गुलजारीलाल नन्दा (1898-1998)
गुलजारीलाल नन्दा भारत के चौथे प्रधानमंत्री थे, परन्तु नेहरूजी के बाद इनका स्थान दूसरा था| इनका जन्म 4th जुलाई 1898 में पंजाब के सिलायकोट(पकिस्तान) में हुआ था | इनके पिता का नाम बुलाकी राम नन्दा एवम उनकी माता का नाम ईश्वर देवी नन्दा था| इनकी प्रारम्भिक शिक्षा सिलायकोट में,एवम उच्चत्तर शिक्षा लाहौर के ‘फोरमेन क्रिश्चयन कॉलेज’ और इलाहबाद के विश्वविद्यालय से सम्पन्न हुई | यह कला-संकाय एवम कानून शास्त्र में पारंगत हुए | 1916 में इन्होने लक्ष्मीदेवी से विवाह किया | यह बहुत ही सरल स्वभाव के निष्ठावान व्यक्ति थे | यह गांधीजी के विचारो से काफी प्रभावित थे सदैव उन्ही का अनुसरण पूरी निष्ठा से किया| इन्होने दिल से भारत की सेवा की जिसके बदले में इन्हें कभी कुछ मांग नहीं की |
गुलजारी लाल नंदा जीवन परिचयIndian prime minister gulzarilal nanda facts in hindi
भारत की आजादी में इन्होने असीम योगदान दिया,यह देश के लिए सदैव समर्पित रहे| 1921 में इन्होने गाँधी जी के नेतृत्व में ‘असहयोग-आन्दोलन’ में भाग लिया | यह बम्बई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के अध्यापक के रूप में कार्यरत रहे | अध्यापक के रूप में इन्हें छात्रो का बहुत स्नेह प्राप्त हुआ | 1922-1946 तक इन्होने अहमदाबाद की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में लेबर एसोसिएशन के सचिव के रूप में कार्यभार सम्भाला| इन्होने श्रमिको की समस्या को सदैव समझा एवम उनका निर्वाह किया| ‘सत्याग्रह’ एवम ‘भारत-छोडो’ आन्दोलन के दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया |
1937-1939 में यह विधानसभा के सदस्य रहे, इस समय इन्होने श्रम एवम आवास मंत्रालय सम्भाला| 1947-1950 में इन्हें विधायक नियुक्त किया गया| विधायक के तौर पर इन्होने कई सराहनीय कार्य किये| 1947में इन्होने ‘इन्डियन नेशनल ट्रेड यूनियन काँग्रेस’ की स्थापना की |इनकी कार्य के प्रति निष्ठा को देखकर इन्हें दिल्ली बुलाया गया| इन्हें सरकार ने अहम भूमिका एवम कार्यभार दिए| यह 1950 में योजना आयोग के उपाध्यक्ष बनाये गये| भारत की पंच-वर्षीय योजनाओ में इनका भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ| जवाहरलाल नेहरु इनके कार्य से बहुत प्रभावित थे | यह मंत्री मंडल में केबिनेट मंत्री के पद पर रहे और 1951-1952 तक योजना मंत्रालय का कार्यभार सम्भाला| 1952-1955 तक नदी-घाटी परियोजना में अहम योगदान दिया| 1957-1967 में सिचाई एवम उर्जा विभाग को भी सम्भाला| 1963-1964 में इन्होने श्रम और रोजगार विभाग के कार्यभार का निर्वाह किया|यह प्रथम पाँच आम चुनावों में लोकसभा के सदस्य चुने गये हुए। यह 1964 में नेहरु जी की म्रत्यु के पश्चात कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाये गये थे एवम 1966 में लाल बहाद्दुर शास्त्री की मृत्यु के पश्चात पुन: कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाये गये| 1997 में इन्हें ‘भारत-रत्न’ और ‘पद्मविभूषण’ से सुशोभित किया गया |
गुलजारीलाल नन्दा जी एक कुशल लेखक के रूप में भी जाने जाते है, इन्होने कई अनमोल रचनाओ को जन्म दिया,उनमे से कुछ इस प्रकार हैं “सम आस्पेक्ट्स ऑफ़ खादी”,” अप्रोच टू द सेकंड फ़ाइव इयर प्लान”,” गुरु तेगबहादुर”,” संत एंड सेवियर”,” हिस्ट्री ऑफ़ एडजस्टमेंट इन द अहमदाबाद टेक्सटाल्स”,” फॉर ए मौरल रिवोल्युशन” एवम“सम बेसिक कंसीड्रेशन” आदि|
इनका निधन 15 जनवरी 1998 को हुआ। इन्हें 100 वर्षो की दीर्घ आयु प्राप्त हुई | सरल एवम शान्त स्वभाव के इस शक्स ने आजीवन के लिए सबके दिलो में जगह बनाई |
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