Wednesday, 13 January 2016

फैंटम फिल्म समीक्षा

by Amar Ujala Now  |  in मूवी रिव्यु at  02:38

फैंटम फिल्म समीक्षा (Phantom movie review in Hindi)–
deepawali रेटिंग – 2 स्टार
राखी के त्यौहार के एक दिन पहले कटरीना व सैफ अली की फैंटम फिल्म आई है| इस साल की सबसे बड़ी हिट “बजरंगी भाईजान” के डायरेक्टर कबीर खान ने इसे बनाया है| फिल्म को यह सोच कर आज रिलीज़ किया गया की वह त्यौहार की छुट्टी का फायदा उठा सके| कबीर खान ने बार फिर भारत पाकिस्तान के रिश्ते को नए ढंग से प्रस्तुत किया है| लगता है कबीर खान का यह पसंदीदा विषय है| इससे पहले वे सलमान कटरीना के साथ एक था टाइगर बना चुके है, जो दोनों देश के जासूसों पर थी, इसके बाद बजरंगी भाईजान बनाई जो दोनों देशों की एकता पर थी| इसके बाद फिर अब फैंटम बनाई जिसमें एजेंट, जासूस है| फिल्म की कास्ट बड़ी होने के बाबजूद ज्यादा कमाल नहीं कर पाई|

फैंटम मूवी निर्देशक समीक्षा –
डायरेक्टर – कबीर खान
कबीर खान की एक था टाइगर को लोगों ने बहुत पसंद किया था| उसने बहुत से रिकॉर्ड तोड़े थे लेकिन उसका एक कारण सलमान खान थे| फिल्म में एक्शन ड्रामा होता है लेकिन तभी अचानक सीक्रेट मिशन सामने आ जाता है, जिसका एजेंट भी उतना प्रभावशाली नहीं होता है| फिल्म में कुछ व्यवस्थित नहीं होता, फिल्म के कई हिस्से इतने अजीब है कि उन्हें पचा पाना मुश्किल है देखकर हंसी आती है| सबसे पहले तो कबीर खान ने कास्टिंग ही गलत की, फिल्म में सैफ व कटरीना बिल्कुल फिट नहीं बैठे| उनकी जगह कोई और एक्टर होता तो शायद फिल्म का look कुछ और होता| कबीर ने पाकिस्तान के एजेंट को बिल्कुल ही कमजोर बताया है, लाहौर में घुस कर हीरो खुलेआम लश्कर तैयबा पर गोली चलाता है| पाकिस्तान की पुलिस इतनी भी कमजोर नहीं है कि कोई वहां ऐसा कर पाए| इन सब चीजों ने फिल्म की मूल कहानी को बहुत प्रभावित किया है|
 फैंटम मूवी से संबंधित अन्य जानकारी –
कलाकारसैफ अली खान, कटरीना कैफ, मोह्हमद जीशान
निर्मातासाजिद नाडियावाला
निर्देशककबीर खान
लेखककबीर खान, परवीज शेख
संगीतप्रीतम
रिलीज़ डेट28 अगस्त 2015
फैंटम फिल्म का official Poster 
फैंटम फिल्म कहानी की समीक्षा –
फिल्म की कहानी 26/11 के बाद की है| मुंबई में हुए 26/11 के धमाके के आरोपियों को RAW एजेंट ढूढ़ रहे होते है| फिल्म में दानियाल खान (सैफ अली) है जो एक ईमानदार देशभक्त आर्मी रहता है, लेकिन झूटे इल्जामों के चलते उसे वहां से निकाल दिया जाता और कोर्ट मार्शल कर दिया जाता है| दूसरी ओर 2008 में हुए मुंबई धमाके के आरोपियों को RAW एजेंट पूरी जान लगाकर ढूढ़ रहे है| इस बीच उन्हें इसके मास्टरमाइंड के पाकिस्तान में होने का पता चलता है, जिसके लिए वे अपने 1 एजेंट को सीक्रेट मिशन पर भेजना चाहते है, लेकिन सरकार उन्हें परमिशन नहीं देती है| RAW के लोग अपने तरीके से इस मिशन को पूरा करने की सोचते है, जिसके लिए उन्हें दानियाल की जरुरत पड़ती है| नवाज मिस्त्री (कटरीना कैफ) जो पहले RAW की एजेंट रह चुकी है, दानियाल को ढूढ़ने का काम दिया जाता है| दानियाल और नवाज मिलकर लन्दन, बेरूत, सीरिया व पाकिस्तान में बैठे आरोपियों को मरते है|
फिल्म की कहानी थोड़ी सच्ची है तो थोड़ी गढ़ी गई है| फिल्म में कुछ सीन में अच्छा सस्पेंस बना रहता है, लेकिन उसे अच्छे से प्रस्तुत नहीं किया गया है| फिल्म में सीक्रेट मिशन को भी सीक्रेट नहीं रखा गया है, कोई भी किसी को बता देता है| इंडियन नेवी बिना परमिशन के दानियाल व नवाब को बचाने के लिए पाकिस्तान के समुद्र में कूद जाती है जो कि सही नहीं लगा है| नवाज का दानियाल का इस मिशन में मदद करना भी बिना कारण का लगा है| वो यद् करती है कि वह अपने पिता के साथ ताज होटल में बैठी चाय पी रही है और फिर उसको बदला लेने की भावना आ जाती है| सच में ऐसा होता है? दुसरे भाग में स्टोरी का आप आसानी से अंदाजा लगा सकते है| हिंदी फिल्मों में अंत हीरो ही विलन को मारता है|
फैंटम फिल्म कलाकारों की समीक्षा –
सैफ इतने साल बाद भी करियर के लिए मेहनत करते आये है, अभी तक पूरी तरह से उन्होंने कभी स्टारडम फील नहीं किया| बॉलीवुड के 3 खान (आमिर,शाहरुख़,सलमान) में अभी चोंथा खान नहीं जुड़ा है| इसके पहले आई सैफ की फिल्म ‘हैप्पी एंडिंग’ में रोमेंटिक हीरो के तौर पर भी दर्शक ने उन्हें पसंद नहीं किया था| इस बार एक्शन हीरो के अवतार में भी वे दर्शक का दिल नहीं जीत पाए है| सैफ को देख कर यही लगा वो इस role के लिए बने ही नहीं है, उन्होंने एक्टिंग पर भी ध्यान नहीं दिया है| डायलोग बोलते समय ऐसा लग रहा था जैसे मोनो एक्ट कर रहे है| सीनियर एक्टर से हम ऐसी उपेक्षा नहीं रखते है|
सच कहते है कटरीना किसी भी फिल्म में सिर्फ शो पीस होती है| नवाज मिस्त्री के रूप में कटरीना मेरे लिए तो एक मिस्ट्री ही रही है| उनका करैक्टर का मिशन ही क्लियर नहीं था| एक्टिंग न डायलोग डिलीवरी के मामले में कटरीना आज तक सबसे पीछे है| हिंदी ना आने की वजह से वो सिर्फ डायलोग पढ़ती है, feeling के साथ नहीं बोलती है| सैफ की तरह वो भी इस role में बिल्कुल फिट नहीं बैठी है| कटरीना को तो बॉलीवुड में आइटम सोंग ज्यादा करना चाहिए, वे डांस अच्छा करती है, और लोग उन्हें वहां पसंद भी करते है|  अगर कबीर खान एक दर्शक बन कर फिल्म देखते है तो खुद सोचेंगे मैंने क्यों सैफ और कटरीना को लिया, इनकी जगह कोई और होता तो फिल्म 100 cr क्लब में होती|
जीशान खान सहायक कलाकार के रूप में निखर कर आये है, बाकि सभी के compare में जीशान ने बहुत अच्छा काम किया है|
फैंटम फिल्म संगीत समीक्षा –
फिल्म का म्यूजिक ठीक ठाक है| प्रीतम का म्यूजिक हमेशा से अच्छा रहता आया है| फिल्म का 1 गाना ‘अफगान जलेबी’ सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है| इस गाने को 4 version में लाया गया है| फिल्म का एक गाना ‘सवारे’ अरिजीत सिंह ने गया है, जो अच्छा है| फिल्म में प्रीतम ने बैकग्राउंड म्यूजिक भी अच्छा दिया है|
फैंटम फिल्म ओवरआल परफॉरमेंस –
फिल्म 26/11 के बदले को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं करती, फिल्म देखने के बाद satisfy नहीं होंगे| फिल्म की कहानी ‘मुंबई एवेंजर्स’ नाम की बुक से मिलती जुलती है, जो बुक पढ़ने में आलसी है वो यह फिल्म देख सकते है| लेकिन धयान रखना यह फिल्म उस बुक की आधी भी नहीं है, मतलब बुक में जो intelegency दिखाई है वो आपको फिल्म में कही नहीं दिखेगी| फिल्म must watch तो बिल्कुल नहीं है| फिल्म को अक्षय कुमार की ‘बेबी’ का diffrent version कह सकते है| बेबी पूरी तरह से सिंक्रोनाइज व व्यवस्थित थी| लेकिन फैंटम ऐसी बिल्कुल नहीं है| सैफ या कटरीना के फैन यह मूवी देख सकते है|
राखी की 2 दिन की छुट्टी पर लोगों को इसी फिल्म से काम चलाना होगा| अभी कोई और बड़ी फिल्म नहीं आई है| अगर आप यह फिल्म देखने जा रहे है तो एक टाइम पास समझ कर ही जाएँ| फिल्म देखने के बाद हमारे साथ अपने रिव्यु जरुर शेयर करें|

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