Nathu Ram Godse यह नाम किसी actor,leader या किसी celebrity का नहीं | यह नाम उस शक्स का हैं जिसने 30 January 1948 की संध्या में महत्मा गाँधी को shoot कर दिया था और अपने आप को surrender कर दिया,भागने का कोई प्रयास नहीं किया |यह कोई terrorist नही था | Nathu Ram Godse भी एक देश प्रेमी ही थे जो कि स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए थे | लेकिन उनके और उनके साथ जुड़े कई लोगो के अपने कुछ कारण थे जिस कारण उन्होंने Gandhi Ji को मारने का काम किया | देश के कई लोग Nathu Ram से सहमत हैं और कुछ नहीं |
कुछ कारण आपके सामने हैं :
1. इसका मुख्य कारण जातिवाद था| आरक्षण जैसे मुद्दे और मुस्लिम लीग को मिलने वाले हक़ से देश में काफी तनाव था | मानना यह था कि सभी मुस्लिम को पाकिस्तान ही भेज देना चाहिए था |
2. जलियांवाला बाग़ हत्याकांड में जनता जनरल डायर के खिलाफ़ लड़ना चाहती थी पर Gandhi Ji ने देश का विरोध किया |
3. Bhagat Singh और उनके साथियों की फांसी के वक्त देशवासी Gandhi Ji से उम्मीद लगाये हुए थे कि वह उन्हें बचा ले पर Gandhi Ji की नजरो में Bhagat Singh एक हिंसक व्यक्ति था इसलिए उन्होंने देशवासियों को इनकार कर दिया |
4. अपने वक्तव्य में Gandhi Ji ने भारत वासियों को मुस्लिम लीग के द्वारा किये गए हिंसा के खिलाफ़ झुकाया |
5. मोहम्मद अली जिन्ना का समर्थन |
6. 1948 में सोमनाथ मंदिर की मरम्त के कार्य को स्वीकृति मिल गई थी लेकिन Gandhi Ji ने उसे रुकवा दिया एवम बाद में मस्जिद की मरम्त के लिए अनशन पर बैठ कर मुस्लिम लीग की अगुवाई की |
7. अपने उदभोदन में Gandhi Ji महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी एवम गुरु गोविन्द सिंह को दिशाहीन देश भक्त बताया |
8. विभाजन के तुरंत बाद पकिस्तान ने भारत पर युध्द का बिगुल बजा दिया जिस कारण central government ने विभाजन के वक्त तय की गई राशि 55 करोड़ रूपए ना देने का फैसला किया जिसका Gandhi Ji ने विरोध किया और अनशन पर बैठ कर पकिस्तान को रुपये दिलवाए |
9. काँग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए वल्लभभाई पटेल का चुनाव किया पर Gandhi Ji के हठ के कारण Javaharlaal Nehru को अध्यक्ष बनाया गया |
ऐसे कुछ कारण हैं जिस कारण देश के कई लोग Gandhi Ji से बेहद नाराज थे इस तरह के फैसले Gandhi Ji ने क्यूँ किये इसका उत्तर केवल वही दे सकते थे | कई बड़े authors का भी यही कहना था कि Gandhi ji की सोच को समझ पाना आसान नहीं था उन्होंने देश को आजादी दिलाने के साथ देश के व्याप्त कई कुरीतियों का भी नाश किया जिस कारण इन्हें प्रेम के साथ नफरत भी मिली और इसी नफरत के परिणाम स्वरूप उन्हें देश के नागरिक ने ही गोलियों से छल्ली कर दिया |
Gandhi जी को मारने के पहले भी प्रयास किये गए थे :
प्रथम प्रयास:
उन्हें मारने का प्रयास दो बार किया गया | 20 January 1948 को Birla House Delhi में Madan Lal Pahva ने Gandhi Ji की सभा में एक bomb फेंका और उन्हें गोली मारने के लिए बन्दुक उठाई पर उनकी बन्दुक का trigger जाम हो गया जिस कारण Gandhi Ji बच गए लेकिन Madan को arrest कर लिया गया और उनके साथ वहां से भाग निकले |
अंतिम प्रयास:
इसके बाद NathuRam ने इस हत्या की कमान ली पहले शस्त्र की व्यवस्था की गई फिर 30 january 1948 को Birla House की प्रार्थना सभा में वह Gandhi Ji के सामने आये उन्हें प्रणाम करते ही उन पर 3 गोलिया दाग दी और भागने का कोई प्रयास नहीं किया |
जवाबदारी:
इस हत्या के लिए Nehru और Patel दोनों को जवाबदार माना जाता है जब 10 days पहले Gandhi ji पर हमला हो चूका था तब उनकी सुरक्षा का दायित्व इन्ही पर था |
मुकदमा :
Nathu Ram Godse के साथ अन्य 17 लोगो पर पंजाब के न्यायालय में मुकदमा चलाया गया | 8 November 1949 को इस मुकद्दमे की पैरवी हुई जिसमे Godse के साथ अन्य को भी सज़ा मिली |15 November 1948 को Godse को फांसी दे दी गई | Godse ने यह माग कि थी की उन्हें खुद उनका मुकद्दमा सुनाने की इजाजत मिले और उनकी यह मांग पूरी की गई पर government ने इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया जिसके लिए उनकी फांसी के कई वर्षों बाद तक उनके भाई Gopal Godse ने मुकद्दमा लड़ा और प्रतिबन्ध हटवाया | NathuRam की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए वह दस्तावेज प्रकाशित किये गये जिसमे 100 से अधिक कारण लिखे गए थे जिस वजह से उन्होंने Gandhi ji की हत्या की |
Nathu Ram Godse केवल एक हत्यारे के रूप में जाने जाते हैं लेकिन वह भी एक सच्चे देश भक्त थे |
Early Life :
इनका जन्म 19 May 1910 में baramati Maharashtra में हुआ | यह एक ब्राह्मण परिवार से थे इनके माता पिता ने इन्हें कई वर्षो तक एक लड़की के रूप में पाला क्यूंकि इनके दो पुत्र कम आयु में ही मर गये केवल बेटी ही जीवित थी इसलिए उन्होंने मान्यता मानी की अन्य पुत्र की प्राप्ति तक वह नाथूराम को पुत्री की तरह ही पालेंगे | इसके बाद उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई और उन्होंने Nathu Ram को एक पुत्र का दर्जा दिया |
Education:
इनकी प्रारंभिक शिक्षा पुणे में ही हुई पर आगे इन्होने कोई ज्ञान प्राप्त नहीं किया | धर्मिक कार्यो में इनका बहुत रुझान था इसलिए इन्होने Geeta, Ramayan, Ved और Vivekanand जी की कृतियों को पढ़ा | इनका जीवन सरल और उच्च विचारो वाला था |
Politics:
देश प्रेम के भाव इनमे जन्म काल से ही थे | सबसे पहले वह Akhil Bhartiya Congress से जुड़े फिर उसे त्याग कर वह Rashtriya Swyam Sewak Sangha का हिस्सा बने | 1930 में Akhil Bhartiya HinduMahasabha के सदस्य बने | इस दौरान अग्रिणी और हिन्दूराष्ट्र दो समाचार पत्रों का सम्पादन किया | इन्होने मोहम्द अली जिन्ना का विरोध किया | इसी कारण वह Gandhi Ji के हिन्दुओ के साथ किये जाने वाले भेद भाव से नाराज थे |
अंतिम वाक्य :
मरते वक्त Godse ने कहा कि वह एक सच्चा देश सेवक हैं उसने जो भी किया वह उसकी देश भक्ति ही थी जिसे कोई पाप समझे तो ठीक और जो इसे पुण्य समझे में उसके लिए नत मस्तक हूँ |
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