6. 2016 में अपने पिता मोहम्मद मुफ़्ती की मृत्यु के बाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में एक प्रबल दावेदार हैं |
  • महबूबा मुफ़्ती राजनैतिक व्यवहार :
महबूबा मुफ़्ती अपनी कट्टर राजनैतिक व्यवहार के लिये जानी जाती हैं | जब पाकिस्तान NSA से बात करने के लिए एक नेता दिल्ली जा रहा था | तब उसकी गिरफ्तारी के आदेश जारी किये गए थे लेकिन तब ही महबूबा मुफ़्ती ने इस मामले में आकर उस नेता को रिहा करवा लिया |
इनके व्यवहार के कारण केंद्र सरकार को भी तकलीफ का सामना करना पड़ सकता हैं | केंद्र सरकार से बहुत सोचने समझने के बाद जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी से हाथ मिलाया था जिसका सबसे महत्वपूर्ण कारण थे पूर्व मुख्यमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती सय्यैद क्यूंकि वे एक सुलझे एवम शालीन मिजाज व्यक्ति थे लेकिन अब पार्टी की कमान उनकी बेटी महबूबा मुफ़्ती के हाथ में आने को हैं जिनका रवैया हमेशा ही केंद्र के लिए फांसी का फंदा रहा हैं इसलिये अब केंद्र को कई परेशानियों का सामना करना पद सकता हैं |
पर जहाँ तक हैं महबूबा मुफ़्ती अपने इस कट्टरपंथी रवैये के कारण राज्य की उन्नति में कतई बाधा नहीं बनेगी बल्कि नये जोश के साथ जम्मू कश्मीर को कुछ ही वक्त पहले हुई बाढ़ की त्रासदी से बाहर निकालने में जुट जायेंगी |
  • वर्तमान राजनैतिक स्थिती
हाल ही में इनके पिता की मृत्यु हुई हैं | मुफ़्ती साहब कई दिनों से बीमार थे उनके कई अंग काम करना बंद कर गये थे बहुत कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका | दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था लेकिन दुर्भाग्यवश जनवरी को निधन हो गया | अब पार्टी ने मुख्यमंत्री के तौर पर निर्विवाद महबूबा मुफ़्ती का नाम दिया हैं | फ़िलहाल जम्मू कश्मीर में एक महिला के मुख्यमंत्री बनने पर मुस्लिम समाज के महिलाओं की स्थिती सुधरने की गुंजाईश हैं | यह पहली महिला हैं जो देश में जम्मू कश्मीर से एक नेता के रूप में उभरी हैं |

ऑड ईवन स्कीम जानकारी

by Amar Ujala Now  |  in सरकारी योजनाये at  04:22
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम उठाया हैं जिसे Odd Even Scheme नाम दिया गया हैं | इस योजना को आजमाइश के तौर पर जनवरी 1, 2016 से 15 दिनों के लिए लागू किया जायेगा | इस ट्रायल के जरिये मापा जायेगा कि इस योजना से वातावरण में क्या बदलाव आते हैं और नागरिक जन इस बदलाव के साथ किस तरह से बर्ताव करते हैं अथवा प्रभावित होते हैं | इन सभी बातों को ध्यान में रखकर योजना के आगे रहने के बारे में सोचा जायेगा |
  • क्या हैं ऑड ईवन स्कीम ?

    Odd Even Scheme Delhi Hindi

यह योजना दिल्ली सरकार द्वारा प्रदुषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही हैं जिसके तहत यातायात में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा हैं | योजना के अंतर्गत ऑड अर्थात विषम दिनांक के दिन विषम संख्या वाली कार ही यातायात में शामिल होंगी एवम इवन अर्थात सम दिनांक के दिन सम संख्या वाली कार ही सड़क यातायात में शामिल होंगी | साथ ही पार्किंग में भी ऑड/ विषम तारीख पर ऑड नम्बर प्लेट वाली कार को ही पार्क किया जायेगा | योजना का उल्लंघन करने वालो को 2000 रूपये का जुर्माना देना होगा |

योजना संबंधी शर्ते :
  • फिलहाल ऑड ईवन स्कीम ट्रायल बेसिस पर 15 दिनों के लिये दिल्ली में लागु की जा रही हैं |
  • ऑड नंबर प्लेट वाली कार ऑड तारीख पर और ईवन नंबर प्लेट वाली कार इवन नंबर पर ही चलाई जाने की अनुमति होगी |
  • पार्किंग लॉट में भी यही नियम लागु होंगे जिसमे ऑड नंबर प्लेट वाली कार ऑड तारीख पर और ईवन नंबर प्लेट वाली कार इवन तारीख पर ही पार्किंग लॉट के खड़ी की जा सकेंगी  |
  • योजना के अनुकूल बर्ताव ना करने पर 2000/ रूपये का जुर्माने का प्रावधान हैं |
  • यह नियम सुबह 8 से रात 8 के बीच ही लागु किया जायेगा |
  • रविवार के दिन यह योजना लागू नहीं मानी जायेगी |
  • यातायात को जनता के लिये सरल बनाने के लिए मेट्रो ट्रेन्स की ट्रिप्स को बढ़ाया जायेगा |
  • परिवहन बस की संख्या भी बढाई जायेगी |
  • ऑटो की संख्या में भी वृद्धि की जायेगी |
  • मोबाइल एप्लीकेशन car pool app ‘Poocho’ app शुरू किये जायेंगे जिससे जनता अपने स्थान से ऑटो एवं कार को हायर कर सके |
  • पंद्रह दिनों तक योजना के सही आंकलन एवम जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर ही योजना को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा जायेगा |
  • ऑड ईवन डेट नंबर को जाने :
ईवन नम्बर : यूनिट प्लेस/ इकाई स्थान/ अंतिम नम्बर पर अगर 2 का गुणज/ मल्टीप्ल हो जैसे 2,4,6,8,0 |
ऑड नम्बर : यूनिट प्लेस/ इकाई स्थान/ अंतिम नम्बर पर अगर 2 का गुणज/ मल्टीप्ल  के अलावा नम्बर हो जैसे 1, 3,5,7,9 |
1ईवन डेट
2,4,6,8,10,12,14
गाड़ी नम्बर के यूनिट प्लेस/ इकाई स्थान/ अंतिम नम्बर पर अगर 2 का गुणज/ मल्टीप्ल हो जैसे 2,4,6,8,0 |
2ऑड डेट
1, 3,5,7,9,11,13,15
नम्बर के यूनिट प्लेस/ इकाई स्थान/ अंतिम नम्बर पर अगर 2 का गुणज/ मल्टीप्ल  के अलावा नम्बर हो जैसे
1, 3,5,7,9 |
  • ऑड ईवन स्कीम के तहत कौन-कौन शामिल नहीं हैं
कुछ विशेष लोगो एवम परिस्थितयों में ऑड ईवन स्कीम के नियम लागु नहीं किये जायेंगे :
  • मेडिकल इमरजेंसी : अगर कोई मरीज को हॉस्पिटल जाना जरुरी हैं तो उन्हें ऑड ईवन स्कीम के तहत रोका नहीं जा सकता | इस में सत्यता के लिए अभी केवल ट्रस्ट फेक्टर ही कार्य करेगा |
  • VIP कोटा : इसके तहत प्रेसिडेंट, वाईस प्रेसिडेंट, प्राइम मिनिस्टर, चीफ़ जस्टिस,यूनियन मिनिस्टर, चीफ़ मिनिस्टर, गवर्नर आदि वीआईपी कोटे में आने वाली गाड़ियाँ ऑड ईवन स्कीम के तहत नहीं आएँगी |
  • CNG व्हीकल: ऑड ईवन स्कीम के नियम CNG गाड़ियों पर भी लागू नहीं होंगे | इसके लिये कार मालिक को दिये हुए स्टीकर कार पर लगाने होंगे |
  • दो पहिया वाहन : अभी दो पहिया वाहन इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं हैं |
  • महिला ड्राईवर : महिला ड्राईवर जो बारह साल से छोटे बालक के साथ ड्राइव कर रही हो वो भी ऑड ईवन स्कीम के तहत नहीं आयेंगी |
  • अन्य : इसके आलावा एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पीसीआर ये सभी भी ऑड ईवन स्कीम के बाहर होंगे |
ऑड ईवन स्कीम को सही तरह से चलाने के लिए दी जाने वाली मूल्य सुविधा :
  • दिल्ली में 6000 नयी बस चलाई जायेंगी |
  • लगभग दस लाख प्राइवेट कार यातायात में लोगो को सुविधा देंगी |
  • मोबाइल एप्लीकेशन car pool app ‘Poocho’ app शुरू किये जायेंगे जिससे जनता अपने स्थान से ऑटो एवं कार को हायर कर सके |
  • मेट्रो ट्रेन : इस योजना को सुचारू करने के लिए मेट्रो ट्रेन की ट्रिप्स बढ़ाई जायेगी जिसके तहत 70 अतिरिक्त ट्रिप्स लगाई जायेंगी और ये बढ़कर 3,192 प्रति दिन हो जायेंगी |
  1. इन्हें रेड, ब्लू, येलो और ऑरेंज लाइन्स पर बाँटा जायेगा जिनमे 12, 11, 17 और 30 एडिशनल ट्रिप्स अतिरिक्त लगाई जायेंगी |
दिल्ली सरकार ने यह सभी कदम शहर में प्रदुषण को कम करने की दृष्टि से उठाये हैं | मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनता से अपील की हैं कि इस दिशा में अपना सहयोग दे | इस ऑड ईवन स्कीम के कारण जनता को तकलीफ होगी लेकिन एक अच्छी शुरुवात के लिए एक दुसरे की खातिर यह तकलीफ उठानी होगी इससे कई हद तक प्रदूषण से राहत मिलेगी |
वेंकैया नायडू ने भी दिल्ली सरकार के कदम की प्रशंसा की हैं उनका कहना हैं कि यह कदम एक अच्छी सोच के साथ उठाये जा रहे हैं लेकिन इस पर विस्तार से अवलोकन करने की जरुरत हैं |
ऑड ईवन स्कीम के तहत आने वाली परेशानियाँ :
  • कार ओनर को हफ्ते में तीन दिन परेशानी होगी जिसके लिए उन्हें अन्य यातायात के साधनों का उपयोग करना होगा अथवा अपने किसी मित्र की सहायता लेनी होगी |
  • चेकिंग के समय रोड पर ट्राफिक रूकावट की परेशानी बढ़ेगी |
  • जनता पुलिस की आँखों में धूल झोकने के लिए गलत नम्बर प्लेट का इस्तेमाल कर सकती हैं |
  • मेडिकल इमेरजेंसी का दुरपयोग बढ़ेगा |
  • पंद्रह दिनों के बाद अगर योजना ठीक नहीं लगती तो इसमें हुआ खर्चा व्यर्थ हो जायेगा |
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनता से अनुरोध किया हैं कि वे अपना सहयोग दे | उन्होंने अपनी तरफ से पुलिस को भी निर्देश दिए हैं कि वे जनता से सख्ती ना करते हुए नरमाई से काम ले जिसके लिए उन्होंने जनता को गुलाब के फुल देकर मनाने का कहा हैं |
इसके आलावा मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऑफिस अथवा अन्य स्थानों पर जाने के लिए अपने दोस्तों का साथ दे | एक ही कार में कुछ दोस्त मिलकर जाये और इस तरह से अल्टरनेटिव डेज में एक दुसरे की मदद करें |

राक्षसी ताड़का वध

by Amar Ujala Now  |  in कहानिया at  04:21

राक्षसी ताड़का वध 
Tadka Rakshasi Vadha

राम, लक्ष्मण, भरत एवम शत्रुघ्न चारों राजकुमार अपनी शिक्षा पूरी कर अयोध्या लौटते हैं उनके पराक्रम की चर्चा सभी जगह हो रही हैं | उसी दौरान कुछ हिस्सों में राक्षसी राज होने के कारण जन मानुष बहुत दुखी एवम प्रताड़ित हैं तब सभी मुनि मिलकर इस समस्या के निवारण हेतु एक उपाय सोचते हैं एवम अयोध्या जाकर दशरथ नंदन को इस दुविधा के अंत के लिए बुलाना तय करते हैं | इसके लिए मुनिराज विश्वामित्र अयोध्या के लिये प्रस्थान करते हैं |

अयोध्या पहुंचकर विश्वामित्र राजा दशरथ से सारी स्थिती स्पष्ट करते हैं और राम को अपने साथ भेजने का आग्रह करते हैं | राजा दशरथ जनकल्याण के लिए सहर्ष राम को जाने की आज्ञा दे देते हैं | यह सुन लक्षमण गुरु विश्वामित्र के चरण पकड़ कर अपने भैया राम के साथ ले चलने का आग्रह करते हैं | भातृप्रेम के आगे सभी हार मान जाते है और लक्षमण को भाई राम के साथ जाने की आज्ञा दे देते हैं |
सुबह के समय राम, लक्ष्मण एवम मुनि विश्वामित्र नदी के किनारे पहुँचते हैं | दो राज कुमारो को देख सभी मुनि विश्वामित्र से उनका परिचय जानना चाहते हैं | तब विश्वामित्र सभी को बताते है कि ये दोनों अयोध्या के राजकुमार हैं | उनकी बाते सुनने के बाद वहाँ के लोग उन्हें नाव देते हैं और कहते हैं कि वे इस नदी को इसी नाव से पार करें | मुनिराज सभी को धन्यवाद देते हैं और नाव लेकर निकल पड़ते हैं | किनारे पर पहुँचने के बाद उन्हें एक घना जंगल मिलता हैं तब राम विश्वामित्र से पहुँचते हैं – गुरुवर यह कैसा घना डरावना जंगल हैं ? जहाँ चारों तरफ खतरनाक जंगली जानवरों का शोर हैं अंधकार इतना अधिक गहरा हैं पेड़ो की घनी शाखाओं के कारण सूर्य का तेज प्रकाश भी यहाँ तक पहुँच नहीं पा रहा | क्या नाम हैं इस डरावने जंगल का ? विश्वामित्र उत्तर देते हैं – हे राम ! जहाँ तुम इस भयावह जंगल को देख रहे हों, वहाँ कई वर्षों पहले दो समृद्ध राज्य करूप एवम मालदा हुआ करते थे | वे दोनों ही राज्य बहुत सम्पन्न थे | जहाँ धन सम्पदा की प्रचुर मात्रा थी और प्रजा भी खुशहाल थी |
लक्ष्मण ने उत्सुक्ता से पूछा – हे गुरुवर जब यहाँ इतने सुंदर राज्य थे तब उनका ऐसा भयावह परिणाम कैसे हुआ ? विश्वामित्र ने बताया – यह सब सम्पन्नता यक्ष की पुत्री ताड़का ने समाप्त की उसने इस सुंदर जगह को एक भयानक जंगल बना दिया | ताड़का एक साधारण स्त्री नहीं बल्कि दानव सुन्द की पत्नी एवम राक्षस मारिच की माता एक राक्षसी हैं  जिसमे हजार हाथियों के समान बल हैं जिसके कारण उसने और उसके पुत्र ने इस जगह पर बसे सुंदर राज्यों को उजाड़ दिया और यहाँ के नागरिको को मार डाला अथवा अपना दास बन लिया तब ही से इस जगह कोई आने की हिम्मत नहीं करता और अगर कोई गलती से आ भी जाये तो यहाँ से जिन्दा वापस नहीं जाता | यही कारण हैं जो मैं तुम दोनों को यहाँ लाया हूँ अब तुम्ही इस राक्षसी ताड़का का वध कर सकते हो |
 तब आश्चर्य के भाव के साथ राम पूछते हैं – गुरुवर एक स्त्री में तो सदैव कोमलता के भाव होते हैं | उसमे ममता और उदारता होती हैं फिर क्या कारण हैं जो ताड़का में हजारों हाथियों का बल हैं और वो उसका इतना भयानक उपयोग कर रही हैं |विश्वामित्र कहते हैं पुत्र राम तुम बिलकुल सही कह रहे हो | इस सबके पीछे एक बड़ा कारण हैं | बहुत समय पहले एक सुकेतु नामक यक्ष था जिनकी कोई संतान नहीं थी इसलिये उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्म देव ने उसे एक कन्या संतान के रूप में दी | सुकेतु ने ब्रह्मदेव से अपनी संतान के लिये हजार हाथियों जितना बल माँगा और ब्रह्मदेव ने उसकी इच्छा पूरी की इसलिए ताड़का में इतना बल हैं | जब ताड़का की आयु विवाह योग्य हुई तब उसका विवाह दानव सुन्द से किया गया | सुन्द से उसकी एक संतान जन्मी जिसका नाम मारीच रखा गया | मारीच भी अपनी माँ के समान महाबलशाली था लेकिन मारीच सुन्द का पुत्र होते हुए भी दानव नहीं था लेकिन वो बहुत उपद्रवी था वो ऋषि मुनियों को बहुत प्रताड़ित करता था उसके इस कृत्य के कारण मुनि अगस्त ने उसे श्राप दिया और उसे एक दानव बना दिया | यह देख सुन्द को क्रोध आया और उसने अगस्त मुनि को मारने हेतु उन पर आक्रमण किया | सुन्द के आगे बढ़ते ही अगस्त मुनि ने उसे अपने श्राप से भस्म कर दिया | अपने पति की मृत्यु को देख ताड़का क्रोध से भर गई और अगस्त मुनि पर आक्रमण कर दिया तब मुनि उसे भी श्राप दिया और उसके सुंदर कोमल शरीर को भयानक कुरूप बना दिया |
तब ही से राक्षसी ताड़का बदले की आग में जल रही हैं और निर्दोष मानवों पर अत्याचार कर रही हैं | उसके इसी अत्याचार से मनुष्यों को मुक्ति दिलाने के लिये मैं तुम दोनों को यहाँ लाया हूँ और अब तुम्हे ताड़का का वध करना होगा बिना यह सोचे की वो एक स्त्री हैं क्यूंकि वो एक श्रापित जिन्दगी जी रही हैं और मनुष्य जाति को प्रताड़ित कर रही हैं ऐसी स्त्री को मारना अधर्म नहीं है तुम बिना अड़चन उसका वध कर सकते हों क्यूंकि तुम्ही हो जो ताड़का को श्रापमुक्त कर सकता हैं और उसका सामना कर सकता हैं |
राम विश्वामित्र की बात मानते हैं और गुरु के आदेशानुसार ताड़का का वध करने के लिये एक नये शस्त्र ‘टंकार’ का आविष्कार करते हैं | टंकार एक ऐसा धनुष हैं जिसे खीचने पर असहनीय आवाज होती हैं जो चारों तरफ हाहाकार मचा देती हैं जिसे सुनकर जंगली जानवर डर कर भागने लगते हैं इस सबके कारण ताड़का को क्रोध आने लगता हैं और जब वो राम को धनुष बाण से सज्ज देख सोचती हैं कि यह राजकुमार विश्वामित्र द्वारा लाया गया हैं इसलिये अवश्य ही मेरे साम्राज्य को तबाह कर सकता हैं | वो तेजी से राम के उस शस्त्र पर झप्टा मारती हैं उसे देखकर राम लक्ष्मण से कहते हैं – लक्ष्मण देखो यह एक राक्षसी हैं जिसकी काया इतनी बड़ी हैं और कितनी कुरूप हैं यह मनुष्यों को मारने में आनंद अनुभव करती हैं और उनके रक्त का सेवन करती हैं इसलिए सावधान रहो और देखो मैं कैसे इसका संहार करता हूँ |
अपने विशाल काय शरीर के साथ ताड़का राम और लक्ष्मण के आस-पास घूम रही हैं उसकी गति प्रकाश की गति के समान तीव्र हैं | राम को विश्वामित्र ने कई शस्त्र प्रदान कर इस भयावह युद्ध के लिये पहले ही तैयार कर रखा था | राम और ताड़का के बीच बहुत देर तक युद्ध चलता हैं | अंत में राम ताड़का के ह्रदय स्थल पर तीर से आघात करते हैं और ताड़का धरा पर गिर जाती हैं | इस तरह राम राक्षसी ताड़का का वध करते हैं | यह देख सभी बहुत प्रसन्न होते हैं | और भयावह वन वापस  सुंदर राज्य में बदल जाता हैं |

वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज / जिम करने के सही तरीके टिप्स फायदे एवम नियम

by Amar Ujala Now  |  in सेहत at  04:19
आज के समय में एक परेशानी हैं जो हर चौथे व्यक्ति में दिखाई दे रही हैं, वो हैं अधिक वजन होना, जिसका सही मायने में एक ही इलाज हैं वो हैं शारीरिक मेहनत | कितने भी नुस्खे अपना ले, कई तरह के प्रयोग कर ले लेकिन सबसे कारगर प्रयोग हैं तो वो हैं एक्सरसाइज़ | यह एक्सरसाइज़ किसी भी रूप में हो सकती हैं या तो सुबह की वाक, योग, प्राणायाम या वेट ट्रेंनिंग | इन में से जो भी आपके लिये सही हैं और जो भी आप नियमित कर सकते हैं उसे अपनाकर ही आप वजन कम करने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं |
इस आर्टिकल में आपको gym अर्थात वेट ट्रेनिंग के बारे में कुछ जरुरी बाते बतायेंगे जिन में उन सवालों के जवाब हैं जो अक्सर ही मनुष्य के दिमाग में उठते हैं जब वे किसी भी तरह के वेट लॉस प्रोग्राम का हिस्सा बनाना चाहते हैं |

Gym Tips Weight Training Tips In Hindi

वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज /जिम करने के सही तरीके टिप्स फायदे एवम नियम

  • सबसे पहले यह निश्चित करें कि आप रोजाना वर्कआउट को दिन में कितना समय दे सकते हैं जो कि 40 मिनिट से कम एवम 1.30 मिनिट से ज्यादा ना हो |
  • जिम आने के 15 मिनिट पहले कुछ खा कर आना अच्छा होता हैं | बहुत ज्यादा नहीं जैसे चाय के साथ बिस्कुट, या फल, जूस आदि | खाली पेट वेट ट्रेनिंग करने से सही एवं एफ्फेक्टिव रिजल्ट नहीं मिलते | अवधारणा हैं कि एक्सरसाइज़ खाली पेट करना चाहिये लेकिन यह नियम योग एवम प्राणायाम के लिए हैं जिम में वर्कआउट के लिए पर्याप्त एनर्जी होना जरुरी हैं | दूसरा खाली पेट जिम करने से एसिडिटी भी हो सकती हैं |
  • वार्म अप : यह बेहद जरुरी हैं लेकिन जरुरत से ज्यादा समय वार्म अप में देना बेवकूफी हैं | वार्म अप के लिये कार्डियो एक बेहतर आप्शन हैं |
  • जिम करते वक्त आपकी पोजीशन सही होना बेहद जरुरी है अधिक से अधिक वजन उठाने से ज्यादा जरुरी शरीर की पोजीशन सही होना जरुरी हैं अन्यथा चोट लग सकती हैं जो पूरा जीवन ख़राब कर सकती हैं |
  • किसी भी एक्सरसाइज़ के दो से तीन सेट जरुर ले और प्रति सेट में अपने सामर्थ्य के हिसाब से वजन बढ़ाकर उठाये | रोटेशन 20 se 25 रखे इसके बाद भी आप बिलकुल आसानी से कर रहे हैं तब नेक्स्ट टाइम वेट बढ़ाकर ले | लड़कियाँ भी वेट बढ़ा कर ले सकती हैं उसमे कोई परेशानी नहीं हैं |
  • वर्कआउट में सभी एक्सरसाइज़ पहले सही तरह से सीखे | कुछ दिनों तक ट्रेनर के साथ रहकर ही वर्कआउट करें |
  • वर्कआउट में प्रति एक्सरसाइज़ के बीच में 1 मिनिट का रेस्ट ले इससे नेक्स्ट एक्सरसाइज़ में आपकी हार्टबीट नार्मल हो जायेगी | इससे एक्सरसाइज़ भी अच्छी तरह से होती हैं |
  • हफ्ते में तीन दिन वेट ट्रेनिंग और तीन दिन कार्डियो बहुत अच्छा माना जाता हैं इससे बॉडी टोंनिंग भी होती हैं और स्टेमिना भी बढ़ता हैं |
  • वेट ट्रेनिंग के दिनों को भी अपर वर्कआउट, लोअर वर्कआउट एवम शोल्डर वर्कआउट में बाँट ले एवं कार्डियो वाले दिनों में एब्स एक्सरसाइज़ जरुर करें | इस तरह से चार्ट बनाकर सिस्टेमेटिक तरीके से वर्कआउट करने से आपका मन भी लगा रहेगा एवम आपको रिजल्ट भी अच्छा मिलेगा |
  • शुरुवात में थोड़ा सा वार्म अप एवम अंत में स्ट्रेचिंग जरुर करें इससे बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहेगी | पर इन दोनों में ही आवश्यक्ता से ज्यादा समय खर्च ना करें |
  • वर्कआउट के दौरान पानी के घूंट लेते रहे इससे पानी की कमी नहीं होती और स्फूर्ति बनी रहती हैं |
  • कार्डियो से स्टेमिना बढ़ता हैं इसे भी आवश्यक्ता से ज्यादा ना करें क्यूंकि अधिक दोड़ने से भविष्य में घुटनों में दर्द की परेशानी हो सकती हैं |
  • वर्कआउट करते वक्त ध्यान केन्द्रित करें | इससे एकाग्रता बढती हैं और दुर्घटना से भी बचाव होता हैं |
कुछ अहम् सवाल जो अक्सर ही पूछे जाते हैं :
  1. कितने समय में मेरा कितना वजन कम हो जायेगा ?
यह एक बहुत ही स्टुपिड सवाल हैं जिसका जवाब कई बार ट्रेनर को अपने ट्रेनी को खुश करने के लिए देना पड़ता हैं लेकिन वास्तव में इस सवाल का जवाब नहीं दिया जा सकता | यह सब आपकी मेहनत और उससे भी ज्यादा आपके बॉडी टाइप पर निर्भर करता हैं | इसका पूर्वानुमान लगाना भी सही नही होता क्यूंकि ऐसा ना होने पर ट्रेनी डिप्रेशन में भी जा सकता हैं | वेटलॉस एक ऐसा काम हैं जिसके रिजल्ट ना मिलने का मनुष्य में बहुत जल्दी निराशा के भाव आ जाते हैं जो कि बहुत गलत परिणाम देते हैं | वजन कम करने के लिए सकारात्मक सोच का होना बहुत जरुरी हैं |
  1. क्या में एक्सरसाइज़ छोड़ते ही मोटा हो जाऊंगा या हो जाउंगी ?
आप एक बात ध्यान रखे | आपकी बॉडी में कोई चीज बैलेंस नहीं हैं इस कारण ही आप वेट गेन कर रहे हैं या तो कोई हार्मोनल तकलीफ हैं, थायराइट हैं, या मेटाबोलिज्म में कमी जिसके कारण आप मोटे हो रहे हैं ये कमी या अधिकता बॉडी से कभी दूर नहीं होती हैं यह केवल एक्सरसाइज़ से मेंटेन हो सकती हैं जिसे अगर आप छोड़ेंगे तो यह मेंटेनेंस बिगड़ेगा और आप वापस मोटे होने लगेंगे | इसका यह मतलब नहीं हैं कि आप एक्सरसाइज़ ना करें क्यूंकि अगर कोई कमी हैं तो उसे स्वीकार कर उसका इलाज करने में ही समझदारी हैं | नियमित वर्कआउट करने से शरीर स्वस्थ होता हैं इसमें कोई हानि नहीं हैं |
  1. लड़कियाँ भी वेट एक्सरसाइज़ कर सकती |
यह एक बिलकुल गलत बात हैं | लड़कियाँ अपने स्टेमिना के हिसाब से सारी वेट एक्सरसाइज कर सकती हैं | कई लोग कहते हैं कि ऐसा करने से लड़कियों के मस्स्ल्स बन जाते हैं और उनकी नाजुकता खत्म हो जाती हैं | यह बिलकुल गलत बात हैं लड़कियों में हैवी मसल्स बने, ऐसे होरमोन ही नहीं होते, जो लड़कियाँ अपने मसल्स डेवलप करती हैं उन्हें इसके लिए मेडिकल हेल्प लेनी पड़ती हैं जिसमे उनकी बॉडी में होरमोन ट्रान्सफर किये जाते हैं | इसलिये यह सोचना कि लडकियाँ हैवी वेट ट्रेनिंग नहीं कर सकती बिलकुल गलत हैं |
  1. वेट लॉस एवम इन्चेस लॉस में अंतर होता हैं :
gym training अथवा वेट ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण कार्य इन्चेस कम करना होता हैं जिसमे BMI (Body  Metabolic Index) को कम किया जाता हैं जो भी BMI आपकी हाइट और एज के हिसाब से सही हैं उसे कैलकुलेट किया जाता हैं और उस हिसाब से वेट ट्रेंनिंग ली जाती हैं |
वेट ट्रेनिंग में सामान्यतः बॉडी टोंनिंग होती हैं जिससे शरीर मजबूत होता हैं और गठता हैं और यही कारण हैं कि वेट ट्रेंनिंग में इन्चेस कम होते हैं और वजन या तो समान बना रहता हैं या कभी-कभी बढ़ता भी हैं जो कि निराशाजनक नहीं हैं | इसका मतलब यह नहीं हैं कि आप मोटे हो रहे हो | अगर आपका इंच लॉस हो रहा हैं और वजन में कोई कमी नहीं  आई हैं इसका मतलब हैं आपकी बॉडी मजबूत हो रही हैं, आपकी बॉडी वेट ट्रेनिंग के अनुरूप कार्य कर रही हैं और आपको बेहतर रिजल्ट दे रही हैं |
  1. वेट ट्रेनिंग में नींद फायदेमंद हैं
जब हम मसल्स पर काम करते हैं तो मसल्स थक जाती हैं उसमे एक तरह का दर्द बन जाता हैं जो संकेत देता हैं कि आज के प्रोग्राम में आपने बॉडी के कौन से पार्ट के लिए काम किया | जब हम वर्क आउट करते हैं तब भी हमें बॉडी से एनर्जी लगती हैं और जब हम नींद लेते हैं तब हमारी मसल्स रिलेक्स होती हैं उसकी रिकवरी होती हैं तब भी बॉडी रिलेक्स होने के लिए अपने फेट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करती हैं इससे फेट लॉस होता हैं इसलिये वेट ट्रेंनिंग करने वालो को भरपूर 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेना जरुरी हैं जो उनके लिये फायदेमंद साबित होता हैं | ऐसा ना करने पर वजन बढ़ने लगता हैं और शरीर थका हुआ एवम दुर्बल होने लगता हैं |
  1. वेट ट्रेनिंग में प्रोटीन खाना फायदेमंद होता हैं |
वेट ट्रेंनिंग में हम खासतौर पर मसल्स/ मांस पेशी पर काम करते हैं और  मसल्स का मुख्य भोजन प्रोटीन हैं अगर मसल्स को रिकवर होने के लिए प्रोटीन मिलता हैं तो वह सही शेप में अर्थात टोन होती हैं एवं मजबूत भी होती हैं और अगर कार्ब्स मिलता हैं तो बॉडी में फेट जमा होने लगता हैं | इस प्रकार कहा जाता हैं कि प्रोटीन खाने से बॉडी का फेट बर्न अथवा कम होता हैं |
दूसरा कारण हैं कि प्रोटीन धीरे-धीरे पचता हैं और लम्बे समय तक बॉडी को एनेर्जी देता हैं | इन्चेस कम करने लिए प्रोटीन के साथ प्रोटीन खाना फायदेमंद होता हैं अर्थात एक्स्ट्रा प्रोटीन के साथ भोजन में भी प्रोटीन लेने से इनचेस लॉस होता हैं | अगर कोई मोटा होना चाहता हैं तो वह एक्स्ट्रा प्रोटीन के साथ कार्ब्स ले तो जल्दी मोटा हो सकता हैं |
कुछ महत्वपूर्ण एक्सरसाइज़ के नाम
  • लोअर बॉडी एक्सरसाइज़
1स्क्वेटयह शरीर की बड़ी मसल्स पर काम करती हैं इसलिये इसका असर पुरे शरीर पर पड़ता हैं लेकिन खासतौर पर जन्घो/ थाईज़ के लिए होती हैं |
2लंजेसयह भी जांघ थाईज़ वर्कआउट हैं
3लेग एक्सटेंशनथाईज़ उपर मसल्स
4लेग कर्लथाईज़
5लेग प्रेसलोअर बॉडी
  • अपर बॉडी हैण्ड एक्सरसाइज़
1बाइसेप्सहाथो के कोहनी के उपर आगे के हिस्से की मसल्स पर की जाने वाली एक्सरसाइज़
2ट्राइसेप्सहाथो के कोहनी के उपर पीछे के हिस्से की मसल्स पर की जाने वाली एक्सरसाइज़
3फोर आर्मकोहनी के निचे के हिस्से पर की जाने वाली एक्सरसाइज़
4चीन अपअपर बॉडी मशीन एक्सरसाइज़
5पुश अप्सअपर बॉडी बॉडी वेट एक्सरसाइज़
6चेयरडिप्सट्राइसेप्स हैण्ड बॉडी वेट एक्सरसाइज़
7हैमरहैण्ड एक्सरसाइज़
  • शोल्डर एक्सरसाइज़
1शोल्डर प्रेस
2डमब्लस फ्रंट रेज
3वन आर्म
4डम्बल लेटरल रेज (साइड)
5अप राईट बारबेल रो
ऐसी बहुत सी एक्सरसाइज़ हैं जो जिम वेट ट्रेनिंग के दौरान करवाई जाती हैं जिन्हें सही तरह से सीखे एवम करें | अपने ट्रेनर पर विश्वास रखे सवाल करे लेकिन सिखने और जानने की दृष्टि से ट्रेनर की योग्यता को परखने की दृष्टि से नही | सभी ट्रेनर का तरीका अलग होता हैं लेकिन उद्देश्य सभी का एक होता हैं जिसमे उनके ट्रेनी को फायदा हो इसलिए अपने ट्रेनर पर हमेशा भरोसा रखे |

नेशनल हेराल्ड मामला घोटाला क्या हैं एवम सुनवाई जानकारी

by Amar Ujala Now  |  in हॉट टॉपिक at  04:18

नेशनल हेराल्ड प्रकरण(National Herald Scam) के संबंध में हेराल्ड की प्रॉपर्टी पर कई गैरक़ानूनी मालिकाना हक़ सामने आये हैं जिस पर 2012 में प्रकरण दर्ज किया गया और दिसम्बर 19 को सुनवाई हुई जिसमे आरोपी को जमानत मिली | साथ ही अगली सुनवाई फरवरी 20 को तय की गई हैं |





नेशनल हेराल्ड मामला घोटाला क्या हैं एवम सुनवाई जानकारी

National Herald Case details Hearing hindi

नेशनल हेराल्ड प्रकरण क्या हैं ?
यह प्रकरण हैं जिसमे कांग्रेस के दिग्गजो पर आरोप हैं जो कि सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाये हैं जिसमे नेशनल हेराल्ड से एसोसिएटेड जनर्ल लिमिटेड Associated Journals Limited (AJL) को दी गई संपत्ति गैर क़ानूनी रूप से यंग इंडिया लिमिटेड में शामिल कर दी गई जबकि YIL कोई Journal या न्यूज़ पेपर नहीं हैं |
नेशनल हेराल्ड इतिहास
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरु ने 9 सितंबर 1938 लखनऊ में नेशनल हेराल्ड नामक एक समाचार पत्र की शुरुवात की थी | अंग्रेजी हुकूमत ने अपने कार्यकाल में कई प्रकार से भारतीय समाचार पत्रों को बंद करने के लिए कदम उठाये जिसके परिणाम स्वरूप 1942 से 45 तक नेशनल हेराल्ड पूरी तरह बंद कर दिया गया | 
वर्ष 1946 में इसे फिरोज गाँधी द्वारा शुरू किया गया तब मानिकोंडा चलापति राव को इसकी बागडौर दी गई इसे दिल्ली एवम् लखनऊ में चलाया गया जिसके हिंदी एवम उर्दू संस्करण थे | यहाँ से यह तेजी से चलने लगा लेकिन इंदिरा गाँधी की चुनावी हार 1977 में इसे फिर से बंद किया गया | 2008 तक इसका दिल्ली संस्करण जारी था लेकिन फिर कई तरह के तकनिकी कारणों के साथ हेराल्ड को बंद किया गया |
यहाँ से शुरू हुआ एक नया अध्याय :
नेशनल हेराल्ड को एसोसिएटेड जनर्ल लिमिटेड Associated Journals Limited (AJL) के हवाले कर दिया गया | माली हालत बहुत ख़राब होने के कारण इसके एम्प्लोयी को तनख्वाह देने के लिहाज से कांग्रेस सरकार ने AJL को नब्बे करोड़ का कर्जा दिया जिस पर कोई ब्याज नहीं लगाया गया | और सबसे बड़ी बात इतने बड़े कर्जे के बाद भी नेशनल हेराल्ड शुरू नहीं किया गया | यह बात किसी को समझ नहीं आई थी |  एसोसिएटेड जनर्ल लिमिटेड को यंग इण्डिया को एक मालिकाना हक़ के साथ सौंप दिया गया | नेशनल हेराल्ड की संपत्ति किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं इसका दुरपयोग अथवा निजी लाभ के लिए किया गया उपयोग पुर्णतः गैरकानूनी हैं |
इस बात का हवाला देते हुए बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस के छह लोगो पर गंभीर आरोप लगाये क्यूंकि यंग इंडिया में इनके शेयर हैं |
नेशनल हेराल्ड केस में किन लोगो के नाम शामिल हैं ?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, उपाध्यक्ष राहुल गाँधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा ये सभी छह वरिष्ठ कांग्रेस अधिकारीयों का नाम इस घोटाले में शामिल हैं | यंग इंडिया में गाँधी परिवार के 64% शेयर हैं बाकि अन्य के |
लगाये गए आरोप ?
  • नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ की सम्पत्ति पर गैर क़ानूनी हक़
  • सबसे बड़ा आरोप दिया गया बिना ब्याज का कर्ज (नब्बे करोड़) हैं क्यूंकि कोई भी राजनैतिक दल अपने फंड से किसी भी प्रकार के धंधे के लिये इतनी बड़ी राशी उधार में नही दे सकती |बाद में ऋण माफ़ कर दिया गया |
  • व्यवसाय की मीटिंग सरकारी कार्यालय में करना गैर क़ानूनी हैं |
  • नेशनल हेराल्ड की सात मंजिला ईमारत हैं जिसे यंग इंडिया ने ले लिया और फिर उसके कुछ हिस्सों को किराये पर दे दिया जो कि गैर क़ानूनी मालिकाना हक़ हैं |
  • 2009 के चुनाव में राहुल गाँधी ने नहीं बताया कि उनकी सम्पत्ति में AJL के शेयर हैं जिनमे से कुछ उन्होंने अपनी बहन के नाम कर दिए लेकिन आज भी AJL के 47513 शेयर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के नाम हैं |
  • 20 /02/2011 को शेयर AJL से यंग इंडिया को दे दिए गए जबकि यह कोई पत्र पब्लिकेशन कंपनी नहीं हैं | यह भी गैर क़ानूनी हैं |
  • AJL के कई शेयर होल्डर मर गए उसके बाद उनके शेयर का ब्यौरा नहीं हैं |
  • हेराल्ड की कुल संपत्ति सोलह हजार करोड़ की थी जिसे यंग इंडिया ने महज पचास लाख में अपने हिस्से में ले लिया | बाद में AJL का ऋण भी माफ़ हो गया जिससे साफ जाहिर होता हैं कि सारी संपत्ति मुफ्त में यंग इंडिया की हो गई और उपर से नब्बे करोड़ भी उसी के हिस्से में चले गये |

प्रकरण दर्ज :
यह सभी आरोप हेराल्ड की संपत्ति को अपने निजी हक़ में लेकर उस पर यंग इंडिया के रूप में गैर मालिकाना अधिकार जाहिर कर उसका इस्तेमाल करने से संबंधी हैं | इसके खिलाफ 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी कोर्ट गए जिसके बाद 26 जून 2014 पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा छह लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया |
शुरुवाती दिनों में अदालती कार्यवाही आगे बढाई गई लेकिन बाद में न्यायाधीश बे यह आरोप सही करार दिये अर्थात सबूतों के आधार पर यह तो तय बताया गया कि जिस तरह AJL के शेयर YIL के पास गए यह तरीका कानून का उल्लंघन करता हैं इस तरह आरोपों की पुष्टि होती हैं और इस मामले में छानबीन के आदेश दिए जाते हैं |
इस सभी के बाद 19 दिसम्बर 15 को न्यायिक सुनवाई की दिनांक मुक्कम्मल की गई |
19/12/2015
सोनिया गाँधी सहित सभी आरोपी पटियाला हाउस अदालत में हाजिर हुए और कुछ देर के बाद ही जमानत के साथ बाहर निकल आये जिसके बाद सोनिया और राहुल ने पत्रकारों के सामने आवाज बुलंद करते हुये कहा कि वे निरपराध हैं और यह साबित हो कर रहेगा | साथी उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कई बाते कहीं | और सभी आरोपों को पोलिटिकल आरोप कहा |पचास हजार की रकम पर सभी अपराधियों को जमानत दी गई जिसमें प्रियंका ने राहुल एवम मन मोहन सिंह से सोनिया की जमानत दी | साथ ही यह तय किया गया उनके आवाजाही पर कोई पाबन्दी नहीं  हैं अर्थात पासपोर्ट जब्त नहीं किये गए |
नेशनल हेराल्ड प्रकरण सुनवाई की अगली तारीख 20/02/2016 की तय की गई हैं |
कांग्रेस के कई दिग्गज आज अपने घरों से बाहर एक जुट होते दिखाई दिये | माना जा रहा हैं कि इस प्रकरण को कांग्रेस की एक जुटता के रूप में देखा जा रहा हैं क्यूंकि बहुत दिनों के बाद कांग्रेस कर्यालय में हलचल दिखाई दी |
अब कई सवाल पैदा होते हैं कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई हैं ? और क्या इतनी आसानी से यह राजनैतिक लोग हेरा फैरी करके भी जमानत पर रिहा हो जाते हैं ? राजनैतिक दलों का फंड इतनी आसानी से निजी कार्यों में लगाया जा सकता हैं ?क्या करोडो की संपत्ति पर ये लोग जब चाहे अपना हक़ जता सकते हैं ऐसे में देश के लोगो की क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए ? इतने गंभीर आरोप के बाद भी ऐसे केस सालो तक चलते रहते हैं | सभी बहुत बड़े सवाल हैं  जिनके जवाब के लिए जुड़े रहे हमारे साथ |

भगवान राम की बहन शांता के जीवन का सच

by Amar Ujala Now  |  in कहानिया at  04:17
रामायण की कहानी कई युगों से सभी लोग सुनते, देखते एवम पढ़ते आ रहे हैं जिसमे हमने राम और उनके भाइयों के प्रेम के बारे में विस्तार से जाना लेकिन हमने राम की बहन शांता के बारे में बहुत कम सुना हैं या कहे कि सुना ही नहीं हैं | आज हम आपको शांता के बारे में बतायेंगे | इसके पहले एक कहानी में हमने आपको हनुमान के पुत्र मकर ध्वज के बारे में बताया था जिसके बारे में भी सभी को स्पष्ट रूप से कोई जानकारी नहीं हैं | और अब आप जाने राम की बहन शांता के बारे में कौन थी शांता ? और क्यूँ उनका उल्लेख्य नहीं हैं ? और किस कारण उनका त्याग किय गया ?

भगवान राम की बहन शांता के जीवन का सच
Bhagwan Ram bahan Sister Shanta katha

महाराज दशरथ एवम रानी कौशल्या अयोध्या के राजा रानी थे | महाराज दशरथ की दो अन्य रानियाँ भी थी जिनके नाम कैकयी और सुमित्रा थे | सभी जानते हैं कि इनके चार पुत्र थे राम, भरत,लक्ष्मण, शत्रुघ्न | लेकिन यह कम लोगो को पता हैं कि इन चार पुत्रो के अलावा उनकी एक बड़ी बहन शांता भी थी | शांता कौशल्या माँ की पुत्री थी |
शांता एक बहुत होंनहार कन्या था वो हर क्षेत्र में निपूर्ण थी | उसे युद्ध कला, विज्ञान, साहित्य एवम पाक कला सभी का अनूठा ज्ञान था | अपने युद्ध कौशल से वह सदैव अपने पिता दशरथ को गौरवान्वित कर देती थी |
एक दिन रानी कौशल्या की बहन रानी वर्षिणी अपने पति रोमपद के साथ अयोध्या आते हैं | राजा रोमपद अंग देश के राजा थे उनकी कोई संतान नहीं थी | एक समय जब सभी परिवारजन बैठ कर बाते कर रहे थे तब वर्षिणी का ध्यान राजकुमारी शांता की तरफ पड़ा और वे उनकी गतिविधी एवम शालीनता को देख कर प्रभावित हो गई और करुण शब्दों में यह कहने लगी कि अगर उनके नसीब में संतान हो तो शांता के समान सुशील हो | उनकी यह बात सुनकर राजा दशरथ उन्हें अपनी शांता गोद देने का वचन दे बैठते हैं | रघुकुल की रित प्राण जाई पर वचन न जाई के अनुसार राजा दशरथ एवम माता कौशल्या को अपनी पुत्री अंग देश के राजा रोमपद एवम रानी वर्षिणी को गोद देनी पड़ती हैं |
इस प्रकार शांता अंगदेश की राजकुमारी बन जाती हैं | एक दिन अंगराज रोमपद अपनी गोद ली पुत्री शांता से विचार विमर्श कर रहे थे तब ही उनके दर पर एक ब्राह्मण याचक अपनी याचना लेकर आया लेकिन रोमपद अपनी वार्ता में इतने व्यस्त थे कि उन्होंने ब्राह्मण की याचना सुनी ही नहीं और ब्राह्मण को बिना कुछ लिए खाली हाथ जाना पड़ा | यह बात देवताओं के राजा इंद्र को बहुत बुरी लगी और उन्होंने वरुण देवता को अंगदेश में बारिश ना करने का हुक्म दिया | वरुण देवता ने यही किया और उस वर्ष अंगदेश में सुखा पड़ने से हाहाकार मच गया | इस समस्या से निजात पाने के लिये रोमपद ऋषि शृंग के पास जाते हैं | और उन से वर्षा की समस्या कहते हैं तब ऋषि श्रृंग रोमपद को यज्ञ करने को कहते हैं | ऋषि श्रृंग के कहेनुसार यज्ञ किया जाता हैं पुरे विधान से संपन्न होने के बाद अंग देश में वर्षा होती हैं और सूखे की समस्या खत्म होती हैं | ऋषि श्रृंग से प्रसन्न होकर अंगराज रोमपद ने अपनी पुत्री शांता का विवाह ऋषि श्रृंग से कर दिया |
शांता के बाद राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी | वो अपने वंश के लिए बहुत चिंतित थे | तब वे ऋषि श्रृंग के पास जाते हैं और उन्हें पुत्र कामाक्षी यज्ञ करने का आग्रह करते हैं | तब अयोध्या के पूर्व दिशा में एक स्थान पर राजा दशरथ के लिए पुत्र कमिक्षी यज्ञ किया जाता  हैं |( यह यज्ञ ऋषि श्रृंग के आश्रम में किया गया था | आज भी इस स्थान पर इनकी स्मृतियाँ हैं | )इस यज्ञ के बाद प्रशाद के रूप में खीर रानी यशोदा को दी जाती हैं जिसे वे छोटी रानी कैकयी से बाँटती हैं बाद में दोनों रानी अपने हिस्से में से एक एक हिस्सा सबसे छोटी रानी सुमित्रा को देती हैं जिसके फलस्वरूप सुमित्रा को दो पुत्र लक्ष्मण एवम शत्रुघ्न होते हैं और रानी कौशल्या को दशरथ के जेष्ठ पुत्र राम की माता बनने का सौभाग्य मिलता हैं एवम रानी कैकयी को भरत की प्राप्ति होती हैं |
इस प्रकार शांता के त्याग के बाद राजा दशरथ को चार पुत्र प्राप्त होते हैं | पुत्री वियोग के कारण रानी कौशल्या एवम राजा दशरथ के मध्य मतभेद उत्पन्न हो जाता हैं | शांता के बारे में चारों राज कुमारों को कुछ ज्ञात नहीं होता लेकिन समय के साथ वे माता कौशल्या के दुःख को महसूस करने लगते हैं तब राम कौशल्या से प्रश्न करते हैं तब राम को अपनी जेष्ठ बहन शांता के बारे में पता चलता हैं और वे अपनी माँ को बहन शांता से मिलवाते हैं इस प्रकार राम अपने माता पिता के बीच के मतभेद को दूर करते हैं |
देवी शांता के बारे में वाल्मीकि रामायण में कोई उल्लेख्य नहीं मिलता लेकिन दक्षिण के पुराणों में स्पष्ट रूप से शांता के चरित्र का वर्णन किया गया हैं |
भारत के कुल्लू में श्रृंग ऋषि का मंदिर हैं एवम वहां से 60 किलोमीटर की दुरी पर देवी शांता का मंदिर हैं | यह भी कहा जाता हैं कि राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए देवी शांता का त्याग किया था | वैसे तो देवी शांता एक परिपूर्ण राजकुमारी थी लेकिन बेटी होने के कारण उनसे वंश वृद्धि एवम राज कार्य पूरा नहीं हो सकता था इसलिये राजा दशरथ को उनका परित्याग करना पड़ा |
इस प्रकार जब चारों भाई अपनी बहन शांता से मिलते हैं तो वे अपने भाइयों से अपने त्याग का फल मांगती हैं और उन्हें सदैव साथ रहने का वचन लेती हैं | भाई अपनी बहन के त्याग को व्यर्थ नहीं जाने देते और जीवन भर एक दुसरे की परछाई बनकर रहते हैं |
रामायण एक ऐसा ग्रन्थ हैं जिसमें सभी रिश्तों की गहराई मर्यादा एवम सबसे अधिक वचन पालन का महत्व बताया हैं | इस प्रकार रामायण से जुडी कहानियाँ हमें उचित मार्गदर्शन करती हैं हमें रिश्तों की मर्यादा का भान कराती हैं | यह कहानियाँ आज के समय में संस्कारों का महत्व बताती हैं एवम व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं | कई तरह की कहानियों का संग्रह किया गया हैं जरुर पढ़े

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