डाइबिटीज (Diabetes) आज के समय की विकट समस्या हैं, जिसने पूरी दुनियाँ में अपना आतंक फैला रखा हैं | मधुमेह पर नियंत्रण तो किया जा सकता हैं, पर इसे जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता |डाइबिटीज को अगर नियंत्रित ना किया जाये, तो इसका असर किडनी (गुर्दा), आँख, हृदय तथा ब्लड प्रेशर पर पड़ता हैं | डायाबिटिज की बीमारी में शरीर में ब्लड शुगर या ब्लड गुलुकोस की मात्रा बढ़ जाती है| ऐसा तब होता है, जब शरीर में होरमोन इन्सुलिन की कमी हो जाती है या वो इन्सुलिन हमारे शरीर के साथ सही ताल मेल नहीं बिठा पाते|
आइये जाने क्या हैं मधुमेह (What is Madhumeha Diabetes in hindi) :
यह रोग किसी विषाणु या कीटाणु के कारण नहीं होता हैं | मनुष्य उर्जा के लिए भोजन करता हैं यह भोजन स्टार्च में बदलता हैं फिर स्टार्च ग्लूकोज़ में बदलता हैं जिन्हें सभी कोशाओं में पहुँचाया जाता हैं जिससे शरीर को उर्जा मिलती हैं | ग्लूकोज को अन्य कोशिकाओं तक पहुँचाने का काम इन्सुलिन का होता हैं और मधुमेह रोगी के शरीर में इन्सुलिन बनना बंद अथवा कम हो जाता हैं जिससे शरीर में ग्लूकोज़ अथवा शक्कर की मात्रा अधिक हो जाती हैं |
मधुमेह 2 प्रकार की होती हैं (Types Of Madhumeha )
टाइप 1 मधुमेह (Madhumeha) : मधुमेह के रोगी के शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम बनती हैं, जिसे नियंत्रित किया जा सकता है, पर खत्म नही किया जा सकता| इसमें रोगी को बाहर से इन्सुलिन दिया जाता हैं | जिससे उनका जीवन सामान्य चलता रहता हैं | टाइप 1 डाइबिटीज में अग्नाशय की बीटा कोशिकाएँ इन्सुलिन नहीं बना पाती हैं, जिसका उपचार असम्भव हैं |यह डायाबिटिज बच्चों और 19 साल तक के युवाओं को बहुत जल्दी एफेक्ट करती है|
टाइप 2 मधुमेह (Madhumeha) : टाइप 2 मधुमेह के रोगी के शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम होती हैं या शरीर इन्सुलिन का पुर्णतः इस्तेमाल नहीं कर पाता | इसमें शरीर इन्सुलिन बनाता तो है, लेकिन काम मात्रा में और कई बार वो इन्सुलिन अच्छे से काम नहीं करते है| टाइप 2 डाइबिटीज़ को योग, परहेज तथा उचित खान-पान के ज़रिये नियंत्रित किया जा सकता हैं | यह डायाबिटिज वयस्कों को होती है
डायाबिटिज के रोगी के शरीर में शक्कर की मात्रा को संतुलित रखना आवश्यक होता हैं, क्यूंकि कम तथा अधिक दोनों ही स्थिती में रोगी के लिए यह प्राण घातक हो सकता हैं |
डायाबिटिज होने के कारण (Reason of Diabetes)–
- high ब्लडप्रेशर
- अनुवांशिक
- इन्सुलिन की कमी
- high कोलेस्ट्रोल
- सही खानपान ना होना
- तनाव
- शारीरिक काम की कमी
- ड्रग्स, स्मोक करना
डायाबिटिज के लक्षण (Features Of Diabetes)
- अत्यधिक भूख लगना |
- अधिक नींद आना |
- प्यास ज्यादा लगना |
- पेशाब ज्यादा लगना |
- किसी घाव को भरने में बहुत अधिक समय लगना
- शरीर के कुछ भागों का सुन्न होना अथवा झिनझिनी महसूस होना |
- आँख में कम दिखाई देना
- जल्दी थकान होना
- अचानक से वजन का कम होना
- किसी भी चीज का जल्दी इन्फेक्शन होना
- जल्दी चिंता करना
मधुमेह में ध्यान रखे ( Care Tips for Madhumeha)
- उचित समय अंतराल में मधुमेह (डाइबिटीज़ ) की जांच करे |
- खाने की रोज़मर्रा की आदतों में बदलाव लाये जैसे शक्कर ना ले, टुकड़ों में बार बार परन्तु कम भोजन ले | दिन भर का एक उचित समय सारणी बनाये तथा उसका पालन करें |
- पर्याप्त 6- 7 hrs की नींद ले |
- संतुलित आहार ले साथ ही वसा ना ले |
- अपने वजन का ध्यान रखें |
- मॉर्निंग वॉक एवम योग को दिनचर्या में शामिल करें |
- खान- पान सम्बन्धी जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह ले |
- किसी भी नीम हकिम की बातों में आकार इलाज ना करवाए |
- दवाओं को नियमित ले |
डायाबिटिज को अगर समय रहते नियंत्रित ना किया जाए तो यह आँखों, किडनी आदि पर बहुत बुरा असर डालती हैं| किसी भी तरह की छोटी या बड़ी बीमारी के इलाज के समय मधुमेह का अवलोकन जरुर करे बिना Diabetes की जांच के कोई शल्यचिकित्सा ना करवाये तथा आपको डायाबिटिज हैं यह बात सबसे पहले अन्य डॉक्टर को बताये | महत्वपूर्ण बात मधुमेह रोगी को अगर किसी भी कारण से ह्रदय घात (heart attack) आता हैं तो जरुरी नहीं उसे ह्रदय में दर्द का अहसास हो उसे जबड़ो अथवा बाएं हाथ में भी दर्द हो सकता हैं या कभी कभी कोई दर्द महूसस नहीं होता इसलिए जब भी घबराहट हो और बिना वजह पसीना आये तब तुरंत डॉक्टर को दिखाए |
मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं जिसका सही तरह से ध्यान रखा जाए तो वह रोगी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती, परन्तु वक्त रहते इसका उपाय अवश्य करे | कहते है अगर डायाबिटिज की बीमारी एक बार हो जाये तो वो इन्सान की म्रत्यु के साथ ही जाती है| डायाबिटिज से पीढ़ीत व्यक्ति अपने आप को कई बार बहुत बीमार महसूस करने लगता है, उस पर खाने पीने की बहुत रोक टोक होती है जिससे वह अपने आपको सबसे अलग मानने लगता है| ऐसा मना जाता है डायाबिटिज से पीढ़ीत व्यक्ति को ही मीठा खाने का बहुत शौक होता है| उसे हमेशा मीठा खाने का मन करता है है लेकिन उसे अपनी इस चाह को खत्म करना होता है| डायाबिटिज बीमारी वाले व्यक्ति को अपना शुगर control में रखने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, जूस लेने की सलाह दी जाती है| उसे दिन में बार बार थोडा थोडा आहार लेना चाहिए| डायाबिटिज में शक्कर, आलू, चावल और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार नहीं खाना चाइये| अगर शरीर में ब्लड शुगर बढ़ जाती है तो घबराहट होने लगती है और कई बार चक्कर भी आ जाते है|
आज में आपको डायाबिटिज control करने के घरेलु नुस्खे और उपाय in hindi आर्टिकल में इस बीमारी के घरेलु और आसान उपाय बताउंगी| डायाबिटिज की बीमारी से पीढ़ीत व्यक्ति ही बता सकता है कि इस बीमारी से उसे कितनी परेशानी है, वो जल्द से जल्द इस बीमारी को जड़ से दूर कर देना चाहता है| तो चलिए आज हम इस बीमारी पर भी हम नेचुरल तरीके से विजय प्राप्त करते है|
डायाबिटिज control करने के घरेलु तरीके
करेला | करेला में गुलुकोस की मात्रा ना के बराबर होती है जिससे ये डायाबिटिज को control करने के लिए बहुत अच्छा मना जाता है| इसे खाने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढती है और वे अच्छे से काम करते है| करेला दोनों तरह की डायाबिटिज बीमारी को control करने में सहायक होता है| करेला का जूस निकालकर उसमें थोडा पानी मिला लें अब इसे रोज सुबह खाली पेट पियें| आप करेला की सब्जी या चिप्स को अपने रोज के खाने में खाएं| |
आम | आम भी डायाबिटिज control में मदद करता है| आम के 10-15 ताजे पत्तों को 1 पानी में डाल कर रात भर रख दें| अगले दिन इसे छानकर खली पेट पी लें| इसे रोज लेने से ब्लड में इन्सुलिन की मात्रा सही बनी रहती है| इसके अलावा आप आम के पत्तों को छांव में सुखाकर पीस लें| अब इस पाउडर को दिन में 2 बार पानी के साथ खाएं| |
तुलसी | तुलसी में शरीर में ब्लड शुगर को कम करने की क्षमता होती है| तुलसी के रस को निकाल लें| अब सुबह खली पेट 2 tbsp तुलसी के रस को पियें| |
दालचीनी | दालचीनी type 2 डायाबिटिज होने पर उसे control करने में बहुत सहायक होता है| 1 tsp दालचीनी पाउडर को 1 कप गुनगुनेपानी में मिलाएं और रोज सुबह पिएँ| इसके अलावा 2-3 दालचीनी स्टिक को 1 कप पानी में उबालें| इसे ठंडा कर रोज पियें| इसके अलावा आप दालचीनी पाउडर को सलाद सूप व चाय में डालकर भी ले सकते है| आप बहुत जल्द आराम मिलेगा| |
मैथी | मैथी शरीर में ब्लड शुगर control करता है| 1 कप पानी में 2 tsp मैथी को रात भर भिगोयें| अगले दिन सुबह खली पेट पानी के साथ मैथी भी खायं| कुछ महीने तक लगातार यह प्रक्रिया करें| |
आमला | आमला में विटामिन c होता है जो डायाबिटिज control करने में सहायक होता है| 2-3 आमला को पीस कर पेस्ट बना लें| इसे एक कपडे में लपेटकर निचोड़ें जिससे इसका जूस निकाल आये| अब रोज सुबह खाली पेट 2 tbsp जूस को 1 कप पानी में मिलाएं और पियें| |
जामुन | डायाबिटिज control करने के लिए जामुन रामवाण की तरह काम करता है| इसमें मौजूद पोषक तत्व ब्लड sugar को बहुत हद तक control करते है| जामुन की पत्ती, फल, बीज सभी डायाबिटिज control करने में सहायक है| जामुन मौसमी फल है, इसलिए जब भी यह आये इसे ज्यादा से ज्यदा अपने आहार में सम्मलित करें| जामुन हमारे भारतीय बाजार में आसानी से मिल जाती है| आप चाहें तो इसकी गुठली को सुखाकर पीस लें और पाउडर बना लें| अब इस पाउडर को 1-1 चम्मच सुबह शाम पानी के साथ खाएं| आपको इससे परिणाम जरुर मिलेगा| आपको डायाबिटिज बहुत हद तक control में रहेगी| |
नीम की पत्ती | नीम की पत्ती डायाबिटिज control करती है क्यूनी इसमें antidiabetic propertie होती है| आप सुबह खाली पेट 8-10 ताज़ी पत्तियों को चबाएं| इसके अलावा आप पत्तियों का जूस निकालकर सुबह पियें| 2-3 महीने लगातार करने रहने से डायाबिटिज control होती है| इसे रोज पीने से कोलेस्ट्रोल की समस्या भी दूर होती है| |
एलोवेरा | एलोवेरा gel बढती हुई ब्लड sugar को control करने में सहायक है| 2-3 तेज पत्ता, 1 tsp हल्दी और 1 tbsp एलोवेरा gel को पीस लें| अब इसे दिन और रात में खाने से पहले खाएं| कुछ महीनों में आराम जरुर मिलेगा| |
अमरुद | अमरुद में विटामिन c और high फाइबर होता है जिसे खाने से ब्लड शुगर control में रहती है| दिन में 1 अमरुद का सेवन इसे control करने में सहायक है| अमरुद को ज्यादा से ज्यादा खाने की कोशिश ना करें ये आपके शरीर के लिए नुकसानदायी भी हो सकता है| |
भिन्डी | भिन्डी खाने से गुलोकोस control में रहता है| भिन्डी के दोनों साइड काट कर कांटे से इसमें बहुत से छेद कर लें| अब इसे 1 गिलास पानी में डाल कर रात भर के लिए रख दें| अलगे दिन सुबह खली पेट इस पानी को पियें| कुछ हफ्तों तक रोज यह करें| इसके अलावा भिन्डी को अपने भोजन में सम्मलित करें| |
ग्रीन tea | रोज सुबह खली पेट 1 कप गरी tea पियें| यह आपके पुरे स्वास्थ के लिए लाभदायक है| |
कुछ अन्य बातें –
- आप समय समय पर अपना ब्लड शुगर चेक क्रेट रहें| हो सके तो एक मशीन घर पार रखे और रोज सुबह चेक करें|
- अच्छी दिनचर्या और डाइट प्लान फॉलो करें|
- फाइबर से भरपूर आहार ज्यादा से ज्यादा खाएं|
- सुबह सुबह 5-10 min सूर्य की रोशनी में टहलें|
- ज्यादा से ज्यादा पानी पियें|
- तनाव ना लें|
- योग, एक्सरसाइज, चहलकदमी को अपनी आदत में शामिल करें|
11 November को World diabetes Day कहा जाता हैं |
इस आर्टिकल में लिखी सभी बातो का ध्यान रखे | अगर बीमारी हो जाए तो डरे नहीं, विज्ञानं से आज बहुत उन्नति की हैं| बस थोडा सावधानी के साथ जीवन जिये | बीमारी से डर कर हार मान लेना घातक हैं |
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