Tuesday, 22 December 2015

मकर संक्रांति का महत्व

by Amar Ujala Now  |  in त्यौहार at  00:16

भारत देश में हर साल 2000 से अधिक festival मनाये जाते है| इन सभी festival के पीछे महज सिर्फ परंपरा या रूढि बातें नहीं होती है, हर एक festival के पीछे छुपी होती है ज्ञान, विज्ञान, कुदरत, स्वास्थ्य और आयुर्वेद से जुड़ी तमाम बातें| हर साल 14 जनवरी को हिन्दूओं द्वारा मनाये जाना वाला festival मकरसंक्रांति को ही लें, पौष मास में सूर्य से मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है| वैसे तो संक्राति साल में 12 बार हर राशि में आती है लेकिन मकर और कर्क राशि में इसके प्रवेश पर विशेष महत्व है| जिसके साथ बढती गति के चलते दिन बड़ा तो रात छोटी हो जाती है| जबकि कर्क में सूर्य के प्रवेश से रात बड़ी और दिन छोटा हो जाता है|



मकर संक्रांति (Makar Sankranti)किसानों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है, इसी दिन सभी किसान अपनी फसल काटते है| मकर संक्रांति (Makar Sankranti) भारत का सिर्फ एक ऐसा festival है जो हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है| हिन्दूओं के लिए सूर्य एक रोशनी, ताकत और ज्ञान का प्रतीक होता है| मकर संक्रांति festival सभी को अँधेरे से रोशनी की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देता है| एक नए तरीके से काम शुरू करने का प्रतीक है| मकरसंक्रांति (Makar Sankranti) के शुभ मुहूर्त में स्नान, दान, व पूण्य का विशेष महत्व है| इस दिन लोग गुड़ व तिल लगाकर किसी पावन नदी में स्नान करते है| इसके पश्चात् गुड़, तिल, कम्बल, फल दान किया जाता है| इस दिन लोग खिचड़ी बनाकर भगवान सूर्यदेव को भोग लगाते हैं, और खिचड़ी का दान तो विशेष रूप से किया जाता है| जिस कारण यह (Makar Sankranti) पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है|
भारत वर्ष में मकर संक्रांति (Makar Sankranti)हर प्रान्त में बहुत हर्षौल्लास से मनाया जाता है| लेकिन इसे सभी अलग अलग जगह में अलग नाम और परंपरा से मनाया जाता है|
• तमिलनाडु में इसे पोंगल नाम से मानते है|
• उत्तरायण नाम से इसे गुजरात और राजस्थान में मनाया जाता है| इस दिन गुजरात में पतंग उड़ाने का comptition रखा जाता है जिसमे वहां के सभी लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है| गुजरात में यह एक बहुत बड़ा festival है इस दौरान वहां 2 दिन का national holiday भी होता है|
• मकरसंक्रांति नाम से बिहार, गोवा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, सिक्किम में मानते है|
• मगही नाम से हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में मानते है|
• पंजाब में लोहड़ी नाम से इसे मनाया जाता है जो सभी पंजाबी के लिए बहुत महत्व रखता है, इस दिन से सभी किसान अपनी फसल काटना शुरू करते है और उसकी पूजा करते है|
• माघ बिहू असम के गाँव में मनाया जाता है|
• कश्मीर में शिशुर सेंक्रांत नाम से जानते है|
• उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में इसे खिचड़ी का पर्व कहते है|
• कर्नाटक और आंधप्रदेश में मकर संक्रमामा नाम से मानते है|
भारत के अलावा मकर संक्रांति (Makar Sankranti) दुसरे देशों में भी प्रचलित है लेकिन वहां इसे किसी और नाम से जानते है|
• नेपाल में इसे माघे संक्रांति कहते है| नेपाल के ही कुछ हिस्सों में इसे मगही नाम से भी जाना जाता है|
• thailand में इसे songkran नाम से मनाते है|
• Myanmar में Thingyan नाम से जानते है|
• Cambodia में moha sangkran नाम से मनाते है|
• श्री लंका में Ulavar Thirunaal नाम से जानते है|
• Laos में Pi Ma Lao|

भले विश्व में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) अलग अलग नाम से मानते है लेकिन इसके पीछे छुपी भावना सबकी एक है वो है शांति और अमन की| सभी इसे अंधेरे से रोशनी के पर्व के रूप में मानते है|
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