Kishore Kumar Jeevan Parichay In Hindi एक ऐसे कलाकार जिन्हें हर सदी में याद रखा जायेगा | गीत संगीत की दुनिया हो या फ़िल्मी दुनिया, इन्होने हर क्षेत्र में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी हैं | इनका जन्म 4 August 1929 को Khandwa MP में हुआ | अपनी इस जन्म भूमि से इन्हें बहुत प्रेम था इसलिए इन्हें खंडवा वाले किशोर कुमार (Khandwa wale Kishore Kumar) से सम्बोधित किया जाता था | यह एक बड़ी बात थी क्यूंकि सामान्यतः बड़ी हस्ती किसी छोटी जगह से होती हैं तो इस फ़क्र के साथ अपने जन्म स्थान का नाम अपने साथ नहीं जोड़ती |
कुशोर कुमार के जीवन से जुड़ी बातें
Kishore Kumar Home Town Khandwa
यह तीन भाई थे जिनमे Ashok Kumar (Dadamuni), Kishore Daa और Anup Kumar| इन्हें Industry में लाने का श्रेय Dadamuni को जाता हैं | बतौर actor इन तीनो भाइयों ने film चलती का नाम गाड़ी में काम किया था | Kishore Kumar साहब को दही बड़े खाने का शौक था और वह भी उनके शहर एक खास व्यक्ति के हाथो के बने | Anup Kumar भी अपने इस छोटे से शहर में आया करते थे और वे जब भी आते अपने favorite दही बड़े जरुर खाते | आज भी Khandwa के घंटाघर की उस गली को दही बड़े वाली गली के नाम से जाना जाता हैं |
Ganguly House “बचपन की सुनहरी यादों से भरा किशोर दा का घर “
Kishore Kumar Jeevan Parichay In Hindi
Kishore Kumar ने बहुत जल्दी दुनिया से रुक्सत ले ली, लेकिन एक ऐसी अमर जिन्दगी पा गए, जिन्हें आज भी बच्चा बच्चा गुनगुना रहा हैं | इनके सदा बहार नगमे किसी भी संगीत को पीछे छोड़ देते हैं | इनकी आवाज में दर्द, खनक, शरारत और मोहोब्बत के भाव इस तरह रचे बसे हैं, जिन्हें सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठते हैं |
industry में इनकी शरारतो के किस्से आज भी उस ज़माने के कलाकारों के ज़हन में तारो ताज़ा हैं | ऐसा ही एक किस्सा हैं, Kishore Kumar साहब ने जिन्दगी के हर रूप को देखा, उन्हें रुपए पैसो को कमाने में जो मेहनत लगती हैं उसका अहसास था | कहते हैं, वे जब तक गीत को पूरा नहीं करते थे जब तक कि उन्हें तय की गई राशि ना दे दी जाये | फिर चाहे जो हो उन्होंने ठान ली तो वो किसी की नहीं सुनते थे |
उनके गानों में जो शरारत हम महसूस करते हैं, कहा जाता हैं song making के दौरान वह उन्ही शरारतो के साथ recording करते थे इस तरह उनका हर एक गाना यादगार बन उठता था | Kishore Daa ने संगीत की तालिम तो नही ली थी पर दिल की गहराइयों से गाने वाले इस गायक ने क्षितीज की ऊंचाई को भी पीछे छोड़ दिया |
आज Yo Yo Huney Singh , Mika singh के दौर में भी Kishore Daa की अपनी एक अलग जगह हैं, जिसे छू पाना भी आसान नहीं | कलाकार अगर अपनी कला को दिल से जुदा नहीं करता तो कामयाबी उसके कदमो तले होती हैं| दौर कितना ही बदल जाए पर एक कलाकार जो दिल से सोचता हैं वही बुलंदियों पर पहुंचता हैं | इसी का एक चेहरा हैं Kishore Daa जिन्हें संगीत कि तालिम नहीं दी गई लेकिन उनके नगमों को भुला पाना ना मुमकिन हैं |
13 October 1987 को Kishore Daa ने अलविदा कह दिया पर इन्हें अपनी जन्म भूमि से बहुत प्रेम था और उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को उनके जन्म स्थान Khandwa लाया गया और वहीँ उनका अंतिम संस्कार किया गया | आज भी Khandwa में इनका पुष्तेनी घर हैं
इनकी समाधि जिन्हें सभी कलाकार आदर स्वरूप देखते हैं
Recent image Of Kishore Daa’ s Smark “heavy rain के साथ “
Kishore Kumar Jeevan Parichay In Hindi किशोर कुमार कि जिन्दगी सच में जिंदादिली का उदहारण था | उनके जीवन में भले कितने काले बादल आयें हो पर उन्होंने हमेशा हँसते हँसाते जिन्दगी को जिया |
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