Tuesday 29 December 2015

शेयर्स और डिबेंचर्स दोनों ही निवेश के साधन हैं

by Amar Ujala Now  |  in इनफार्मेशनल at  03:22

Shares और debentures दोनों ही मुद्रा निवेश (investment) के साधन हैं और शायद यही वजह है की सामान्य व्यक्ति के लिए इनमें फर्क कर पाना थोड़ा मुश्किल होता हैl असल में दोनों शब्द दो अलग धारणाओं पर आधारित हैं, और इनमें किसी प्रकार का मेल नहीं है l सरल शब्दों में debentures किसी कंपनी के ऋण (debt) को बताता है, जबकि shares कंपनी में भागीदारी को दर्शाता है l आइये इनके मुख्य अंतर पे और प्रकाश डालते हैं l

भागीदारी (Participation) और स्वामित्व (Ownership)
जहाँ एक ओर Debenture Holder कंपनी का ऋणदाता (creditor) होता है और कंपनी के किसी भी आतंरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, वहीँ दूसरी ओर share holder कंपनी के स्वामित्व (ownership) में भागीदारी रखता है तथा कंपनी के महत्वपूर्ण निर्णयों में हिस्सा ले सकता है l  इसके साथ ही share holder कंपनी के सारे मतदान में भी भागीदार होता हैl
प्रतिफल (Returns) तथा बाध्यता (Obligations)
Debenture holder को ब्याज के रूप में प्रतिफल (returns) दिए जाते हैं, जबकि share holder को लाभांश (dividends) के रूप में प्रतिफल प्राप्त होता है l लाभांश (dividends) कंपनी के लाभ या हानि (appropriation of loss and profits) की स्थिति पर निर्भर करता है l
Share Holder को मिलने वाला लाभांश सिर्फ कंपनी के लाभ की स्थिति में ही दिया जाता है l हानि की स्थिति में कंपनी share holder को लाभांश देने के लिए बाध्य नहीं होती l जबकि दूसरी ओर debenture holder को मिलने वाला ब्याज हर हाल में प्राप्त होता है और उनका कंपनी को हुए लाभ या हानि से कोई लेना देना नहीं होता l
प्रतिफल की प्राथमिक्ता तथा भुकतान की अवधि (Priority of Returns and Tenure of Payments)
Debenture के भुकतान का समय और उसकी राशि निश्चित होती है तथा वह उनके issuance के समय ही निश्चित कर दी जाती है l Debenture Holder को एक सुनिश्चित अवधि के पश्चात ही पूर्ण राशि प्राप्त होती है l Debenture का भुकतान dividend के भुकतान के पहले ही कर दिया जाता है, लेकिन share holder का मुनाफा net profit पर निर्भर करता है और उसी प्रकार दिया जाता है l
सुरक्षितता तथा जोखिम (Security और Risk Cover)
क्यूंकि share holder को कंपनी की हानि की स्थिति में लाभांश देने के लिए कंपनी बाध्य नहीं होती, इसीलिए shares में निवेश (invest) करना जोखिम और अनिश्चितता (uncertainities) से भरा होता है l दूसरी ओर debenture holder को ऐसे किसी भी अनिश्चितता का डर नहीं होता l शायद यही कारण है की लोग debentures में निवेश करना ज्यादा उचित और लाभदायी समझतें हैं l
यदि आप के पास किसी कंपनी के debentures हैं तो वह किसी भी समय shares में बदले जा सकते हैं l परन्तु shares को कभी भी debentures में बदला नहीं जा सकता l हालाकि कंपनी के लाभ की स्थिति में shares से मिलने वाला लाभांश बहुत अधिक प्रतिफल (returns) देता है, और यही वजह है की ज्यादा लाभ की इच्छा रखने वाले निवेशक (investors) शेयर्स में निवेश करने का जोखिम उठाते हैं l 

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