लोकपाल : यह एक independent body है जो कि दोषी के खिलाफ़ 1 year के अंदर corruption case को investigate करेगी और उसके अगले year में ही वो court में मुकद्दमा दायर कर, उचित फैसले के लिए case चलाएगी | मूलतः यह बिल भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है, लेकिन पीछे 52 वर्षों से यह लागू नहीं हुआ |इस बिल के अंतर्गत Prime Minister, Minister और MPs के साथ सभी government officer और नौकरीपेशा वर्ग भी आते है |
लोकपाल बिल सर्वप्रथम 1968 fourth Lok sabha में introduce कराया गया ,तत्पश्चात 1969 में यह पारित किया गया फिर भी इसे Rajya Sabha में कोई स्थान नहीं मिला| कुछ समय बाद इसे Lok Sabha से भी हटा दिया गया, उसके बाद से अब तक इसे उचित रूप में लागु नहीं किया गया|इस बिल का प्रस्ताव हमेशा ही रखा जाता है पर इसे संशोधन के लिए बार बार लौटा दिया जाता है | 2008 में जब इसका संशोधित रूप सामने आया तब उसमे बहुत सी खामिया थी |
मूलतः लोकपाल बिल एक प्रशासनिक सुधार(Administrative Reforms) के लिए बनी एक committee है जिसमे लोकपाल जो की center और लोकायुक्त जो की state में working करेगा |
Important points of जनलोकपाल बिल :लोकपाल बिल के अंतर्गत आते है लोकपाल जो की center में एवम लोकायुक्त जो की state में कार्यरत रहेगा |
Supreme Court और Election Commission government और नौकरीशाह (bureaucrat) से पूरी तरह independent रहेंगे|
corrupt person के विरुद्ध cases जल्दी file किये जायेंगे और investigate किये जायेंगे और दोषों की पुष्टि के बाद 2 वर्ष का जेल का दंड दिया जायेगा
सरकार को जो भी नुकसान हुआ है corrupted person के कारण उसे उसकी भरपाई करनी होगी
यह जनता के लिए भी बहुत लाभदायक है इसमें अगर किसी भी person का काम दिए गए समय में पूरा नहीं किया गया है तो वह सीधे लोकपाल से इसकी शिकायत कर सकता है लोकपाल उस officer के विरुद्ध कार्यवाही करेगा अगर वो दोषी है तो उसे उचित भुगतान (financial penalty) और नुकसान की भरपाई करनी होगी |
लोकपाल की नियुक्ति किसी political party द्वारा नहीं की जाएगी इसका चुनाव पूरी पारदर्शिता (transparency) के साथ judges, citizens and constitutional authorities के द्वारा किया जायेगा|
अगर लोकपाल की team में कोई member के विरुध्द complain आती है और वह दोषी पाया जाता है तो उसे 2 months के अंदर निशाकसित किया जायेगा |
complaint करने वाले persons को लोकपाल द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी |
दूसरी corruption के खिलाफ़ काम करने वाली committee CBI,CNC etc भी लोकपाल के साथ मिलकर काम करेंगी |
History and protest for Lokpal Bill:
1960 में Law Minister Ashok Kumar Sen ने “ओमबुद्स्मन” सम्विधान को पहली बार संसद में introduce किया | 1963 में Dr.L.M.Singhvi ने “लोकपाल” शब्द को प्रकाशित किया| पहले लोकपाल बिल का प्रस्ताव 1968 में Shanti Bhushan ने किया, जो कि 1969 में पारित किया गया ,इसे राज्यसभा में कोई स्थान नहीं मिला | 1971,1977, 1985 में फिर से लोकपाल बिल Ashok Kumar Sen ने introduce कराया | 1989,1996,2001,2005 और 2008 में फिर से इसे पारित करने की कोशिश की गई पर 52 years में भी यह देश में लागु नहीं किया गया |
2011 में जब Anna Hazare ने लोकपाल बिल की मांग की तब 27 December 2011 को कुछ परिवर्तन (modification) के साथ “जन लोकपाल बिल” के नाम से पारित (pass) किया गया लेकिन इसे Anna और उनकी team accept नहीं किया, इनके साथ political parties ने भी इसका विरोध किया, इसके बाद 29 December 2011 को इसे फिर अगली संसदीय बैठक (next parliamentary session) तक टाल दिया गया | लेकिन इस बीच इस मुद्दे को लेकर काफी बहस हुई सारी political parties , Anna और उनकी team इन सबके साथ media ने इसे राष्ट्रव्यापी आन्दोलन में बदल दिया |
Santosh Hegde (a former Supreme Court Judge and former Lokayukta of Karnataka), Prashant Bhushan (a Supreme Court Lawyer), Arvind Kejriwal(an RTI activist) ने इसे संशोधित किया ,इस बिल के अनुसार जिस भी person को दोषी (corrupt) पाया गया है उसे 2 years के लिए जेल भेजने का एवम उसकी सम्पति को जब्त करने का प्रावधान है और इस निर्णय को लेने और लागु करने के लिए जन लोकपाल को किसी भी तरह की government permission की आवश्यक्ता नहीं है |
India Against Corruption यह एक राष्ट्रव्यापी आन्दोलन था, जिसमे Anna Hazare और उनके कुछ साथियों ने hunger strike किया| Kiran Bedi, Swami Agnivesh एवम shri shri Ravishankar, Mallika Sarabhai जैसे लोग मुख्य रूप से शामिल थे और media के कारण देश का हर व्यक्ति इस आन्दोलन का सदस्य बना | लोगो का गुस्सा अब सामने आ खड़ा था और सैलाब किसी के रोके नहीं रुक रहा था, छोटे से village से लेकर यह राजधानी दिल्ली के आंगन तक इस कदर फैला था जैसे सागर ने भूमि पर दस्तक देदी हो | यह महज़ एक लड़ाई नहीं थी अपितु देश की जनता की वो तकलीफ थी जिसे सह पाना आसान नहीं था |
9 April 2011 को Anna Hazare ने Janatar Mantar New Delhi में लोकपाल बिल की मांग के लिए hunger strike प्रारम्भ की 98 hours के बाद government ने एक notice जारी किया जिसके अंतर्गत एक team बनाई गई, जिसमे government Minister,Civil Society Activists,Anna को शामिल किया गया ताकि एक संशोधित उचित लोकपाल बिल बन सके | देश के युवावर्ग, media और Internet की दुनिया ने मिल कर इस आन्दोलन को उम्मीद से कई गुना बड़ा दिया |
8June 2011 को Anna ने फिर कहा कि अगर 15 August 2011 को लोकपाल बिल पारित (pass) नहीं किया गया तब वह वापस 16 August 2011 से अनशन (fast unto death)पर बैठेंगे |
16 June 2011 को Civil Society ने 71 में से 15 points की बात की जिन पर Joint committee agree करती है |
रामलीला मैदान में police ने आन्दोलन का निर्दयता से विरोध किया जिसका शिकार Swami Ram Dev हुए जिन्होंने इस आन्दोलन में Anna का अनशन में साथ दिया और यह हमेशा से भ्रष्ट्राचार विरोधी रहे है |तब Anna ने media से कहा सम्विधान के अनुसार सभी को अपनी बात कहने का हक़ है |
27 December 2011 को लोकसभा ने लोकपाल बिल पारित (pass) किया जिसमे Indian Army,Indian Air Force , Indian Navy और CBI को लोकपाल से स्वतंत्र (independent)रखा गया |
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