Monday, 21 December 2015

Indian Prime Minister ‘Rajiv Gandhi’ Facts

by Amar Ujala Now  |  in सामान्य ज्ञान at  03:06

राजीव गाँधी (1944-1991)

राजीव गाँधी भारत के पहले युवा प्रधानमंत्री थे, इन्हें इन्दिरा गाँधी की मृत्यु के बाद 1984 में भारी बहुमत से जिताया गया | यह भारत के नोंवे प्रधानमंत्री थे |यह बहुत ही सरल स्वभाव के धेर्यवान व्यक्ति थे| अहम निर्णय सदैव पार्टी के लोगो से परामर्श लेकर ही करते थे | यह बहुत सहनशील युवा के प्रतिबिम्ब थे | यह भारत के लिए एक नवीन अनुभव की छवि रखते थे| इन्होने देश को आधुनिकता की तरफ अग्रसर किया | युवाओ को आगे बढाने के लिए उनके हित में कई निर्णय एवम बदलाव किये | सरलता से राजनीती को चलाने में इनका कोई तोड़ ना था ,मरणोपरांत 1991 में इन्हें “भारत रत्न” से नवाज़ा गया |




इनका जन्म 20 अगस्त 1944 में Mumbai में हुआ | यह इन्दिरा और फ़िरोज़ गाँधी के पुत्र थे | इन्होने 1968 में इटली की एंटोनिया मैनो से विवाह किया,जिन्हें आज सब सोनिया गाँधी के नाम से जानते है,यह नाम इन्हें विवाह के बाद मिला| इनकी दो सन्ताने है राहुल और प्रियंका | इनका पूरा परिवार राजनीती से प्रेरित रहा पर इन्हें राजनीती से लगाव नहीं था |आज भी इनकी पत्नी सोनिया काँग्रेस की अध्यक्ष है एवम बेटा राहुल भी सासंद के रूप में कार्यरत है |
इनकी प्राथमिक शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित विद्यालय से हुई ,जहाँ महानायक अमिताभ बच्चन से इनकी मित्रता हुई | आगे की पढाई इन्होने लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज से की एवम कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनियर बनकर भारत लौटे | भारत आकर इन्होने एक पायलट के तौर पर Indian airlines में काम किया |


कहा जाता है राजीव को राजनीती में बिलकुल intrest नहीं था पर वक्त के पलटवार के कारण इन्हें राजनीती में आना ही पड़ा | 23 जून 1980 में संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण राजीव गाँधी को 1982 से इन्दिरा के साथ राजनीती में आना स्वीकार करना पड़ा | उन्होंने अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीता और संसद में स्थान बनाया परन्तु 31 अक्टूबर 1984 में इन्दिरा की हत्या के बाद इन्हें काँग्रेस की पूरी बागडौर सम्भालनी पड़ी| जिसके बाद election में यह भारी votes से जीते |
यह एक युवा प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश की प्रगति में अमिट योगदान दिया, इन्होने देश में संचार क्रांति, computer जैसे विज्ञानं को भारत में आरम्भ किया | इन्होने शिक्षा को हर तरफ से बढाया एवम 18 वर्ष के युवाओ को मत अधिकार और पंचायतीराज को भी शामिल किया | इन्होने कई अहम फैसले लिए जिसमे श्रीलंका में शांति सैना भेजना, असम,मिजोरम एवम पंजाब समझौता आदि | इन्होने कश्मीर और पंजाब में हो रही आंतरिक लड़ाई को भी काबू में करने की भरपूर कोशिश की| इन्होने युवा को रोजगार मिले इस हेतु भी कई प्रयास किये| जवाहर रोजगार योजना start की|

यह स्वयम भ्रष्टाचार विरोधी थे पर इन पर बोफोर्स कांड के लिए भष्टाचारी होने के आरोप लगे| 1980 और 1990 के बीच काँग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगा उस वक्त राजीव प्रधानमन्त्री थे | इस घटना में सरकार पर घुस खोरी होने का दावा किया गया| जिसका राजीव के राजनैतिक जीवन पर गहरा आघात पहुंचा और इसका असर आगामी election में दिखाई दिया | 1989 के election में इन्हें हार का सामना करना पड़ा और दो साल तक विपक्ष में रहकर कार्य किया | इनका राजनेतिक जीवन बहुत कष्टदायक था ,जिसके साथ वह अपने धेर्यवान स्वभाव के कारण ही न्याय कर पाए, इसलिए इन्हें बहुत प्यार एवम सम्मान मिला| इनकी अकारण हुई मृत्यु से जनता को गहरा आघात पहुंचा जिसे आज भी याद करके दुःख होता है |

श्रीलंका में हो रहे आतंकी मसलो को निपटाने के लिए इन्होने अहम कदम उठाये, जिस कारण इन पर 1991 में हमला किया गया और इस जैसे महान नेता को भारत ने खो दिया, यह पहली बार नहीं था जब भारत के किसी बड़े नेता को आतंकियों ने मार दिया | यह घटना तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान घटी | इससे पहले भी इन पर जानलेवा हमला किया गया था |इनके परिवार में इन्दिरा और राजीव गाँधी की मृत्यु आतंकियों के कारण हुई पर संजय गाँधी की मृत्यु आज भी एक सवाल बन कर रह गई |ख़बरों की सुने तो उनकी मृत्यु के पीछे इन्दिरा का नाम जुड़ा पाते है | शायद यही राजनीती की एक गन्दी शक्ल है |

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