Monday 21 December 2015

Indian President ‘K.R. Narayanan’ Facts

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  21:42

कोचेरिल रमण नारायण

कोचेरिल रमण नारायण (K.R. Narayanan) स्वतंत्र भारत के पहले दलित एवं मलयाली राष्ट्रपति थे| इनका जन्म 27 अक्टूबर 1920 में केरल के एक छोटे से गांव पेरुमथॉनम उझावूर, त्रावणकोर में हुआ था| K.R. Narayanan बहुत गरीब परिवार के थे| वे परवान जाति के थे जिसके अनुसार उन्हें नारियल तोड़ कर अपना भरण पोषण करना होता था| इनके पिता का नाम Kocheril Raman Vaidyar एवं माता का नाम Punnaththuraveettil Paappiyamma था| उन्होंने भारतीय पद्धति की चिकित्सा Siddha and Ayurveda का गहराई से अध्यन किया था जिसकी वजह से सभी इनका बहुत सम्मान करते थे| K.R. Narayanan सात भाई बहिन थे और वे चोथे number के थे| इनकी एक बड़ी बहिन गौरी होमियोपैथी थी| गरीब होने के बावजूद इनके पिता ने शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी|



R. Narayanan की प्रारंभिक शिक्षा 1927 में उझावूर के अवर प्राथमिक विद्यालय में हुई थी| उस समय आने जाने का उचित साधन नहीं होता था जिस वजह से उन्हें रोज 15 km पैदल जाना पड़ता था शिक्षा के लिए| R. Narayanan जी के पिता के पास इतनी राशि भी नहीं होती थी की वे अपने बच्चों को शिक्षा शुल्क दे सके जिस वजह से बालक Narayanan को हमेशा अपनी class के बाहर खड़े हो कर ही शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती थी| K.R. Narayananजी के पास किताबें खरदीने के लिए भी पैसे नहीं होते थे, वे अपने दोस्तों से किताबें ले कर नक़ल कर लेते थे| 1931 – 1935 तक R. Narayanan ने Our Lady of Lourde स्कूल से शिक्षा प्राप्त की| सन 1937 में R. Narayanan जी ने st. merry high school से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की| स्कॉलरशिप की मदद से Narayanan जी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा कोट्टायम के सी. एम. एस. स्कूल से 1940 में पूरी की| 1943 में उन्होंने B.A (hons) एवं M.A English literature में त्रावणकोर विश्वविद्यालय से किया| वे पहले ऐसे दलित हे जिन्होंने first class में अपनी degree पूरी की|

1944-45 में Narayanan जी ने the Hindu and the times of india में पत्रकार के रूप में कार्य किया| इस दौरान 10 अप्रैल 1945 में उन्होंने गांधीजी का interview भी लिया था| K.R. Narayanan जी को हमेशा से विदेश जा कर पढाई करने का मन था किन्तु उनकी आर्थिक स्थिति उसकी इजाजत नहीं देती थी| scholarship का भी उस समय प्राबधान नहीं था, सो Narayanan जी ने JRD tata को एक चिठ्ठी लिख कर मदद मांगी| Tata ने उनकी मदद की और वे political science की शिक्षा के लिए london school of iconomics चले गए|

1948 में वे भारत लौट आए और उनके प्रोफेसर Laski ने उन्हें नेहरूजी से मिलवाया| नेहरूजी ने उन्हें IFS की job दिलवाई फिर K.R. Narayanan जी 1949 में Burma चले गए| इस दौरान 1954 में Delhi school of economics में उन्होंने बच्चों को शिक्षा भी दी| 1978 में IFS के रूप में जब उनका कार्यकाल समाप्त हुआ उसके बाद वे 1979 से 80 तक जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में उपकुलपति रहे| इसके बाद 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिराजी ने Indian ambassador america के लिए 1980 से 84 तक बना दिया|


इंदिराजी जी के कहने पर 1984 में वे राजनीति में आ गए एवं लगातार तीन लोकसभा चुनावों ओट्टापलल (केरल) में कांग्रेस की सीट से विजयी होकर लोकसभा पहुंचे| 1985 में वे राजीव गांधी सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में सम्मिलित किए गए| इन्होंने योजना, विज्ञान, विदेश से जुड़े मामले एवं तकनिकी से जुड़े कार्य को संभाला| 1989 में जब कांग्रेस सत्ता से बहार हो गई थी तब K.R. Narayanan जी एक विपक्षी सांसद के रूप में अपना कार्य देखते थे| किन्तु जब 1991 में कांग्रेस वापस सत्ता में आई तब Narayan जी को cabinet में शामिल नहीं किया गया| राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा जी के कार्यकाल में K.R. Narayanan जी को 1992 में उपराष्ट्रपति बनाया गया| 17 जुलाई 1997 में Narayan जी को राष्ट्रपति बना दिया गया| उन्होंने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद हासिल किया|

राष्ट्रपति कार्यकाल के दोरान उन्होंने दलित, अल्पसंख्य एवं गरीबों के लिए बहुत कार्य किया| 2002 में K.R. Narayanan जी का कार्यकाल समाप्त हो गया|

9 नवम्बर, 2005 को आर्मी रिसर्च एण्ड रैफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में उनका निधन निमोनिया बीमारी के कारण हो गया|

Indian President ‘K.R. Narayanan’ Facts In Hindi यह ब्लॉग हिंदी पाठको की सुविधा के लिए लिखा गया हैं | अगर लिखी गई जानकारी के अलावा आप कुछ Indian President ‘K.R. Narayanan’ Facts Facts के बारे में कुछ कहना चाहते हैं तो हमे कमेंट बॉक्स में लिखे |

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